Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia

ये काली-काली आंखें के कलाकारों ने बताया सीरीज का सीजन 2 आने में क्यों लगा समय

ये काली-काली आंखें के कलाकारों ने बताया सीरीज का सीजन 2 आने में क्यों लगा समय

रूना आशीष

, शुक्रवार, 15 नवंबर 2024 (14:17 IST)
जनवरी 2022 में जब नेटफ्लिक्स पर 'काली-काली आंखें' वेब सीरीज रिलीज हुई थी तो इसके घुमावदार प्लॉट की वजह से उसे काफी पसंद किया गया था। इस में काम करने वाले कलाकार ताहिर राज भसीन और आंचल को लोगों ने उनकी अच्छी एक्टिंग स्किल के लिए खूब सराहा भी था। अब इतना समय बीत जाने के बाद कहानी को आगे बढ़ाया गया है और उसका सीजन 2 लेकर आ रहे हैं। 
 
पत्रकारों से खास बातचीत करते हुए। इस वेब सीरीज के कलाकार यानी ताहिर राज भसीन, श्वेता त्रिपाठी और अरुणोदय सिंह एक साथ ही बैठ गए और बहुत सारी बातें पत्रकारों के साथ साझा की।
 
हमने जब उनसे पूछा कि इतना देरी क्यों लगा दी सीजन टू को लाने के लिए?
इस बात पर जवाब देते हुए ताहिर राज भसीन ने कहा कि मैं तो इस बात को लेकर खुश हूं कि निर्देशक सिद्धार्थ सेनगुप्ता वह किसी भी काम के लिए फिल्म के लिए बहुत जरूरी मानते हैं कि उसकी स्क्रिप्ट बहुत सही रही हो। कहानी इतनी दमदार हो कि लोग उसमें खींच कर चले आए। 
 
मेरे लिए यह बहुत बड़ी बात है कि मेरे सामने कैसे स्क्रिप्ट आ रही है जिस पर बहुत सारे काम निर्देशक खुद कर चुका है। जब कहानी कसावट वालीहो तब प्रोडक्ट भी बहुत अच्छा बनता है और शान से प्रोडक्ट तो नहीं कहना चाहिए यह बोल सकता हूं कि पर्दे पर बहुत अच्छा निकल कर आता है। पर्दा पर छोटा हो या बड़ा? 
 
मैं आपको एक दावे के साथ बता सकता हूं कि यहां बैठे हम तीनों ही कलाकारों के साथ सबके साथ यही हुआ है कि जब भी हमने काली काली आंखों से जुड़ी कोई भी बात सोशल मीडिया पर पोस्ट की हो तो लोगों का तुरंत सवाल यह आता है कि अगला सीजन कब है? यानी आप कुछ बताएं तो सही लोग इंतजार में बैठे हुए हैं लेकिन होता क्या है के लोगों को बहुत त्वरित की बातों की आदत हो गई है। आपने फोटो खींचा इंस्टाग्राम पर डाल दिया। लोगों का रिएक्शन आ गया जबकि फिल्म या वेब सीरीज में ऐसा नहीं होता। हर एक में अपना समय लगता है। 
 
इसी बात पर श्वेता त्रिपाठी कहती हैं कि तो बहुत नार्मल बात है क्योंकि जब भी आपको कोई तो पसंद आता है तो आपकी इच्छा होती है कि क्या उसका कोई अगला सीजन है। अगर अगला सीजन आ रहा है, तो कब तक आ जाएगा। क्या शूट शुरू हो चुकी है, कब तक पूरी होगी? 
 
अरुणोदय सिंह ने कहा कि मुझे तो ऐसे मैसेज आते हैं कि लोगों के जहां उसने अभी तक आपने सूट नहीं किया। मैं तो आपने काम भी नहीं किया और अगर आ रहा है तो अभी तक क्यों नहीं आया हम लोगों के सामने? 
 
