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इस वजह से दर्शकों का दिल जीतने में कामयाब रही 'मर्दानी 2', निर्देशक गोपी पुथरण ने किया खुलासा

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रविवार, 13 दिसंबर 2020 (17:23 IST)
लेखक और निर्देशक गोपी पुथरण का फिल्म इंडस्ट्री में एक शानदार सफर रहा है। वाईआरएफ के अंदर वह 'लफंगे परिंदे' के लेखक की भूमिका में दाखिल हुए थे, इसके बाद वह मर्दानी के लेखक और असिस्टेंट डायरेक्टर बन गए। आगे चलकर उन्होंने 'मर्दानी 2' के निर्देशन की बागडोर संभाली। 

 
गोपी को आदित्य चोपड़ा के साथ बेहद करीब से काम करते हुए अब 10 साल बीत चुके हैं। अपने निर्देशन में बनी पहली फिल्म रानी मुखर्जी स्टारर सुपरहिट 'मर्दानी 2' की पहली वर्षगांठ के अवसर पर वह बता रहे हैं कि इस हार्ड-हिटिंग फिल्म ने भारतीयों पर कितना गहरा असर डाला है।
 
मर्दानी 2 के साथ भारतीय सिनेमा को रियल लाइफ में घटने वाले घिनौने अपराधों पर बेहतरीन थ्रिलर फिल्म देने वाले गोपी का कहना है, पूरे इंडिया के बारे में बात करने से मामला बिखर जाएगा। मैं इतना ही कहूंगा कि यह मुद्दा जिस व्यक्ति से भी जुड़ता है, मैं उस इनसाइट को शेयर कर सकता हूं, क्योंकि संदेशों की बाढ़-सी आ गई थी। ये मैसेज हर उस व्यक्ति ने भेजे थे, जिसने फिल्म की विषय-वस्तु से खुद को जोड़ कर देखा। हमें ये मैसेज इसलिए मिले कि फिल्म की ओर से भी अपना मैसेज देने में खास ईमानदारी बरती गई थी। दर्शकों के सामने बिना किसी पूर्वाग्रह के इस मैसेज को एक बांध लेने वाली कहानी के पैकेज में पेश करना- मुझे लगता है कि इन दोनों चीजों का तालमेल दर्शकों के मन में गूंज उठा था।

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मर्दानी 2 भारत में किशोरवय के अपराधियों द्वारा महिलाओं के खिलाफ किए जा रहे गुनाहों की तरफ और ज्यादा ध्यान खींचने में कामयाब रही थी। गोपी आगे बताते हैं, “जब लोगों ने मर्दानी 1 और 2 देखी, तो आम तौर पर उनका रिएक्शन यही था कि वाह क्या दिलचस्प फिल्म है। मर्दानी सीरीज की बात करें, तो यह एक ऐसी कहानी है, जो आपको अपनी गिरफ्त में ले लेती है और पूरी फिल्म में आपको खाली उपदेश ही नहीं पिलाया जाता- मेरी नजर में यह इस सीरीज का एकदम अलग से दिखने वाला फैक्टर है।
 
सबसे पहली बात यह है कि इसकी कहानी बड़ी दिलचस्प है और इसके साथ-साथ हम एक मैसेज भी दे रहे हैं। जैसा कि मैं मर्दानी के बारे में कहना चाहूंगा कि यह फिल्म पूरी तरह से उस जगह खड़ी है, जहां से वह महिलाओं, उनकी समस्याओं के बारे में खुल कर बात करती है और यह उसी डोमेन में स्थित भी है। इसने बड़ी हलचल मचाई थी, क्योंकि फिल्म में कुछ ऐसे सवाल उठाए गए थे, जिनके बारे में पहले बात नहीं की गई थी। मेरा मानना है कि बहुत छोटे स्तर पर ही सही, इन सवालों ने इस मामले की तरफ लोगों का ध्यान खींचा।
 
