'लंचबॉक्स' और 'एयरलिफ्ट' से लोगों की निगाह में आने वाली निमरत कौर ने धीरे-धीरे अपने पांव इंडस्ट्री में पसारने शुरू कर दिए हैं। अब वो एकता कपूर की एप ऑल्ट बालाजी की एक सीरीज 'द टेस्ट केस' में एक ऐसी आर्मी ऑफिसर की भूमिका में हैं, जो कमांडो ट्रेनिंग ले रही है और अपने साथियों में अकेली और पहली महिला ट्रेनी कमांडो है। उनसे 'वेबदुनिया' ने खास बातचीत की।
आप शो में शिखा शर्मा का रोल कर रही हैं, उसके बारे में बताइए?
आमतौर पर ये मान लिया जाता है कि जो बाहर से मजबूत इरादे वाला होता है, वो अंदर से भी मजबूत इरादे रखता होगा। वह तो हर परेशानी को निभा लेगा। उसे पूछने में भी लोग झिझकते हैं कि आप कैसे ये सवाल कैसे कर लें कि क्या वो ठीक है? शिखा भी ऐसी ही इंसान है, जो अपनी कमियां दिखाने में यकीन नहीं रखती है। हमने शो में दिखाया है कि वो एक सूबेदार मेजर की लड़की है, जो गांव से आती है और भाइयों के साथ ही पली-बढ़ी है। उससे एक बार इंटरव्यू में पूछा जाता है कि भाई हैं तो फिर पिता ने उन्हें आर्मी में नहीं भेजा और तुम्हें ही क्यों आर्मी में भेजा है? वह कहती है कि मुझे भेजा नहीं गया, मैं खुद आई हूं।
अभी तक आपने फिल्म या प्रिंट या टीवी के लिए काम किया है लेकिन इस बार आपका मीडियम बदल गया है। कोई फर्क पड़ा?
नहीं। कम से कम हमारी अप्रोच में तो कोई फर्क नहीं पड़ा कि अब मैं वेब सीरीज के सेट पर हूं तो ये ऐसे चलेगा बल्कि ये तो मेरे लिए ऐसे अनुभवों में शामिल हो गया है, जैसे मेरे लिए दूसरे देश में शूट करने जैसा रहा हो। बहुत अच्छा लगा।
लेकिन इस बार दर्शक बदल गए हैं?
मेरे लिए ये बहुत ही दिलचस्प सवाल है, क्योंकि फिल्म हो तो कह दें कि वीकेंड पर बॉक्स ऑफिस कलेक्शन ये रही है या इतने लोगों ने परिवार वालों के साथ जाकर ये फिल्म देखी। हमें पब्लिक रिस्पॉन्स मिल रहा है। अभी तक जितनी प्रतिक्रियाएं मिली हैं वो जोश से भर देने वाली हैं। इसके बाद मुझे लगा कि मैं ये सब कर सकती हूं। वेब बहुत नई चीज थी मेरे लिए, क्योंकि मुझे नहीं मालूम कि किस तरह के लोग मुझे देख रहे होंगे लेकिन अभी तो मजा आ रहा है।
तो वेब की दुनिया से आपकी कितनी दोस्ती है?
मेरे लिए ये सब बहुत नया है। मैं तो इन सबके बारे में ज्यादा जानती भी नहीं हूं। मैं सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर तो हूं, लेकिन मैं उसमें रची-बसी हुई नहीं हूं। मैंने टीवी सीरीज भी ज्यादा नहीं देखी हैं। मैंने अभी तक टीवी सीरीज भी वे ही देखीं जिसमें मैंने काम किया है। मैं तो ऐसी रिलीज के लिए टारगेट ऑडियंस भी नहीं हूं। लेकिन हां, इसके दर्शकों के लिए कई और भी चीजें हैं, जो दिखाई जा सकती हैं।
आपके हिस्से बड़ी अच्छी फिल्में और सीरीज आई हैं। 'एयरलिफ्ट' या 'लंचबॉक्स'... आप कोई भी प्रोजक्ट चुनते समय क्या ध्यान रखती हैं?
मैं बस ये ही सोचती हूं कि क्या जो रोल मैं कर रही हूं, उस पर मैं विश्वास रख पा रही हूं या नहीं? क्या लोग उसे देखना पसंद करेंगे? अगर कोई रोल मुझे करने में मजा नहीं आ रहा है तो लोगों को देखने में भी मजा नहीं आने वाला।