जब पहला सीजन अच्छा चलता है तो दूसरे सीजन पर रह जाता है, किस तरह से लेते हैं? 
स्पेशल को ताहिर राज भसीन एक्यूप्रेशर तो है, लेकिन अच्छा वाला देख कर अच्छा लगता है कि लोग अगर आप पर दबाव बना रहे हैं। सीजन टू के लिए इसका मतलब ही यह है कि सीजन 1 लोगों को पसंद आया है और उसके ही कलाकारों को वह वापस देखना चाहते हैं और चाहते हैं कि कहानी आगे भी बड़े। मेरे लिए तो बहुत अच्छी बात है। जब सीजन अलग-अलग आते हैं तब आपको मालूम होता है कि जब लोग इसे देखेंगे बहुत बड़ी आशाओं के साथ देखेंगे। 
 
आप पर प्रेशर भी होगा और साथ ही साथ आपको यह भी सहन करना पड़ सकता है कि कुछेक लोग कहेंगे सीजन वन से अच्छा है। कुछ कहेंगे सीजन 2 अच्छा है या नहीं, कुछ भी हो आपको कंपेयर तो आपकी की जाएगी और एक कलाकार के तौर पर मुझे इस तुलना के लिए तैयार रहना होगा। 
 
श्वेता ने कहा, मेरे लिए प्रेशर आप कोई बहुत बड़ी बात नहीं है क्योंकि मैं तो बचपन से लेकर कभी स्कूल ही गई हूं। कॉलेज भी गई तो किसी चीज का प्रेशर नहीं लिया। काम करते जाओ, खुश रहते जाओ और अब देखिए, भला है कि मैं जिस तरीके के फील्ड में काम कर रही हूं, वहां पर एग्जाम नहीं देनी है। आपको सिर्फ परफॉर्म करना है। आपको मजा आना चाहिए। अब मेरे जो निर्देशक हैं सिद्धार्थ जी उनके साथ काम करने में मुझे बेहद मजा आया। 
 
सौरभ जी के साथ बहुत ज्यादा मैं काम नहीं कर पाई। लेकिन जितने भी तीन या चार सीन थे उसमें मैंने खूब इंजॉय किया। कलाकार के तौर पर मेरे लिए बहुत ज्यादा मायने रखता है। हां, अब मेरे इन सारी प्रोसेस के दौरान अगर लोगों को मेरा काम पसंद आ जाए। लोगों को मेरी सीरीज पसंद आ जाए तो बहुत ही अच्छी बात है। वैसे भी हम आर्टिस्ट है ना अपने हर प्रोजेक्ट के साथ अपने को बेहतर से बेहतरीन बनाने में तुले रहते हैं। 
 
अरुणोदय आप एक लेखक हैं कि आपने स्क्रिप्ट में कोई मदद की ?
बिल्कुल भी नहीं एक तो मैं इतना अच्छा भी लेखक नहीं हूं कि मैं किसी की मदद कर सकूं। दूसरा सिद्धार्थ सर जो है, उनको मदद की जरूरत ही नहीं है। वह तब तक लिखते रहेंगे और ड्राफ्ट पर ड्राफ्ट बनाते जाएंगे। जब तक उनको खुद को संतुष्टि ना हो जाए।
 
जब आप शूट कर रहे थे तो क्या अपने रिफरेंस के लिए सीजन वन देखा है?
अरुणोदय सिंह - नहीं। मेरा तो काम ही उस सीजन में बहुत छोटा सा था तो उसमें मैं क्या देखता?
 
