कठिन रास्ते अक्सर सुहानी मंजिल पर ले जाते हैं और यह बात बिग बॉस 13 के लोकप्रिय प्रतियोगी पारस छाबड़ा पर यह बात बिलकुल सटीक बैठती है।
वूट अनसीन अनदेखा की ताजा क्लिप में पारस छाबड़ा और विकास पाठक उर्फ हिंदुस्तानी भाऊ बातचीत करते नजर आ रहे हैं जिसमें पारस ने अपनी जिंदगी से जुड़ी खास बातें और संघर्ष की दास्तां को बयां किया।
बातचीत तब शुरू हुई जब भाऊ ने पारस से उसके पिता के व्यवसाय के बारे में पूछा। पारस ने कहा- 'पापा नहीं है मेरे। मैं तीन साल का था जब वे दुनिया से चले गए।'
पारस आगे कहते हैं- 'मुझे पता ही नहीं पापा वाली फीलिंग क्या होती है। मेरी मां ही मेरी सब कुछ है। मेरी मम्मी ने कोई कसर नहीं छोड़ी मुझे बड़ा करने में। मैं अपनी मां को सबसे मजबूत मानता हूं।'
'मां ने मुझे सारी चीज़े दी है, लेकिन सबकी वैल्यू पता कराई है। अगर मुझे 10 रुपये का भी कुछ चाहिए तो पहले उसकी वैल्यू बताई। अच्छे स्कूल में भी पढ़ाया पर मैंने 11वीं क्लास के बीच पढ़ाई छोड़ दी।'
भाऊ ने फिर सवाल दागा- 'तू इस लाइन में कैसे आया?' 'किस्मत थी भाऊ। मॉडलिंग से करियर शुरू किया। फिर एक पिक्चर का ऑडिशन दिया। टॉप मॉडल्स आए थे ऑडिशन देना, लेकिन मैं सिलेक्ट हुआ। पूरे भारत में मेरे होर्डिंग्स लगे थे। मैगजीन में फोटो छपे। लेकिन मुझे 4 हजार रुपये मिले।'
'मैंने 6 हजार रुपये महीने वाली नौकरी भी की। एमटीवी स्पिलिट्सविला किया 2012 में और शो भी जीता। 2015 में यह शो बतौर सेलिब्रिटी भी किया। कई टीवी शो भी किए।' पारस ने जवाब दिया।
पारस की राह आसान नहीं थी, लेकिन वे संघर्ष करते हुए आगे बढ़े और इसीलिए वे बिग बॉस 13 के तगड़े खिलाड़ी भी हैं।