नई दिल्ली। कोविड-19 के मद्देनजर लागू लॉकडाउन के दौरान जो बच्चे अपने गृह जिलों या अन्य प्रदेश में चले गए हैं, उन्हें अधिक परेशान होने की जरूरत नहीं है क्योंकि सीबीएसई उनकी 10वीं और 12वीं की परीक्षा उन्हीं जिलों में करवाने का प्रयास कर रही है। मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने यह जानकारी दी।
निशंक ने कहा कि कोविड-19 संकट के कारण हजारों बच्चे अपने गृह प्रदेश में चले गए थे। ऐसी स्थिति में बोर्ड परीक्षाओं में शामिल होने जा रहे विद्यार्थियों की समस्या को ध्यान में रखते हुए केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने यह फैसला लिया है कि ऐसे विद्यार्थी बोर्ड परीक्षा अपने गृह जिले में ही दे सकते हैं।
मंत्री ने कहा कि छात्रों को परीक्षा देने के लिए बोर्ड द्वारा पूर्व में निर्धारित किए गए परीक्षा केंद्र आने की जरूरत नहीं पड़ेगी और इस बारे में छात्रों को अनुरोध पंजीकृत कराने के लिए सीबीएसई रूपरेखा की घोषणा करेगा।
निशंक ने कहा कि छात्र स्कूल को इस बारे में सूचना दे कि वह किस जनपद में है और कहां से अपनी परीक्षा देना चाहता है। उन्होंने कहा कि सीबीएसई बोर्ड कोशिश कर रहा है कि उनकी सुविधा के अनुसार परीक्षा की व्यवस्था करे।
उन्होंने बताया कि जून के प्रथम सप्ताह में इस बारे में छात्रों को पता चल जाएगा कि उन्हें कहां परीक्षा देनी है? गौरतलब है कि कोविड-19 के प्रसार के कारण स्कूल बंद होने और फिर 25 मार्च से राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन लागू के कारण परीक्षा स्थगित कर दी गई थी और अब यह परीक्षा 1 से 15 जुलाई के बीच होगी। 12वीं कक्षा की लंबित परीक्षा पूरे देश में होगी जबकि 10वीं कक्षा की लंबित परीक्षा केवल उत्तर पूर्व दिल्ली में होगी। (भाषा)