Webdunia - Bharat's app for daily news and videos

Install App

तीसरी लहर में मुंबई ने कैसे लड़ी कोरोना से जंग? BMC के एडिशनल कमिश्नर सुरेश काकाणी से खास बातचीत

रूना आशीष
शुक्रवार, 14 जनवरी 2022 (12:57 IST)
मुंबई में जहां ठंड अपने पैर पसार रही है, वहीं पर कोविड भी परेशानी का सबब बना हुआ है। ऐसे में एडिशनल कमिश्नर बीएमसी, सुरेश काकानी से 'वेबदुनिया' ने खास बातचीत की और हालातों के बारे में मालूमात की।
 
सुरेश काकानीजी का कहना है कि अभी मुंबई की स्थिति नियंत्रण में है। 21 दिसंबर से जबसे हमने टेस्टिंग शुरू की थी तब पहले 10 दिन तो केस बढ़े थे लेकिन अब हमें दिखाई दे रहा है कि केसेस कम हो रहे हैं। हालांकि 1-2 दिन में फिर से थोड़ी-सी बढ़त देखी गई थी। लेकिन फिर भी मैं यही कहना चाहूंगा कि नियंत्रण पूरी तरह से बनाए रखा गया है। ऐसा इसलिए कह रहा हूं, क्योंकि इसमें से बहुत बड़ी तादाद में लोग एसिम्प्टोमैटिक पेशेंट हैं। अस्पतालों में कितने भर्ती हुए हैं, अगर इस संख्या पर बात की जाए तो अभी भी 80% बिस्तर खाली पड़े हुए हैं यानी अभी भी 20% बेड ही भरे हुए हैं।
 
क्या बीएमसी इन हालातों को तीसरी लहर कहना ठीक समझती है?
-बिलकुल तीसरी लहर कहा जा सकता है। 20 दिसंबर की तारीख के आसपास 200-300 केस आना शुरू हुए थे और जिस तरीके से यह संख्या बढ़ रही है, इसे तीसरी लहर कहना ठीक भी रहेगा। हमने 21 हजार का आंकड़ा छू लिया और अब 16 हजार तक पहुंचे हैं।
 
क्या तीसरी लहर की तीव्रता कम है?
-ओमिक्रॉन वैरिएंट की तीव्रता बहुत कम है, पॉवर बहुत कम है, पहली और दूसरी वेव के बनिस्बत। इस बार जो संक्रमित होकर हमारे पास आता है, वह ठीक भी हो जाता है। उसे हॉस्पिटलाइज करने की भी जरूरत नहीं आई है। इसलिए कह सकते हैं कि यह वैरिएंट फैलता तो बहुत तेजी से है लेकिन इसमें अभी भी वो खतरा नजर नहीं आता है।
 
मार्केट में होम किट भी मिलती है। क्या बीएमसी के आंकड़ों का इस पर कोई प्रभाव पड़ता है?
-नहीं, प्रभाव नहीं पड़ता है। हमने सभी लोगों को बोला है कि जब भी कोई होम किट खरीदकर लेकर जाते हैं और घर पर ही टेस्ट करते हैं। आईसीएमआर ने जब इसे मान्यता दी है तो बेहतर है कि आप टेस्ट करने के बाद चाहे रिजल्ट पॉजिटिव आए या नेगेटिव आए, एक बार अपलोड जरूर कर दें।
 
हालिया आंकड़े भी बताते हैं कि 98,000 लोगों ने अपने नतीजों को अपलोड किया है। इससे होता यह है कि हम एक सर्टिफिकेट दे देते हैं। अगर आप का रिजल्ट नेगेटिव है तो आप को नेगेटिव का सर्टिफिकेट मिल जाता है और कभी अगर आप पॉजिटिव हो गए हैं तो यह भी हो सकता है कि आपको बेड ढूंढने में या हॉस्पिटल ढूंढने में परेशानी हो।
 
या हो सकता है कि एक बार फिर से आपका टेस्ट करवाया जाए। तब आपका 1 दिन उसी में व्यर्थ जा सकता है। जैसे-जैसे लोगों में जागरूकता आ रही है, वैसे-वैसे लोग नतीजा अपलोड भी करते जा रहे हैं। यह भी सकता है कि लोग अपना टेस्ट कर लेते हो घर पर, लेकिन अपलोड नहीं करते हो, शायद डर जाते हो?
 
