सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या के बाद से बॉलीवुड में नेपोटिज्म पर तीखी बहस छिड़ी हुई है। इंडस्ट्री की कई बड़ी हस्तियों ने नेपोटिज्म की समस्या को कबूला और खुदको इससे पीड़ित भी बताया। अब मशहूर सिंगर और कम्पोजर अमित त्रिवेदी ने भी नेपोटिज्म पर अपना पक्ष रखा है। उन्होंने सुशांत के लिए कई गाने गाए और म्यूजिक कंपोज किए थे।
एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने कहा कि सुशांत की मौत के बाद सोशल मीडिया पर नेपोटिज्म पर बहस करके कोई फायदा नहीं है। वह सुशांत को अपने कंपोजिशन के जरिए याद करेंगे। वह ‘काइ पो चे’ का मांझा, ‘केदारनाथ’ का नमो नमो, काफिराना और जान निसार गाने के जरिए उन्हें याद करेंगे।
उन्होंने कहा, “जब भी मैं स्टेज पर ये गाने गाऊंगा या बजाऊंगा, तब हर किसी के दिमाग में सबसे पहले सुशांत आएगा और कैसे उसने ये सख्त कदम उठाकर हम सभी लोगों का दिल तोड़ दिया। वजह कोई भी रही हो, लेकिन उसने ये कदम उठाया। मैं सचमुच बिखर गया था और दिल टूट गया था। हमने काफी करीब से काम किया है, इस तरह के नुकसान से निपटना कठिन है।”
अमित त्रिवेदी ने नेपोटिज्म पर भी अपना पक्ष रखा। उन्होंने कहा, “नेपोटिज्म बहुत ही बुरा है। इन दिनों लोग इस टॉपिक पर बात कर बहुत टाइम बर्बाद कर रहे हैं। इसे नेपोटिज्म नहीं कहते। अगर नेपोटिज्म होता है, तो वह सिर्फ हीरो और हिरोइन के बीच होता है, नहीं तो कहीं भी नहीं है। किसी के पिता इस बात से परेशान नहीं हैं कि उनका बेटा निर्देशक या संगीत निर्देशक या गायक है। आपको यह सवाल केवल एक्टर्स से पूछना चाहिए। कोई और इसके बारे में परेशान नहीं है, मैं नहीं हूं। म्यूजिक इंडस्ट्री में भाई-भतीजावाद नाम की कोई चीज नहीं है।”