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विभिन्न क्षेत्रों पर बजट प्रावधानों का असर

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सोमवार, 29 फ़रवरी 2016 (18:25 IST)
वित्तमंत्री के अनुसार देश की अर्थव्यवस्था सही रास्ते पर है और बजट 2016-17 के बजट में उपभोक्ता मूल्य आधारित सूचकांक मुद्रास्फीति नौ फीसदी से कुछ अधिक से 5.4 प्रतिशत तक आ गई है। इस तरह महंगाई में राहत आम आदमी के लिए बहुत बड़ी राहत है। 
कर :
वित्तमंत्री ने बुनियादी संरचनाओं और कृषि पर उपकर लगाने का प्रावधान किया है।
बीड़ी के अलावा तम्बाकू से बने उत्पादों पर एक्साइज शुल्क को 10 से 15 फीसदी तक बढ़ा दिया।
दस लाख से अधिक कीमत की लक्जरी कार खरीदने पर सर्विस टैक्स में एक फीसदी का प्रावधान। इसी तरह दो लाख से अधिक मूल्य के सामानों और सेवाओं की नकद खरीद पर एक फीसदी सेवा कर लगाया गया।
एसयूवीज, लक्जरी कारें महंगी हुईं। एसयूवी पर 4 फीसदी उच्च क्षमता कर लगा।
जिन कंपनियों की आय 5 करोड़ से कम होगी उन पर 29 फीसदी अतिरिक्त उपकर लगाया जाएगा।
1 जून से 30 सितंबर तक सीमित कर विंडो पर अघोषित संपत्ति की घोषणा पर 45 फीसदी सरचार्ज और दंड लगाया जाएगा। 
चांदी समेत गहनों की चीजों पर एक फीसदी एक्साइज शुल्क लगाया गया।
सभी सेवा केन्द्रों पर आधा फीसदी कृषि कल्याण उपकर लगाया जाएगा।
छोटी पेट्रोल, एलपीजी और सीएनजी कारों पर एक फीसदी प्रदूषण उपकर लगाया जाएगा। विशिष्ट किस्म की डीजल कारों पर यह कर 2.5 प्रतिशत होगा।
प्रतिवर्ष दस लाख से अधिक का अधिलाभ मिलने पर अतिरिक्त दस फीसदी कर लगाया जाएगा। 
 
निजी वित्त : 
वर्तमान आयकर ढ़ांचे में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है। 
नई कर्मचारी भविष्य निधि फंड योजना के लिए केन्द्र सरकार ने एक हजार करोड़ की राशि आवंटित की है।
पहले तीन वर्षों तक सभी नए कर्मचारियों का ईपीएफ का 8.33 फीसदी पैसा चुकाएगी। 
किराए के मकानों में रहने वालों के लिए जो कटौती बीस हजार की होती थी, अब 60 हजार तक होगी। 
अगर मकान की कीमत 50 लाख से अधिक न हो तो 35 लाख के गृह कर्ज पर 50 हजार की अतिरिक्त छूट दी जाएगी।
साठ वर्ग मीटर से कम पर बने मकानों पर सेवा कर की छूट होगी।
एक करोड़ से अधिक की आमदनी पर 15 फीसदी सरचार्ज लगाया जाएगा।
 
सामाजिक क्षेत्र के प्रावधान : 
वर्ष 2016-17 के लिए महात्मा गांधी मनरेगा के लिए 38,500 करोड़ का प्रावधान किया जाएगा।  
स्वच्छ भारत अभियान के लिए सरकार ने 9500 करोड़ रुपए आवंटित किए हैं।  
अनुसूचित जाति, जनजाति के उद्मियों के हब को सरकारी सहायता मिलेगी।  
राज्य सरकारों की मदद से गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले परिवारों को खाना पकाने की गैस उपलब्ध कराई जाएगी।  
परिवार की महिला सदस्यों के नाम पर एलपीजी कनेक्शन दिए जाएंगे। बीपीएल परिवारों के लिए पांच वर्षों के लिए सरकार दो हजार करोड़ रुपए की राशि उपलब्ध कराएगी। 
2.8 लाख करोड़ की राशि ग्राम पंचायतों और म्युनिसपिलिटीज के लिए उपलब्ध होगी जो कि पिछली राशि से 228 फीसदी अधिक है।
श्यामाप्रसाद मुखर्जी अर्बन मिशन के अंतर्गत 300 शहरी बस्तियां स्थापित होंगी। 
पशुओं के कल्याण के लिए चार योजनाएं संचालित होंगी।
 
