नई दिल्ली। देश में सरकारी नौकरी पाने की तमन्ना रखने वाले युवाओं में आज भी रेलवे की जॉब्स का आकर्षण बरकरार है। विशेषतौर पर ऐसी स्थितियों में जब सरकारी नौकरियां समाप्त होती जा रही हैं और सरकार द्वारा लंबे समय से खाली पड़े ज्यादातर पदों को या तो समाप्त घोषित कर दिया गया है अथवा उन्हें नहीं भरा जा रहा है, रेलवे की जॉब्स पाने के महत्त्व को आसानी से समझा जा सकता है।
देश के विभिन्न हिस्सों में स्थित रेलवे भर्ती मंडलों द्वारा समय-समय पर रेलवे के खाली पदों को भरने से संबंधित विज्ञापन प्रकाशित किए जाते हैं। इनके बारे में रोज़गार समाचार में और रेलवे की वेबसाइट पर जानकारी प्रदान की जाती है। प्रायः ये पद निचले स्तर से लेकर राजपत्रित अधिकारी पद के समकक्ष के होते हैं और दसवीं पास से लेकर इंजीनियरिंग डिग्रीधारक पदों के अनुसार आवेदन कर सकते हैं।
रेलवे में रिक्तियों को भरने के लिए चयन परीक्षा का आयोजन अखिल भारतीय स्तर पर किया जाता है। यहां ऐसी परीक्षाओं के स्वरूप और इनकी बेहतर तैयारी की जानकारी दी जा रही है ताकि प्रतियोगी इनमें अच्छा प्रदर्शन कर सकें। इन परीक्षाओं में मोटे तौर पर चार विषयों पर प्रश्न पत्र केंद्रीय होते हैं, जनरल अवेयरनेस (सामान्य जागरूकता), अर्थमेटिक एबिलिटी (अंकगणित ज्ञान), रीजनिंग (तार्किक क्षमता) तथा टेक्नीकल एबिलिटी(तकनीकी दक्षता)।
जनरल अवेयरनेस (सामान्य जागरूकता) : रेलवे भर्ती परीक्षाओं में इस विषय का विशेष महत्त्व है क्योंकि इसमें थोड़ी मेहनत से अच्छे अंक बटोरे जा सकते हैं। इसकी तैयारी के लिए प्रतियोगियों को अपने सामान्य ज्ञान को अधिक मज़बूत बनाने पर पूरा ध्यान देना चाहिए। इसके लिए एक या दो अच्छी सामान्य ज्ञान की पुस्तकों का गंभीरतापूर्वक अध्ययन, रोजाना समाचार-पत्र पढने की आदत और ख़बरों के विश्लेषण के लिए पत्रिकाएं पढ़ना काफी उपयोगी सिद्ध हो सकता है। इंटरनेट पर उपलब्ध ऑनलाइन रेलवे परीक्षा सामग्रियों का भी भरपूर तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है।
अर्थमेटिक एबिलिटी (अंकगणित ज्ञान) : नौवीं और दसवीं कक्षा की गणित की पुस्तकों का अभ्यास करें। उनमें दिए गए विभिन्न कॉन्सेप्ट और फॉर्मूलों को पूरी तरह आत्मसात करना आवश्यक है। दूसरे शब्दों में इन फॉर्मूलों का गणितीय प्रश्नों को हल करने में कैसे इस्तेमाल किया जाना है, इस बारे में अच्छी जानकारी होनी चाहिए। मुख्य टॉपिक्स में परसेंटेज, रेशियो एंड प्रोपोर्शन, प्रॉफिट एंड लॉस, टाइम एंड डिस्टेंस आदि का खासतौर पर उल्लेख किया जा सकता है। यह मत भूलें कि मैथ्स में प्रैक्टिस ही सफलता की कुंजी होती है। संबंधित टॉपिक्स के अधिकाधिक प्रश्नों को हल करने का ज्यादा से ज्यादा अभ्यास करने की आदत डालें।
रीजनिंग (तार्किक क्षमता) : इस तरह के प्रश्नों का अभ्यास करने के लिए रीजनिंग पर आधारित पुस्तक अवश्य खरीदें और पहले विभिन्न कांसेप्ट्स को समझें। इसके लिए दिए गए उदाहरणों को भली प्रकार समझने की कोशिश करें। इसके बाद उसमें दिए गए प्रश्नों को हल करें और इस क्रम में विभिन्न प्रकार की रीजनिंग और उनमें निहित तर्कों को समझने का प्रयास भी करें। इस तरह तैयारी करने पर परीक्षा के समय किसी भी तरह का प्रश्न आने पर परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा।
टेक्नीकल एबिलिटी (तकनीकी दक्षता) : इस टेस्ट के अंतर्गत प्रतियोगी द्वारा जिस ट्रेड या हुनर के अंतर्गत रिक्त पद पर भर्ती के लिए आवेदन किया गया है उससे संबंधित तकनीकी दक्षता के ज्ञान का मूल्यांकन किया जाता है। इसमें टेक्नीकल प्रश्न ही पूछे जाते हैं। इसलिए परीक्षा की तैयारी के दौरान अपने तकनीकी ट्रेड की पुस्तकें अवश्य पढ़कर जाएं। सैद्धांतिक ही नहीं बल्कि व्यावहारिक पक्ष से जुडी तकनीकी जानकारी भी होनी जरूरी है। विशेषकर संबंधित ट्रेड के बारे में नई तकनीकी प्रगति से अवगत होना आवश्यक है।
ऐसी परीक्षाओं में बड़ी संख्या में युवा शामिल होते हैं जो अमूमन एक परीक्षा पर केंद्रित तैयारी नहीं करते हुए कई अन्य परीक्षाओं को भी एक साथ साधने की उनकी इच्छा होती है। यह बात अच्छी तरह समझ लेनी चाहिए कि प्रत्येक परीक्षा (बैंकिंग, एसएससी, रेलवे आदि) का अपना विशिष्ट स्वरूप होता है। इसलिए ध्यान रखें कि परीक्षा के अनुसार फोकस होकर तैयारी करने से सफल होने के अवसर बढ़ सकते हैं। इंटरनेट से इन परीक्षाओं के पुराने टेस्ट पेपर्स लेकर जितना अभ्यास करेंगे उतना ही मनोबल और आत्मविश्वास बढेगा। परीक्षा की तैयारी के दौरान नियमित प्रैक्टिस करते रहना चाहिए, बीच-बीच में अभ्यास छोड़ना सही रणनीति नहीं कही जा सकती है। हमेशा यह याद रखें कि ऐसी परीक्षाओं में समय प्रबंधन का विशेष महत्त्व होता है। सैम्पल पेपर्स को निर्धारित समय सीमा में रहकर सॉल्व करने का तरीका बहुत फायदेमंद साबित होगा। (वार्ता)