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नाना पाटेकर ने कहा, "मैं उनके सिर और चेहरे तोड़ देता"

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जाने माने अभिनेता नाना पाटेकर अपने विचार खुलकर कहते हैं। चाहे मुद्दा किसानों की आत्महत्या का हो या पाकिस्तानी कलाकारों को भारतीय फिल्मों में काम को लेकर। हाल ही में नाना ने  बंंगलुरू में बड़े पैमाने पर हुई छेडखानी की घटना पर अपने मन की कही। 

 
नाना से इस घटना पर सवाल पूछा गया था। उनसे पूछा गया था कि कानून महिलाओं को कैसे न्याय दिला सकता है। नाना ने इन घटनाओं के लिए पश्चिमी सभ्यता को दोष देने वालों पर जमकर गुस्सा निकाला। उन्होंने कहा, "महिलाएं पश्चिम जैसे कपड़े हमेशा से पहन रही हैं। परेशानी हमारे दिमाग में है न कि महिलाओं के कपड़ों में। मुझे खुद में सुधार की जरूरत है बजाए दूसरों को उनके कपड़ों के बारे में कहने के।" 
 
इस मौके पर प्रसून जोशी भी उपस्थित थे। नाना ने कहा, "मैं प्रसून के विचारों से सहमत हूं। इन बदमाशों की पिटाई बहुत जरूरी है तभी चीज़े ठीक होंगी परंतु आज कल ये ह्यूमन राइट्स वाले आकर बेकार के सवाल करने लगते हैं। अगर उन्होंने ऐसा कुछ मेरी बेटी या बहन के साथ किया होता तो मैंने उनके सिर फोड़ दिए होते और मुंह तोड़ दिए होते। बाकी की परेशानी मैं बाद में झेल लेता। हमारे भारतीय संस्कृति में महिलाओं के अपमान का रिवाज नहीं है। इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए कड़े कानून की जरूरत है।" 
 
जब उनसे राजनेताओं के महिलाओं पर दोष डालने के बारे में पूछा गया तो नाना ने सीधा कहा, "उन्हें उनके पद से हटा देना चाहिए। हमारे देश को इस तरह से नहीं सोचना चाहिए।"  

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