स्वास्थ्य : 
भारत में प्रतिवर्ष 2.2 लाख रोगी गुर्दे संबंधी बीमारियों के बढ़ जाते हैं। ऐसे लोगों के लिए सरकार बुनियादी डायलिसिस उपकरणों से कुछ राहत देगी।
देश के प्रति परिवार के लिए कम से कम 1 लाख रुपए की स्वास्थ्य सुरक्षा योजना लागू होगी।
सभी जिला मुख्यालयों पर पीपीपी के जरिए डायलिसिस मशीनें उपलब्ध कराई जाएंगी जिसके लिए एक नेशनल डायलिसिस सर्विस प्रोग्राम बनाया जाएगा। 
एक नई योजना के अंतर्गत देश के वरिष्ठ नागरिकों को तीस हजार रुपए का अतिरिक्त हेल्थकेयर कवर मिलेगा।
प्रधानमंत्री की जन औषधि योजना को मजबूत बनाया जाएगा और इसके अंतर्गत जेनरिक दवाओं के 300 ड्रग स्टोर खोले जाएंगे।
 
शिक्षा :   
एससी, एसटी समुदाय के लोगों में उद्यमिता बढ़ाने के लिए 500 करोड़ की योजना चलाई जाएगी।
विश्वस्तरीय 10 सार्वजनिक और 10 निजी शैक्षिक संस्थान बनाए जाएंगे।
स्कूल छोड़ने वाले सर्टिफिकेट, डिप्लोमा धारकों के लिए एक डिजीटल कोष बनाया जाएगा। उच्च शिक्षा में मदद देने के लिए सरकार एक हजार करोड़ रुपए उपलब्ध कराएगी।  
सरकार मल्टी-स्किल डेवलपमेंट केन्द्रों की स्थापना पर 1700 करोड़ रुपए खर्च करेगी।  
ऊंची गुणवत्ता शिक्षा के लिए 62 नए नवोदय विद्यालय खोले जाएंगे। 
ग्रामीण क्षेत्रों के छह करोड़ घरों को डिजीटल लिटरेसी स्कीम के अंतर्गत लाया जाएगा।
स्कूलों, कॉलेजों और बड़े पैमाने पर ऑनलाइन कोर्सेज के जरिए उद्यमिता प्रशिक्षण दिया जाएगा।
अगले तीन वर्षों में पीएम कौशल विकास योजना के अंतर्गत एक करोड़ युवाओं को प्रशिक्षित किया जाएगा।  
नेशनल स्किल डेवलपमेंट मिशन के अंतर्गत 76 लाख युवाओं को प्रशिक्षित किया जाएगा। इसके के लिए 1500 मल्टी-स्किल ट्रेनिंग इंस्टीट्‍यूट खोले जाएंगे। 
 
ऊर्जा :
परमाणु बिजली उत्पादन के लिए तीन हजार करोड़ की राशि नियत की गई है।
आगामी 15-20 वर्षों में परमाणु ऊर्जा का लाभ उठाने के लिए सरकार ने क्रियान्वयन के लिए एक समग्र योजना बनाई है।  
समुद्र के गहरे पानी में गैस की खोज को सरकार पर्याप्त बढ़ावा देगी। 
डीपवाटर गैस की नई डिस्क को बाजार का दोहन करने की स्वतंत्रता मिलेगी और सरकार वैकल्पिक ईंधनों की कीमतों के आधार पर पहले से तय सीलिंग प्राइस भी तय कर दी जाएगी।
 
