अब आमिर खान को कौन भला कमरे से बाहर करने की हिम्मत दिखा सकता है, लेकिन एक बार उनके साथ यही हुआ। एक गायिका ने उन्हें बाहर जाने को कहा और आमिर के पास इसको मानने के सिवाय कोई चारा नहीं था।
बात 1988 से भी पहले की है। आमिर की कोई पहचान नहीं थी। उनकी पहली फिल्म 'कयामत से कयामत' तक की तैयारियां चल रही थी। फिल्म के निर्देशक मंसूर खान 'गज़ब का है दिन' गाने की रिकॉर्डिंग की तैयारियों में व्यस्त थे। आमिर भी रिकॉर्डिंग स्टुडियो पहुंच गए।
गायिका अलका याज्ञनिक ने गाना शुरू किया। आमिर उन्हें लगातार देखे जा रहे थे। इससे अलका याज्ञनिक ने असहज हो गईं। उन्होंने आमिर को बाहर जाने के लिए कहा और गाने की रिकॉर्डिंग की।
एक टीवी शो में अलका ने बताया 'मैं कयामत से कयामत तक के गाने की रिकॉर्डिंग कर रही थी। मैंने देखा कि एक खूबसूरत नौजवान कमरे में बैठा हुआ है। मैंने उस पर ध्यान नहीं दिया और अपनी रिहर्सल में लगी रही। जब रिकॉर्डिंग शुरू हुई तो मैं असहज महसूस करने लगी।
जब आप गाते हैं और कोई आपको लगातार घूरते रहे तो व्यवधान उत्पन्न होता है। मैंने उसे बाहर जाने के लिए कहा। रिकॉर्डिंग खत्म होने के बाद मंसूर मुझे लीड एक्टर्स से मिलाने के लिए ले गए और वो नौजवान आमिर खान था। मुझे शर्मिंदगी महसूस हुई। आज भी आमिर मुझसे जब मिलते हैं तो कहते हैं कि आपने मुझे रूम से बाहर निकलवा दिया था और हम हंसते हैं।'