नई दिल्ली। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, भारत में एक दिन में कोरोना वायरस (Corona virus) कोविड-19 संक्रमण के सबसे ज्यादा मामले शुक्रवार को आए जिनकी संख्या 1752 रही और अब तक कुल संक्रमित रोगियों की संख्या 23452 पहुंच गई। वहीं बीमारी के मामले दोगुने होने की दर पिछले सप्ताह 7.5 की तुलना में सुधर कर 10 दिन हो गई है।
एक अधिकारी ने कहा कि गुरुवार की शाम से कोरोना वायरस संक्रमण के कारण 37 लोगों की मौत हो चुकी है और इस महामारी से मृतकों का आंकड़ा 723 पर पहुंच गया है। उन्होंने कहा कि अब तक करीब 20.52 प्रतिशत संक्रमित रोगी इससे उबर भी चुके हैं।
राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र के निदेशक एसके सिंह ने दैनिक मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि इस समय करीब 9.45 लाख संदिग्ध मामलों पर नजर रखी जा रही है। संक्रमण के लक्षण नजर आने पर इन लोगों के नमूने जांच के वास्ते लिए जा रहे हैं।
कोविड-19 पर सरकार द्वारा बनाए गए एक अधिकार प्राप्त समूह के अध्यक्ष और नीति आयोग के सदस्य वीके पॉल ने कहा कि यदि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समय पर 25 मार्च से राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन लागू करने का कदम नहीं उठाया होता तो भारत में अब तक कोविड-19 के संक्रमण के करीब एक लाख मामले होते।
अधिकारियों ने कहा कि देश में वायरस का प्रकोप नियंत्रण में है। उन्होंने इसका श्रेय मजबूत निगरानी नेटवर्क, लॉकडाउन और नियंत्रण के अन्य उपायों को दिया। सरकार के आंकड़ों के अनुसार, शुक्रवार को देश में आए कुल 1,752 नए मामलों में से महाराष्ट्र में सर्वाधिक 778 मामले सामने आए। इसके बाद गुजरात में संक्रमण के नए मामलों की संख्या 217 है और मध्य प्रदेश में आज 157 रोगियों का पता चला।
इससे पहले एक दिन में सर्वाधिक मामले 20 अप्रैल को आए थे जब एक ही दिन में 1,540 लोग संक्रमण से ग्रस्त पाए गए थे। भारत में कोरोना वायरस संक्रमण का पहला मामला 30 जनवरी को पता चला था। पॉल ने कहा कि उनके आकलन के मुताबिक, कोविड-19 के मामले भारत में दोगुने होने की रफ्तार को कम करने में लॉकडाउन प्रभावी रहा है, यह दर अभी दस दिन है।
उन्होंने कहा, 21 मार्च तक हर तीन दिन में संक्रमण के मामले दोगुने हो रहे थे। जनता कर्फ्यू लगने के बाद 23 मार्च को महत्वपूर्ण मोड़ आया तथा मामले दोगुने होने की दर बढ़कर पांच दिन हो गई। तब तक हम यात्रा प्रतिबंध लगा चुके थे और सामाजिक दूरी का वातावरण तैयार कर चुके थे। बीच में कुछ गड़बड़ियां हुईं और हम थोड़ा पिछड़ गए। लेकिन छह अप्रैल से पुन: मामले दोगुने होने की दर में सुधार हुआ।
पॉल ने भारत द्वारा जांच के लिए अपनाई गई रणनीति को भी इसका श्रेय दिया। उन्होंने कहा कि जांच के मामलों में वृद्धि होने के बावजूद संक्रमण के मामलों का अनुपात नहीं बढ़ा है। सिंह ने कहा कि कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में निगरानी अहम अस्त्र रहा है। उन्होंने कहा, हमने निगरानी व्यवस्था तब से शुरू कर दी थी जब देश में पहला मामला भी सामने नहीं आया था। इस कदम ने संक्रमण फैलने से रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
उन्होंने कहा, विदेश से संक्रमण फैलने से रोकने के लिए अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर पाबंदी लगाने से लेकर लॉकडाउन तक चरणबद्ध उपाय अपनाए गए ताकि संक्रमण के प्रसार की आंतरिक कड़ी को तोड़ा जा सके। स्वास्थ्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि बीते 28 दिन में 15 जिलों में कोई नया मामला नहीं आया है, जहां पहले मामले आए थे।
उन्होंने कहा कि 23 राज्यों के 80 जिले ऐसे हैं जिनमें बीते 14 दिन में संक्रमण का कोई मामला नहीं आया है। उन्होंने विभिन्न राज्यों के दौरे पर गए केंद्रीय दलों के अनुभव के बारे में कहा कि इन दलों ने अस्पतालों की व्यवस्था का जायजा लिया, नियंत्रण क्षेत्रों में रोकथाम की योजना का अध्ययन किया और राज्यों से संक्रमित लोगों के संपर्क में आए लोगों का पता लगाने की प्रणाली मजबूत करने पर बातचीत की।(भाषा)