श्वेता त्रिपाठी-  मुझे ठीक लगता है कि मैं ऐसा सीजन वन एक बार देख लूं, ताकि कुछ समय पहले उस पार्ट में, उस खास रोल के लिए मैंने क्या-क्या तैयारियां की थी, उसे कैसे निभाया था। क्या पहना था, किस तरीके से मैनरिज्म थे। यह सब देखने में मेरा होमवर्क हो जाता है। और कई किरदार जब आप अलग-अलग जगह पर निभाते हो तो कहीं आप एक किरदार को दूसरे किरदार में ना डाल दो इसके लिए भी अच्छा है कि आप अपने ही सीजन वन को अपने ही रोल को एक बार फिर से देख लो और अपनी यादें ताजा कर लो। 
 
अब जैसे गोलू जो है, वह कभी भी ऐसा नहीं बैठेगी जैसे शिखा बैठती है। शिखा जो है वह जिस तरीके से मैं आपसे जिस लहजे में आपसे बात करी उसने हमें शिखा कभी बात ही नहीं करती है। गोलू कुछ अलग रंग की हो गई है जबकि शिखा जो है वह गलत लोगों के बीच में फंस गई है। आप अपनी कितनी भी बुद्धि का प्रयोग कर ले, फिर भी आपको सही गलत का समझ हो जाती है। मतलब जब मैं सीजन 2 का पहला एपिसोड भी देख रही थी तब मुझे लगा कुछ भी हो कोई भी व्यक्ति मारने के लिए बॉम नहीं लगा सकता है। चाहे वह हीरो ही क्यों ना हो जाए, आप उसे पसंद नहीं क्यों न करते हो। लेकिन फिर भी क्या आप उसे पसंद करना छोड़ देंगे। यह सारे रंग को बहुत करीब से देखने के लिए बहुत जरूरी है कि मैं सीजन वन देखूं।
 
ताहिर राज भसीन - मैं थोड़ी सी अलग सोच रखता हूं। मैं पहली बार ऐसा कोई शो कर रहा हूं जिसका सीजन 2 आ रहा है तो मुझे नहीं पता। लेकिन मैं अलग यह कर जाता हूं कि मैं नोट्स बनाता हूं। सीजन वन में मेरा जो भी किरदार था, उसकी क्या कोई बैक स्टोरी थी वह हीरोइन से मिलने के पहले किस तरीके का था, उस का रहन सहन कैसा था, उसकी सोच कैसी थी। उसके माता-पिता के साथ उसके रिश्ते कैसे थे। वो कैसे पला बढ़ा है यह सारे मैं नोट बना कर रखता हूं। और अब जब मैं सीजन टू कर रहा हूं अपने जीवन में पहली बार तो शायद मुझे सीजन वन देखने की जरूरत ना भी पढ़े। 
 
अब सोचे किसी आर्किटेक्ट को एक बिल्डिंग दोबारा बनानी है तो जरूरी नहीं है कि वह उस बिल्डिंग में एक बार फिर से जाए। वह ब्लू प्रिंट निकाले। उसके नोट के अनुसार वह नया नक्शा तैयार कर देगा। बिल्कुल वैसे ही मैं भी करता हूं और पुराना सीजन ना देखने का एक फायदा यह भी हुआ कि मुझे इस वाले रोल में बताना था की हीरोइन अगर कहीं चली गई है तो कहां गई है या उसके साथ क्या हुआ होगा? और अगर मुझे 2 साल पहले क्या हुआ है, यह मालूम ही नहीं होगा। तुम मेरे लिए बहुत स्वाभाविक तौर पर से एक्टिंग करना आसान हो जाएगा। मुझे खास मेहनत नहीं करनी पड़ेगी। 
 
लेकिन हां, कहीं कहीं ऐसा लगता है कि मुझे सीजन वन का रिफरेंस की जरूरत थी तो उसके लिए फिर निर्देशक साहब थे। वह मुझे बता दिया करते थे कि सीजन वन में ऐसा ऐसा तुमने किया था तो मैं उसी से जोड़कर आगे की कहानी आगे की एक्टिंग कर देता हूं। 

Share this Story:

Follow Webdunia gujarati

આગળનો લેખ

हनीमून पर जाने की है तैयारी तो ये हैं साउथ इंडिया के टॉप हनीमून डेस्टिनेशंस