Webdunia - Bharat's app for daily news and videos

Install App

श्रीमद् रामायण में दिखाई जाएंगी सिन्दूरी हनुमान की रचना से लेकर छठ पूजा की उत्पत्ति तक अनजानी कहानियां

WD Entertainment Desk
बुधवार, 18 सितम्बर 2024 (12:57 IST)
Shrimad Ramayan : सोनी सब का शो 'श्रीमद रामायण' अब अपने दर्शकों के लिये सिंदूरी हनुमान की रचना से लेकर छठ पूजा की उत्पत्ति तक अनजानी कहानियां लेकर आया है। रामायण के कई लिखित ग्रंथों और सिनेमाई रूपांतरणों के साथ श्री राम और सीता की कहानी को किसी परिचय की आवश्यकता नहीं है। 
 
दर्शक श्री राम के गुरुकुल के दिनों से सीता के स्वयंवर, 14 साल के कठिन वनवास और अयोध्या के राजा के रूप में राज्याभिषेक तक की यात्रा को जानते हैं, लेकिन इस दिव्य जोड़े के अयोध्या लौटने के बाद की कुछ बहुत ही दिलचस्प घटनाओं के बारे में अधिकांश लोगों को जानकारी नहीं है। 
 
सोनी सब के श्रीमद् रामायण में सुजय रेऊ श्री राम और प्राची बंसल सीता के रूप में दर्शकों को रामायण की कुछ कम प्रचलित कहानियों से रूबरू कराते हैं जो गहन आध्यात्मिक और नैतिक शिक्षा प्रदान करती हैं। सिंदूरी हनुमान की कहानी एक भक्त की अपने देवता के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाती है। सीता मां को श्री राम के कल्याण के लिए अपने बालों में सिंदूर लगाते देखकर, हनुमान अपनी शुद्ध भक्ति में अपने पूरे बालों में सिंदूर भर लेते हैं और उनके कल्याण की कामना करते हैं। 
 
हनुमान जी का यह काम मासूमियत और अपने भगवान के प्रति अटूट प्रेम दोनों ही दर्शाता है। इस कहानी से सीख यह मिलती है कि अपने चुने हुए देवता के प्रति पूरी तरह समर्पित रहना चाहिए। प्रेम, सम्मान, पवित्रता और निस्वार्थता ही भगवान की सेवा करने की कुंजी है।
 
छठ का नेपाली, मैथिली और भोजपुरी में अर्थ छठा है। हिंदू लूनी-सौर बिक्रम संवत कैलेंडर में कार्तिक मास के छठे दिन यह त्योहार मनाया जाता है। संस्कृत शब्द षष्ठी से उत्पन्न छठ पूजा नवरात्रि के बाद सबसे लंबा और सबसे महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है, जो चार दिनों तक चलता है। ऐसा माना जाता है कि श्री राम और सीता ने वनवास से लौटने के बाद इस पूजा को किया गया था, जो त्योहार की उत्पत्ति का प्रतीक है। 
 
यह त्योहार स्वास्थ्य, धन और खुशी को बढ़ावा देता है, जैसा कि मौदगल ऋषि ने श्री राम और माता सीता को सिखाया था। वैज्ञानिक रूप से, सूर्योदय और सूर्यास्त के दौरान किए जाने वाले अनुष्ठान शरीर को सूर्य की किरणों से लाभान्वित करते हैं, जिससे मन, शरीर और आत्मा को डिटॉक्सिफाई और फिर से जीवंत करने में मदद मिलती है।
 
भगवान राम के राज्याभिषेक के बाद देवी सीता ने हनुमान को एक मोतियों की माला भेंट की। इस पर उन्होंने प्रत्येक मोती को तोड़कर कुछ खोजना शुरू कर दिया। जब उनसे पूछा गया कि वे क्या खोज रहे हैं, तो उन्होंने बताया कि वे मोतियों के भीतर सीता मां और श्री राम को खोज रहे थे। उनके बिना उस माला का उनके लिए कोई अर्थ नहीं है। जब उन्हें बताया गया कि कोई भी व्यक्ति हर जगह निवास नहीं कर सकता, तो हनुमान ने अपनी छाती फाड़कर साबित किया कि श्री राम और सीता मां उनके ह्दय में हमेशा निवास करते हैं। इस कहानी से यह सीख मिलती है कि एक सच्चे भक्त के लिए भगवान का प्रिय निवास उसका ह्दय ही है।

सम्बंधित जानकारी

बॉलीवुड हलचल

रोमांटिक-कॉमेडी से लेकर थ्रिलर तक, कार्तिक आर्यन ने हर जॉनर में दिखाई है अपनी बहुमुखी प्रतिभा

अजय देवगन के फिल्म इंडस्ट्री में 33 साल पूरे, जब फूल और कांटे ने कर दिया था धमाका

कभी 12 लोगों के एक ही फ्लैट में रहते थे कार्तिक आर्यन, इतनी थी पहली कमाई

नेटफ्लिक्स-प्राइम वीडियो को टक्कर देने आया Waves, प्रसार भारती ने लॉन्च किया अपना ओटीटी प्लेटफॉर्म

नाना पाटेकर ने की अनिल शर्मा की शिकायत, वनवास के निर्देशक को बताया बकवास आदमी

सभी देखें

जरूर पढ़ें

भूल भुलैया 3 मूवी रिव्यू: हॉरर और कॉमेडी का तड़का, मनोरंजन से दूर भटका

सिंघम अगेन फिल्म समीक्षा: क्या अजय देवगन और रोहित शेट्टी की यह मूवी देखने लायक है?

विक्की विद्या का वो वाला वीडियो फिल्म समीक्षा: टाइटल जितनी नॉटी और फनी नहीं

जिगरा फिल्म समीक्षा: हजारों में एक वाली बहना

Devara part 1 review: जूनियर एनटीआर की फिल्म पर बाहुबली का प्रभाव

આગળનો લેખ
Show comments