Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia

इश्क विश्क रिबाउंड फिल्म समीक्षा: न इश्क है न विश्क | Ishq Vishk Rebound movie review

समय ताम्रकर

, शुक्रवार, 21 जून 2024 (13:09 IST)
इन दिनों बिग स्क्रीन से रोमांटिक फिल्में गायब सी हैं और एक्शन फिल्मों का बोलबाला है। युवा कलाकारों को लेकर प्रेम कहानियां कम ही बनाई जा रही हैं। 'इश्क विश्क' 2003 में रिलीज हुई थी और 'इश्क विश्क रिबाउंड' में उस ब्रैंड वैल्यू को भुनाने की कोशिश भर हुई है। 
webdunia
 
'इश्क विश्क रिबाउंड' में एक स्वीट सी रोमांटिक लव स्टोरी की उम्मीद लेकर आप सिनेमाघर जाते हैं तो पहली फ्रेम से ही सारी उम्मीदें ध्वस्त हो जाती है। यह अत्यंत ही कमजोर तरीके से लिखी गई, निर्देशित की गई और अभिनीत की गई फिल्म है। 
 
जेन ज़ेड को ध्यान में रख कर फिल्म बनाई गई है, संवाद लिखे गए हैं, कूलनेस दिखाई गई है, लेकिन दमदार स्क्रिप्ट के अभाव में यह जनरेशन भी फिल्म को रिजेक्ट कर देगी। 
 
राघव (रोहित सराफ), सान्या (पश्मीना रोशन) और साहिर (जिब्रान खान) अच्छे दोस्त हैं, जिसमें से सान्या और साहिर कपल हैं। दोनों में ब्रेक अप होता है और राघव तथा सान्या की लव स्टोरी शुरू हो जाती है जिससे साहिर खफा हो जाता है। 
 
इतनी छोटी सी कहानी में रोमांस, नफरत, दोस्ती-दुश्मनी पर ड्रामा दिखाने की भरपूर संभावनाएं थीं, लेकिन लेखकों की टीम (वैशाली नाईक, विनय छावल, केतन पडगांवकर) न किसी कैरेक्टर को उभार सकी और न ही उनके दिल की बातों को दर्शक तक पहुंचा सकी। 
 
सीन इतने सपाट तरीके से लिखे गए हैं कि दर्शक किरदारों की भावनाओं को महसूस ही नहीं कर पाते। ब्रेक अप और प्यार के लिए कोई माहौल ही नहीं तैयार किया गया। सब कुछ अचानक और फटाफट हो जाता है और दर्शक समझ ही नहीं पाते कि किरदार ऐसा व्यवहार क्यों कर रहे हैं। 
 
लेखकों ने थोड़ा बहुत पैरेंट्स के बारे में भी बताया है, जैसे सान्या ब्रोकन फैमिली से है, साहिर के पिता बेहद सख्त हैं, राघव के माता-पिता में बहुत प्रेम है, लेकिन ये बातें कहानी में कुछ खास योगदान नहीं दे पाती। कलाकारों जो संवाद बोलते हैं वो खास नहीं है और बिना किसी ड्रामे के ये असर छोड़ नहीं पाते। 
 
निपुण धर्माधिकारी निर्देशक के रूप में पूरी तरह से असफल रहे हैं। वे बात को ठीक तरीके से पेश नहीं कर पाए और न ही कलाकारों से अच्छी एक्टिंग करवा पाए। उनके द्वारा रचा गया माहौल पूरी तरह नकली लगता है। फिल्म कभी भी दर्शकों से कनेक्ट नहीं हो पाती। प्रेम की त्रीवता दर्शक फील ही नहीं कर पाते। लेखक कंफ्यूज लगे और यही हाल निर्देशक का भी रहा।
 
फिल्म इतनी बुरी है कि शुरू के पांच मिनट देखने के बाद ही आप यह इंतजार करने लगते हैं कि कब यह खत्म हो। दो घंटे से भी कम अवधि वाली यह फिल्म 10 घंटे लंबी लगती है। 
 
रोहित सराफ ने एक्टर के रूप में कोशिश खूब की, लेकिन प्रभावित नहीं कर पाए। पश्मीना रोशन और जिब्रान खान के किरदार इतने बुरे लिखे गए हैं कि वे समझ ही नहीं पाए कि करना क्या है। नायला ग्रेवाल का भी यही हाल रहा। 
 
ऐसी फिल्मों में हिट गीतों की भरमार होना चाहिए, लेकिन 'इश्क विश्क रिबाउंड' में यहां भी हाथ कुछ नहीं लगता। 
 
कुल मिलाकर 'इश्क विश्क रिबाउंड' में न इश्क है और न विश्क। सपाट और बोरिंग है।  
  • निर्देशक: निपुण अविनाश धर्माधिकारी
  • फिल्म : Ishq Vishk Rebound (2024) 
  • गीतकार : गुरप्रीत सैनी, कुमार, गौतम जी शर्मा
  • संगीतकार : रोचक कोहली 
  • कलाकार : रोहित सराफ, पश्मीना रोशन, जिब्रान खान, नायला ग्रेवाल 
  • सेंसर सर्टिफिकेट : यूए * 1 घंटे 47 मिनट 
  • रेटिंग : 0.5/5 

Share this Story:

Follow Webdunia gujarati

આગળનો લેખ

पत्नी संग बेटी सोनाक्षी सिन्हा के ससुराल पहुंचे शत्रुघ्न सिन्हा, जहीर इकबाल ने लिया पैर छूकर आशीर्वाद