नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि 10 राज्यों में कोविड-19 (Covid-19) के लगभग 77 फीसदी सक्रिय मामले हैं जबकि कुल सक्रिय मामलों में से 33 फीसदी महाराष्ट्र और केरल के हैं।
इसने कहा कि दुनिया के अधिकतर देशों में कोविड-19 के मामले फिर से बढ़ रहे हैं और भारत की घनी आबादी को देखते हुए देश ने संक्रमण के प्रसार पर अंकुश लगाने में उल्लेखनीय काम किया है। केंद्र ने कहा कि 24 नवंबर तक भारत में कोविड-19 के 92 लाख मामले थें, जिसमें 4.4 लाख से अधिक सक्रिय मामले हैं।
गृह मंत्रालय ने हलफनामे में कहा कि हमारी स्वस्थ दर 93.76 फीसदी हो गई है और करीब 86 लाख लोग महामारी से उबर चुके हैं। पिछले 8 हफ्तों में प्रतिदिन के औसतन मामलों में 50 फीसदी की कमी आई है। वर्तमान में केवल दो राज्यों में 50 हजार से अधिक मामले हैं और वे पूरे सक्रिय मामलों का करीब 33 फीसदी हैं।
इसने कहा कि भारत का केस फेटलिटी रेट (सीएफआर) 1.46 प्रतिशत है जबकि वैश्विक औसत 2.36 फीसदी है। केंद्र ने कहा कि सरकार सीएफआर को कम करने का प्रयास जारी रखेगी और इसे एक फीसदी से नीचे लाएगी और पॉजिटिविटी दर को कम करने के प्रयास तेज करेगी जो वर्तमान में 6.9 फीसदी है।
केंद्र ने कहा कि 10 राज्यों में देश में सक्रिय मामलों का 77 प्रतिशत है। ये राज्य हैं- महाराष्ट्र (18.9 प्रतिशत), केरल (14.7 प्रतिशत), दिल्ली (8.5 प्रतिशत), पश्चिम बंगाल (5.7 फीसदी), कर्नाटक (5.6 फीसदी), उत्तरप्रदेश (5.4 फीसदी), राजस्थान (5.5 फीसदी), छत्तीसगढ़ (पांच फीसदी), हरियाणा (4.7 फीसदी) और आंध्रप्रदेश (3.1 फीसदी)।
इसने कहा कि भारत अब प्रतिदिन औसतन 11 लाख नमूनों की जांच कर रहा है और अप्रैल में 6 हजार नमूनों की जांच से बढ़कर यहां तक पहुंचना एक उल्लेखनीय बढ़ोतरी है।
केंद्र ने 170 पन्नों का हलफनामा सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किया और कहा कि महामारी जिस भयावहता से बढ़ी उससे बाध्य होकर विभिन्न देशों ने कड़े कदम उठाए। इसने जीवन के लगभग हर पहलू को प्रभावित किया है और भारत इसका अपवाद नहीं है। (भाषा)