हमने व्यवस्था कुछ इस तरीके से की है कि 1 या 2 दिन में होम किट के लिए भी गाइडलाइन आ जाएगी। जिस भी सेंटर से होम किट भी बेची जा रही हो, हमने उन्हें कहा है कि उनके खरीदने वाले का नाम, पता और मोबाइल नंबर अपने पास लिखकर रख लें। उसके बाद हम उनसे कॉन्टेक्ट करेंगे और पूछेंगे कि क्या आपकी किट इस्तेमाल की गई है? अगर की है तो क्या रिजल्ट है? वे अपलोड कर दें। और अगर आपने इस्तेमाल नहीं की है तो जब भी अगली बार आप इस्तेमाल कर रहे हैं और नतीजा तो जो भी जाता है, उसे अपलोड करना जरूरी होगा।
 
मुंबई फाइनेंशियल कैपिटल मानी जाती है देश की। ऐसे में लोग जागरूक हैं और घरों से कम निकल रहे हैं, लेकिन एक फर्क भी पड़ जाता है कि कहीं इकॉनॉमी का पहिया न रुक जाए?
-बिलकुल यह बात सही है कि मुंबई फाइनेंशियल कैपिटल है, लेकिन हमने मार्केट सारे खुले रखे हैं। इकॉनॉमिक जोन सारे खुले रखे हैं। वहां आने-जाने की संख्या और समय का निर्धारण किया है ताकि लोगों का काम चलता रहे। फिर जहां पर यह लोग जाते हैं, वहां पर बोला ही गया है कि मास्क बिना लगाए घर से ना निकलें। सारे नियमों का पालन करें और मास्क न लगाने पर जुर्माने जैसी बात भी कही गई है।
 
साथ ही एक बात यह भी है कि हमने वैक्नेसीशन ड्राइव चलाया था, वह बहुत ही सफल रहा है। अगर मैं सही हूं तो शायद ही इतने अच्छे प्रतिशत का आंकड़ा किसी और राज्य ने छू लिया हो। हमने 108% टार्गेट पूरा कर लिया है। जो लोग वैक्सीनेशन की उम्र में हैं, उन्हें पहला डोज लगा दिया है और दूसरा डोज 90% लोगों को लगाया जा चुका है तो ऐसे वैक्सीनेशन का कवर तो मिलता ही है।
 
15 साल से ऊपर के बच्चों का भी वैक्सीनेशन किया जा रहा है। पहला डोज हो चुका है और दूसरा दूसरा डोज जब लगेगा, तब हो सकता है कि कई बच्चों की परीक्षा का समय आ जाए।
-हमने 3 तारीख से बच्चों में वैक्सीनेशन ड्राइव शुरू किया है। अभी तक कहीं किसी भी तरीके से साइड इफेक्ट की बात सामने नहीं आई है। हम इन्हें कोवैक्सीन दे रहे हैं जिसके बहुत कम साइड इफेक्ट्स हैं।

कोविशील्ड से साइड इफेक्ट हो सकता है। कभी आपको थकावट आ जाए, नींद आ जाए या बुखार आ जाए लेकिन ऐसा कोवैक्सीन में नहीं है। जहां तक बात रही दूसरे डोज की तो 28 दिन का अंतर दिया गया है। कभी ऐसा हो कि बच्चा उसमें वैक्सीनेशन के लिए नहीं जा पा रहा हो तो 28 दिन के बाद वह कभी भी जा सकता अपने समय की सहूलियत के हिसाब से। लेकिन अच्छा तो यह होता है कि जैसे ही 28 दिन पूरे हुए, जल्दी से जल्दी वैक्सीन को लगा लिया जाए।
 
काकानीजी, अब आप बताइए कि आप पूरे मुंबई का ध्यान रख रहे हैं। आप और आपकी टीम आराम तो कर रही है या नहीं?
-(हंसते हुए) अभी आराम करने का समय कहां है? हम हमारी टीम के साथ लगे हुए हैं काम करने में। अब आराम तभी होगा, जब यह सारा मामला ठंडा हो जाएगा और यह बीमारी चली जाएगी। 

सम्बंधित जानकारी

जरूर पढ़ें

Modi-Jinping Meeting : 5 साल बाद PM Modi-जिनपिंग मुलाकात, क्या LAC पर बन गई बात

जज साहब! पत्नी अश्लील वीडियो देखती है, मुझे हिजड़ा कहती है, फिर क्या आया कोर्ट का फैसला

कैसे देशभर में जान का दुश्मन बना Air Pollution का जहर, भारत में हर साल होती हैं इतनी मौतें!

नकली जज, नकली फैसले, 5 साल चली फर्जी कोर्ट, हड़पी 100 एकड़ जमीन, हे प्रभु, हे जगन्‍नाथ ये क्‍या हुआ?

लोगों को मिलेगी महंगाई से राहत, सरकार बेचेगी भारत ब्रांड के तहत सस्ती दाल

सभी देखें

नवीनतम

भयावह हुआ दाना तूफान, एयरपोर्ट, स्कूल बंद, 190 ट्रेनें रद्द, 10 लाख लोगों को निकाला गया

दीपोत्सव 2024 : 1100 वेदाचार्य करेंगे सरयू आरती, अंतरराष्ट्रीय कलाकारों की होगी रामलीला, बनेंगे नए रिकॉर्ड

UP की सभी 9 सीटों पर SP लड़ेगी उपचुनाव, अखिलेश यादव का ऐलान

महाराष्ट्र : MVA के दलों में 85-85 सीट पर बनी बात, पढ़िए कहां फंसा है पेंच

Meerut : एनसीआर में पेट्रोल पंपों पर मिल रहा मिलावटी तेल, पेट्रोलियम पदार्थ के काले कारोबार का भंड़ाफोड़, 6 आरोपी पुलिस हिरासत में

આગળનો લેખ
Show comments