Webdunia - Bharat's app for daily news and videos

Install App

बॉलीवुड का बड़ा गंतव्य बना यूपी, यहां शूट हुईं कई फिल्मों ने बनाया बॉक्स ऑफिस पर रिकॉर्ड

Webdunia
राजधानी लखनऊ सहित उत्तर प्रदेश के तमाम शहर बॉलीवुड की फिल्मों की शूटिंग के लिहाज से बड़े गंतव्य बनकर उभरे हैं और यहां शूटिंग की गई कई फिल्मों ने बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचाते हुए मोटी कमाई की है।


फिल्मकारों की मानें तो आने वाले वर्षों में एक नया फिल्म सिटी उत्तर प्रदेश को मिलना तय है और पूरे प्रदेश में हिंदी और अन्य भाषाओं की फिल्मों की शूटिंग का बड़ा मंच तैयार होगा। बीते 8 साल में उत्तर प्रदेश में ना सिर्फ शूटिंग के लिए बेहतर माहौल फिल्मकारों को हासिल हुआ बल्कि शूटिंग के लिहाज से नए गंतव्य भी मिले हैं।
 
भोजपुरी फिल्मों से पहचान बनाने वाले और हाल ही में धीरज कुमार निर्देशित 'काशी' में अभिनय कर चुके कमलाकांत ने कहा, 'हिन्दी बेल्ट उप्र से चमककर निकली फिल्मों ने बड़े रिकॉर्ड बनाए हैं।' उन्होंने कहा कि लखनऊ, आगरा और वाराणसी तो बॉलीवुड निर्माता निर्देशकों की पसंद शुरू से रहे हैं लेकिन अब छोटे शहरों और कस्बों की ओर भी उनका ध्यान गया है।


कमलाकांत कहा कि भोजपुरी फिल्में तो प्रमुखता से पूर्वी उत्तर प्रदेश के अंचलों में फिल्मायी जाती हैं। इनके दर्शक भी यहीं हैं। उमराव जान, गदर: एक प्रेमकथा, बुलेट राजा, इश्कजादे, जाली एलएलबी 2, तनु वेड्स मनु, बरेली की बर्फी, पा, मसान, दबंग, ओंकारा, ब्लैक फ्राईडे, हासिल जैसी बड़ी फिल्में उत्तर प्रदेश में बनी हैं। उन्होंने बताया कि आगरा, वाराणसी, लखनऊ, बुंदेलखंड, चित्रकूट, मिर्जापुर, सोनभद्र, बरेली, लखीमपुर खीरी, श्रावस्ती, बहराइच, मथुरा सहित तमाम छोटे बडे़ शहर शूटिंग के लिहाज से सहूलियत वाले हैं।

फिल्म समीक्षक दीपक कबीर मानते हैं कि प्रदेश सरकार की 'फिल्म बंधु' नीति को और आकर्षक बनाने के साथ-साथ व्यापक प्रचारित करने की आवश्यकता है। इस नीति के तहत फिल्मकारों को भारी भरकम राशि बतौर सब्सिडी देने का प्रावधान है। कबीर ने बताया कि सरकारी नीति में उत्तर प्रदेश के कलाकारों को भी प्रोत्साहित किया गया है। अगर किसी फिल्म में उत्तर प्रदेश के कलाकार को मौका दिया गया है तो भी अलग से सब्सिडी की व्यवस्था है।

उन्होंने कहा कि नोएडा में फिल्म सिटी विकसित तो की गयी लेकिन वह पूरी तरह से पहचान नहीं बना सकी और मात्र टीवी सीरियलों और लघु फिल्मों की प्रयोगशाला बनकर रह गयी। कबीर हालांकि बदले हुए परिवेश में उत्तर प्रदेश की ओर बॉलीवुड की हस्तियों के झुकाव को अच्छा संकेत मानते हैं।
 
ALSO READ: फिल्मफेयर अवॉर्ड 2019 में छाए रणबीर कपूर और आलिया आलिया भट्ट, खुलेआम किया प्यार का इजहार
 