'मर्दानी 2' अपने खुरदुरेपन में मर्दानी से एक पायदान ऊपर ही थी। गोपी मर्दानी 2 की स्टोरीलाइन को लेकर इस फिल्म के प्रोड्यूसर आदित्य चोपड़ा के साथ चली अपनी रचनात्मक बातचीत की प्रक्रिया का खुलासा करते हैं, मर्दानी 1 के वक्त हमें बहुत कुछ पता नहीं था। हमारे मन में कुछ चीजें थीं, जिन्हें हमने पेश कर दिया था। लेकिन हमें जो रिस्पॉन्स मिला, उससे अहसास हुआ कि अब मर्दानी 2 में हमें अपने मैसेज को लेकर ज्यादा स्पष्ट होना पड़ेगा। 
 
हमें अपनी स्टोरीलाइन को ज्यादा दिलचस्प बनाने की जरूरत थी, इसलिए हर चीज एक पायदान ऊपर रखनी थी- स्टोरीटेलिंग, मैसेजिंग यानी हर चीज। तो, पूरा प्रोजेक्ट शुरू करने से पहले हमारे सामने एक चीज साफ थी कि हम मर्दानी 2 को तभी बनाएंगे, जब हमारे पास कोई ऐसा सबजेक्ट होगा, जिसके बारे में हम पूरे जुनून के साथ बात कर सकेंगे। इसी वजह से लगभग 5 साल का गैप हुआ। जैसे ही ठीक सब्जेक्ट और सही स्टोरीलाइन हमारे हाथ लगी, हमने फिल्म बना दी।
 
गोपी ने बताया ‍कि किस तरह से उन्होंने और इस प्रोजेक्ट ने रानी को रचनात्मक रूप से निचोड़ा होगा और चुनौतियों का सामना करने में रानी को कितना आनंद आया था। वह याद करते हैं, मैं यह मान कर चलता हूं कि फिल्म ने रानी को अपनी क्षमताओं से आगे बढ़ कर काम करने पर मजबूर कर दिया था। मेरे अंदाज से इसकी वजह यह हो सकती है कि जिस तरह का काम वह कर चुकी थीं, जिस तरह के किरदार वह निभा चुकी थीं, उनके मुकाबले मर्दानी का किरदार थोड़ा ऊंचा था, कम से कम उनकी दृष्टि से ऐसा ही था।
 
यकीनी तौर पर इसकी वजह यह थी कि यह दृष्टिकोण दर्शकों को ध्यान में रखते हुए बना था। मेरी समझ में केवल पर्फॉर्मेंस ने उनके सामने चुनौती पेश नहीं की थी, क्योंकि सटीक पर्फॉर्मेंस और सही किरदार खोज लेना उनके लिए बाएं हाथ का काम है, लेकिन मुझे लगता है कि कहीं न कहीं उन एक्शन सीक्वेंस ने उन्हें उलझन और झमेले में डाला होगा, जो पानी के नीचे फिल्माए गए थे।
 
गोपी आगे कहते हैं, उस वक्त तक रानी को पानी से हमेशा बड़ा डर लगता था, लेकिन उन्होंने इस फोबिया को मात दे दी। पानी के नीचे वाले सीक्वेंस शूट होने से पहले उन्होंने खुद को इसकी ट्रेनिंग में झोंक दिया था और शूटिंग के दौरान भी उन्होंने बड़ी हिम्मत दिखाई। पानी ने नीचे उन पर बड़ी मुश्किल गुजरती थी, इसके बावजूद उन्होंने वाकई इसे बखूबी संभाल लिया था। इसीलिए आप देख सकते हैं कि कोई आर्टिस्ट अपने कंफर्ट ज़ोन से कितना बाहर निकल सकता है, और एक बार जब आप अपने कंफर्ट ज़ोन से बाहर निकलते हैं, तो आपका प्रदर्शन गजब ढा देता है।
 

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