Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia

बिना परमिशन इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे अनिल कपूर का नाम, आवाज और तस्वीर, दिल्ली हाईकोर्ट ने लगाई रोक

बिना परमिशन इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे अनिल कपूर का नाम, आवाज और तस्वीर, दिल्ली हाईकोर्ट ने लगाई रोक

WD Entertainment Desk

, बुधवार, 20 सितम्बर 2023 (14:55 IST)
Anil Kapoor: बॉलीवुड एक्टर अनिल कपूर ने हाल ही में अपनी पर्सनालिटी राइट्स की सुरक्षा के दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। एक्टर ने एक याचिका दाखिल करके अलग-अलग संस्थाओं को बिना उनकी सहमति के उनका नाम, आवाज, इमेजिस और निक नेम का उपयोग करने पर रोक लगाने की मांग की थी।
 
वहीं अब दिल्ली हाईकोर्ट ने उच्च न्यायालय ने एक्टर के व्यक्तित्व के अधिकारों की सुरक्षा और संरक्षा की याचिका पर सुनवाई करते हुए बिना उनकी सहमति के उनका मशहूर सूत्रवाक्य 'झकास' समेत उनके नाम, तस्वीर, आवाज और व्यक्तित्व की अन्य विशेषताओं का व्यवसायिक लाभ के लिए दुरुपयोग करने पर रोक लगा दी है।
 
webdunia
न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह ने अनिल कपूर द्वारा कई वेबसाइट और मंचों के खिलाफ दायर एक मुकदमे पर सुनवाई के दौरान यह अंतरिम आदेश दिया। अनिल कपूर ने व्यवसायिक लाभ के लिए उनके व्यक्तित्व और सेलिब्रिटी अधिकारों के अनधिकृत शोषण का आरोप लगाते हुए यह मुकदमा दायर किया था।
 
अनिल कपूर की ओर से पेश वकील प्रवीण आनंद ने कहा कि कई वेबसाइट और मंच विभिन्न गतिविधियों के जरिए वादी के व्यक्तित्व के खूबियों का दुरुपयोग कर रहे हैं। उन्होंने प्रेरक वक्ता के रूप में अभिनेता की तस्वीर का इस्तेमाल करके सामान की अनधिकृत बिक्री और शुल्क वसूलने, उनकी तस्वीर के साथ अपमानजनक तरीके से छेड़छाड़ करने और जाली ऑटोग्राफ तथा 'झकास'सूत्रवाक्य वाली तस्वीरें बेचने का उल्लेख किया।
 
webdunia
याचिका में अनिल कपूर के नाम, आवाज, तस्वीर, उनके बोलने के अंदाज और हावभाव के संबंध में उनके व्यक्तित्व संबंधी अधिकारों की रक्षा करने का अनुरोध किया गया था। न्यायमूर्ति सिंह ने कहा कि इसमें कोई शक नहीं है कि अभिव्यक्ति की आजादी सुरक्षित है, लेकिन जब यह 'सीमा पार करती है' और किसी के व्यक्तित्व संबंधी अधिकारों को खतरे में डालती है, तो यह गैरकानूनी हो जाती है।
 
अदालत ने कहा, वादी के नाम, आवाज, संवाद और तस्वीरों का अवैध तरीके से और व्यवसायिक उद्देश्य से इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं दी जा सकती। अदालत किसी के व्यक्तित्व की विशेषताओं के ऐसे दुरुपयोग पर आंख मूंदकर नहीं बैठ सकती।
 
उच्च न्यायाल ने अन्य अज्ञात लोगों को आपत्तिजनक लिंक प्रसारित करने से भी रोक दिया। उसने संबंधित प्राधिकारी को इन आपत्तिजनक मंचों को ब्लॉक करने का निर्देश दिया। अदालत ने कहा कि व्यक्ति को ख्याति के साथ नुकसान भी झेलने पड़ते हैं और यह मामला दिखाता है कि 'प्रतिष्ठा एवं ख्याति नुकसान में बदल सकती है', जिससे प्रचार का उसका अधिकार प्रभावित हो सकता है।
Edited By : Ankit Piplodiya

Share this Story:

Follow Webdunia gujarati

આગળનો લેખ

रोहित शेट्टी के कॉप यूनिवर्स का हिस्सा बनीं श्वेता तिवारी, 'सिंघम अगेन' में आएंगी नजर