अनुभव सिन्हा द्वारा निर्देशित फिल्म 'आर्टिकल 15' हमारे देश की गहरी जड़ वाली जाति पदानुक्रम की याद दिलाता है जो आज भी हमारे देश में मौजूद है और साथ ही इससे संबंधित मानदंड निर्धारित नियमों का पालन न करने के परिणाम को उजागर किया गया था।
फिल्म ने सिनेमाघरों में शानदार 50 दिनों का सफर तय किया था, साथ ही सिने प्रेमियों द्वारा फिल्म को बेहद पसंद किया गया था और उसके यथार्थवादी दृष्टिकोण ने सभी का दिल जीत लिया। इस उपलब्धि की गवाही स्क्रीन अवार्ड्स में आर्टिकल 15 को प्राप्त हुए नामांकन की संख्या है।
एक या दो नहीं, बल्कि 10 नॉमिनेशन में अनुभव सिन्हा की फिल्म आर्टिकल 15 ने अपनी जगह बनाई है, जिसमें सर्वश्रेष्ठ पटकथा, सर्वश्रेष्ठ संवाद, सर्वश्रेष्ठ निर्देशक, सर्वश्रेष्ठ फिल्म, सर्वश्रेष्ठ अभिनेता, सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता, सर्वश्रेष्ठ एडिटिंग, सर्वश्रेष्ठ सिनेमेटोग्राफी, सर्वश्रेष्ठ साउंड और सर्वश्रेष्ठ प्रोडक्शन डिजाइन जैसी कई श्रेणियां शामिल है।
फिल्म सबसे यथार्थवादी इन्वेस्टिगेशन ड्रामा है जो वास्तविक जीवन की घटनाओं से प्रेरित है। दलित बलात्कार से लेकर अन्य अत्याचारों पर, आर्टिकल 15 में समाज की सामाजिक तंत्रिका की पकड़ को दर्शाया गया है, साथ ही एक ऐसी खतरनाक स्थिति को प्रस्तुत किया गया है जिससे देश आज भी निपट रहा है।
अनुभव सिन्हा ने आर्टिकल 15 के रूप में एक ऐसी फिल्म दी है जो इतनी अलग, कठोर और झंझोड़ कर रख देने वाली कहानी होने के बावजूद दर्शकों के दिलों पर गहरी छाप छोड़ने में सफल रही है और सिनेमाघरों में शानदार प्रदर्शन के साथ फ़िल्म का बोलबाला देखने मिला था।