संगीतकार राहुल श्रीवास्तव लखनऊ से हैं और इन दिनों मुंबई में स्थापित हैं। हालांकि वह चाहते हैं कि लखनऊ में ही उनका अपना स्टूडियो हो, रिकार्डिंग की अच्छी सुविधा हो, फिल्मों के अनुकूल माहौल हो। ऐसे में वह लखनऊ आकर काम करना ज्यादा पसंद करेंगे। राहुल के मुताबिक, उत्तर प्रदेश ने हिन्दी फिल्म उद्योग को बड़ी हस्तियां दी हैं। अमिताभ बच्चन, नसीरूददीन शाह, राजपाल यादव, लारा दत्ता, अभिजीत, जावेद अख्तर, मुजफ्फर अली, राज बब्बर, जिमी शेरगिल, नवाजुद्दीन सिद्दिकी, प्रियंका चोपडा, पूजा बत्रा, राजू श्रीवास्तव, रवि किशन, राजा बुंदेला, सुशांत सिंह जैसे कई बडे़ नाम हैं।

रंगकर्मी कृष्ण कुमार ने बीते दिनों का स्मरण करते हुए बताया कि एक समय पुराने लखनऊ की हवेलियां उमराव जान जैसी फिल्मों के लिए उम्दा जगह थीं। जहांगीराबाद पैलेस में भी किसी बडे़ महल का सेट लग जाता है। सनी देओल और अमीषा पटेल अभिनीत 'गदर' के लिए इसका उपयोग हुआ।
 
कृष्ण कुमार कहते हैं कि लखनऊ में ही कुकरैल पिकनिक स्पॉट है, जहां मगरमच्छों और घड़ियालों का प्रजनन केन्द्र है। हरियाली से भरे इस पार्क में किसी जमाने में मुजफ्फर अली शूटिंग करने आते थे। अब लोहिया पार्क, जनेश्वर मिश्रा पार्क, आंबेडकर पाक और ईको गार्डन जैसी बड़ी लोकेशन भी हैं।


कुमार के अनुसार, लखनऊ में भारतेन्दु नाट्य अकादमी के रूप में रंगकर्म से जुड़ी बारीकियां सीखने सिखाने का बड़ा संस्थान तो है लेकिन फिल्मों के लिहाज से प्रशिक्षण केन्द्र का अभाव है। पुणे के फिल्म एवं टेलीविजन संस्थान की तर्ज पर एक बड़ा संस्थान उत्तर प्रदेश में होना चाहिए।

सम्बंधित जानकारी

बॉलीवुड हलचल

सलमान खान क्यों हैं बिग बॉस के बेजोड़ होस्ट, हर सीजन जीत रहे फैंस का दिल

मन्ना डे ने शास्त्रीय संगीत को फिल्म जगत में दिलाई विशिष्ट पहचान

अल्लू अर्जुन के फैंस के लिए आई खुशखबरी, अब इस दिन सिनेमाघरों में धमाका करेगी पुष्पा 2 : द रूल

क्या इस्लाम अपनाने के लिए चाहत खन्ना को किया गया था मजबूर? एक्ट्रेस बोलीं- सनातन धर्म में लौटकर खुश हूं

Bigg Boss 18 : जानिए क्यों विवियन डीसेना हैं घर के असली लीडर

सभी देखें

जरूर पढ़ें

स्त्री 2 फिल्म समीक्षा : विक्की की टीम का इस बार सरकटा से मुकाबला

खेल खेल में मूवी रिव्यू: अक्षय कुमार की कॉमिक टाइमिंग जोरदार, लेकिन ‍क्या फिल्म है मजेदार?

वेदा फिल्म समीक्षा: जातिवाद की चुनौती देती जॉन अब्राहम और शरवरी की फिल्म | Vedaa review

औरों में कहां दम था मूवी रिव्यू: अजय देवगन और तब्बू की फिल्म भी बेदम

Kill movie review: खून के कीचड़ से सनी सिंगल लोकेशन थ्रिलर किल

આગળનો લેખ
Show comments