रणवीर सिंह के डीपफेक वीडियो मामले में पिता ने लिया एक्शन, एक्स यूजर के खिलाफ दर्ज कराई शिकायत
, बुधवार, 24 अप्रैल 2024 (12:21 IST)
Ranveer Singh Deepfake Video Case : बॉलीवुड एक्टर रणवीर सिंह का एक डीपफेक वीडियो बीते दिनों सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। इस वीडियो में एक्टर एक पॉलिटिकल पार्टी का प्रचार करते नजर आ रहे हैं। इसके बाद रणवीर सिंह ने पुलिस में इस फर्जी वीडियो के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी।
अब इस मामले में रणवीर सिंह केपिता जगजीत सिंह भवनानी ने भी लीगल एक्शन लिया है। उन्होंने ट्विटर यूजर (एक्स) के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई है। महाराष्ट्र पुलिस की साइबर प्रकोष्ठ इकाई ने रणवीर सिंह का कथित तौर पर 'डीपफेक' वीडियो अपलोड करने के मामले में एक्स के एक यूजर के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है।
इस वीडियो में अभिनेता कांग्रेस के लिए मतदान करने की अपील करते हुए नजर आ रहे हैं। अधिकारी ने बताया कि रणवीर सिंह के पिता जगजीत सिंह भवनानी की शिकायत के बाद एक एक्स उपयोगकर्ता के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई।
डीपफेक से आशय ऐसी छवियों और वीडियो से है जो एआई अथवा अन्य तकनीकों से तैयार की जाती हैं और जिसमें आमतौर पर पीड़ित की सहमति नहीं होती। शिकायत के अनुसार रणवीर सिंह जब एक फैशन शो के प्रचार के लिए वाराणसी में थे तब उन्होंने मीडिया को दिए गए एक इंटरव्यू में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रशंसा की थी।
प्राथमिकी के अनुसार अभिनेता ने कहा कि हमारी समृद्ध संस्कृति, विरासत, इतिहास और परंपरा का जश्न मनाना मोदी जी का उद्देश्य और लक्ष्य है क्योंकि हम बहुत तेजी से आधुनिकता की ओर आगे बढ़ रहे हैं लेकिन हमें अपनी जड़ों, अपनी सांस्कृतिक विरासत को कभी नहीं भूलना चाहिए।
प्राथमिकी में बताया कि लेकिन एक एक्स यूजर ने रणवीर सिंह के इस सक्षात्कार का एक डीपफेक वीडियो बनाया जिसमें अभिनेता यह कहते दिख रहे हैं कि 'मोदी जी का उद्देश्य और लक्ष्य हमारे दर्दनाक जीवन, भय और बेरोजगारी का जश्न मनाना है क्योंकि हम अन्याय की ओर आगे बढ़ रहे हैं लेकिन हमें अपने विकास और न्याय की मांग करना कभी नहीं छोड़ना चाहिए इसलिए न्याय के लिए मतदान करें, कांग्रेस को मतदान करें।'
रणवीर सिंह के पिता ने शिकायत में कहा कि रणवीर सिंह ने कभी ऐसा नहीं कहा और उनका किसी भी राजनीतिक दल से कोई संबंध नहीं है। अधिकारी ने बताया कि सोशल मीडिया मंच उपयोगकर्ता के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 417 (धोखाधड़ी), 468 (धोखाधड़ी के उद्देश्य से जालसाजी) और 469 (प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने के उद्देश्य से जालसाजी) तथा सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के प्रावधानों के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है।
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