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वैक्‍सीन और बूस्‍टर डोज में क्‍या कोई फर्क है, जानिए क्‍या है और कैसे लगेगा बूस्‍टर डोज?

वैक्‍सीन और बूस्‍टर डोज में क्‍या कोई फर्क है, जानिए क्‍या है और कैसे लगेगा बूस्‍टर डोज?
, सोमवार, 27 दिसंबर 2021 (14:36 IST)
ओमिक्रॉन के बढ़ते खतरे के बीच अब सरकार दोनों वैक्सीन लगवा चुके लोगों को बूस्टर डोज लगाएगी।
सबसे पहले  हेल्थकेयर वर्कर और फ्रंटलाइन वर्कर के साथ-साथ 60 साल से ऊपर के बीमार बुजुर्गों को भी बूस्टर डोज लगाई जाएगी। 10 जनवरी से बूस्टर डोज लगने का सिलसिला शुरू हो जाएगा।

ऐसे में लोगों के मन में सवाल है कि आखिर बूस्टर डोज में क्‍या होगा। क्या इसके लिए कोई नई तरह की वैक्सीन होगी या फिर जो वैक्सीन आपको पहले लगी है, वो ही एक बार फिर लगाई जाएगी।

क्‍या है बूस्टर डोज?
बूस्टर डोज पहली और दूसरी वैक्सीन की तरह ही है। कई लोगों का मानना है कि बूस्टर डोज के लिए खास तरह की वैक्सीन या दवाई तैयार की गई है, जो जल्द ही लोगों को लगाई जाएगी। लेकिन, ऐसा नहीं है। इस एक तरह से तीसरी डोज भी कहा जा सकता है। अगर आपने दो वैक्सीन लगवा ली है तो यह एक तरह से तीसरी वैक्सीन है, जिसे बूस्टर डोज कहा जा रहा है।

विशेषज्ञों का कहना है कि इसमें भी वो ही दवा या वैक्सीन आपके शरीर में लगाई जाएगी, जो पहले दो डोज में लगी है। इसका मतलब है कि बूस्टर में अलग से दवा तैयार नहीं होती है और वैक्सीन ही तीसरी बार में लगाई जाती है।

वैक्‍सीन लेने के दौरान इस बात का ध्यान रखा गया था कि आपने जो पहली डोज ली है, वो दूसरी डोज भी होनी चाहिए। जैसे आपने पहली डोज में कोविशील्ड लगवाई है तो दूसरी डोज में भी आपको कोविशील्ड ही लगी होगी। मगर तीसरी डोज यानी बूस्टर डोज को लेकर कई तरह की रिपोर्ट सामने आ रही है।

दरअसल, इसमें ऐसा जरूरी नहीं है कि अगर आपको जो दो वैक्सीन लगी है, वो ही तीसरी वैक्सीन हो। यानी कोविशील्ड की दो डोज लेने वाले लोगों को कोवैक्सीन भी लगाई जा सकती है। हालांकि, भारत में अभी सेम वैक्सीन ही लगाई जाएगी।

अमेरिका में इस तरह के कई ट्रायल किए गए हैं, जिसमें सामने आया है कि अलग-अलग वैक्सीन लगाने पर भी अच्छे रिजल्ट मिले हैं। इसलिए भारत में ऐसा भी हो सकता है कि भारत में अलग-अलग वैक्सीन को लेकर कुछ फैसला किया जा सकता है।

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