निवेश और बुनियादी सुविधाएं :  
सरकार ने 27 हजार करोड़ रुपए रोडवेज पर खर्च करने का प्रावधान किया है। 
65 रिहायशी बस्तियों को 2.23 लाख किमी सड़क से जोड़ा जाएगा। फिलहाल प्रतिदिन सौ किमी सड़क बनाई जा रही है।
बाजारों में दुकानों को इस बात का विकल्प होगा कि वे चाहें तो सप्ताह में सातों दिन दुकानें खुली रख सकती हैं।
सड़कों और राजमार्गों को बनाने के लिए 55 हजार करोड़ की राशि तय की गई है, जबकि सड़क निर्माण के लिए पीएमजीएसवाई के लिए 97 हजार करोड़ का फंड तय किया गया है। 
भारत में मोटर वाहन का सबसे अधिक उत्पादन वर्ष 2015 में रिकॉर्ड किया गया था।
वर्ष 2016 के बजट में बुनियादी सुविधाओं के लिए कुल आवंटन 2,21,246 करोड़ है। 
पूर्वी और पश्चिमी समुद्र तटों पर नए ग्रीनफील्ड पोर्ट्‍स विकसित किए जाएंगे।  
जिन हवाई अड्‍डों की क्षमता का पूरा उपयोग नहीं किया है, उन्हें फिर से विकसित किया जाएगा। क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को बढ़ाने के लिए छोटे हवाई अड्‍डों को केन्द्र और राज्य सरकार मिलकर विकसित करेंगी।  
भारत में बनने वाले और बेचे जाने वाले दुग्ध उत्पादों के विपणन में सौ फीसदी एफडीआई होगी।
अब डिपार्टमेंट ऑफ डिसइन्वेस्टमेंट का नाम बदलकर डिपार्टमेंट ऑफ इनवेस्टमेंट एंड पब्लिक एसेट मैनेजमेंट होगा।
नवीनता को बढ़ाने के लिए सरकार यात्री वाहन हिस्से से जुड़े मोटर व्हीकल कानून में सुधार करेगी। 
एमएटी उन स्टार्टअप्स के लिए होगा जो सौ फीसदी कर छूट की पात्रता रखते हैं।  
प्रत्यक्ष कर प्रस्तावों से करीब 1060 करोड़ का नुकसान होता है, वहीं अप्रत्यक्ष कर प्रस्तावों से 20,670 करोड़ का लाभ होता है।  
 
कृषि :  
कृषि और किसान कल्याण के लिए बजट में कुल आवंटन 35984 करोड़ है। 
28.5 लाख हेक्टेयर भूमि को सिंचाई के अंतर्गत लाया जाएगा।
आगामी तीन वर्षों की अवधि के दौरान ऑर्गनिक खेती के लिए 5 लाख एकड़ भूमि को लाया जाएगा। 
ग्राउंड वॉटर रिचार्जिंग के लिए 60 हजार करोड़ का प्रावधान है, इसलिए जरूरी है कि सूखा प्रभावित क्षेत्रों में जल संरक्षण के क्लस्टर विकास के लिए सूखा प्रभावित क्षेत्रों पर कड़ी निगाह रखें। 
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के नाम पर बीमित फसल के खराब हो जाने पर मामूली प्रीमियम और आधिकाधिक क्षतिपूर्ति हासिल होगी।
 
बैंकिंग : 
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के पुन: पूंजीकरण के लिए 25 हजार करोड़ की राशि दी जाएगी। वित्तमंत्री का कहना है कि बैंकिंग बोर्ड ब्यूरो को सक्रिय बनाया जाएगा। सार्वजनकि क्षेत्र के बैंकों को सरकार का पूरा सहयोग दिया जाएगा। 
मुद्रा के अंतर्गत कर्ज बांटने का लक्ष्य 180,000 करोड़ रखा गया है। 
आईडीबीआई बैंक में सरकार की पूंजी को 50 फीसदी से नीचे किया जाएगा और इसके लिए सरकारी हिस्सेदारी को कम किया जा रहा है। 
जनरल इंश्योरेंस कंपनी को स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध किया जा सकेगा। 
अगले तीन वर्षों के दौरान सरकार पोस्ट ऑफिसेज में एटीएम और माइक्रो एटीएम्स की संख्या को बढ़ाएगी। 

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