Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia

मदर्स डे पर आलिया भट्ट की वेबदुनिया से विशेष बातचीत

मां मुझसे भी ज्यादा परफेक्ट और बेहतर हैं

मदर्स डे पर आलिया भट्ट की वेबदुनिया से विशेष बातचीत

रूना आशीष

"मैंने पहली बार जब मम्मा के साथ शूट शुरू किया तो यह महसूस हुआ कि अब किसी ने भी हम दोनों को एक साथ कास्ट नहीं किया। वैसे इसके पहले मैंने और मम्मा ने एक साथ एक ऐड किया था, लेकिन फिल्म एक साथ करने की बात अलग होती है।" आलिया भट्ट फिल्म 'राज़ी' में अपनी मां सोनी राज़दान के साथ नज़र आई हैं। 
 
अपने जीवन में मां की अहमियत बताते हुए आलिया कहती हैं "मैं बिल्कुल अपनी मां की ही तरह बन चुकी हूं। एक समय था जब मैं अपनी मां की एक खास आदत यानी लोगों को ज्ञान देते रहने की आदत से परेशान और चिढ़ जाती थी, लेकिन आज मैं खुद वही करने लगी हूं। पहले मैं मम्मा को देखती थी कि वो कैसे लोगों को खाने के बारे में या दवाई के बारे में ज्ञान देती रहती थीं और मैं पूछती थी कि ना तो आप डाइटिशियन हो ना डॉक्टर तो क्यों इतना सबको बताते रहते हो? आज मेरी ये हालत है कि मैं सबको बोलती रहती हूं कि आप ये दवाई लें.. तकलीफ है तो मैं आपको दवाई दे रही हूं। आज मैं भी मां जैसी हो कई हूं।"
 
वेबदुनिया संवाददाता रूना आशीष से अपनी अगली फिल्म राजी और मां सोनी राज़दान के बारे में बात करते हुए आलिया ने आगे कहा कि "मैं तो अपने शूट के पहले दिन बहुत टेंशन में आ गई थी कि मम्मा ये सब कर लेंगी ना। इतने डायलॉग हैं और कैसे इतना काम करेंगी। मुझे उनकी फिक्र होने लगी थी।"
 
तो सेट पर आप मम्मा बन गईं? 
हां बिल्कुल.. मुझे लगा कि मम्मा अगर डायलॉग भूल गईं तो मैं कैसे उन्हें समझाऊंगी। मुझे ठीक वैसे ही लग रहा था जैसे किसी मां को लगता है जब उनका बच्चा किसी परीक्षा या प्रतियोगिता में भाग ले रहा हो। मां को डर सताता है कि बच्चा नहीं जीता तो कैसे बच्चे को मनाएगी? मुझे लगा कि मां को दिलासा देना पड़ेगी कि मां कोई बात नहीं हम अगले शॉट में फिर से कोशिश करते हैं। 
 
लेकिन वो तो खुद एक ऐक्टर हैं। 
लेकिन मैं भूल गई थी कि वे टीवी और थिएटर भी करती रही हैं। वे मां होने के पहले एक एक्ट्रेस भी तो हैं। वैसे भी टीवी पर और नाटकों में तो बहुत बड़े डायलॉग्स होते हैं जो उन्हें एक बार मे ही बोलने पड़ते हैं। 
 
कैसा रहा फिर आपको शूट? 
वो तो मेरे से भी ज़्यादा पर्फेक्ट हैं। मुझे लगा कि डायलॉग में परेशानी हो सकती हैं क्योंकि हिंदी में बात करनी थी और साथ में उर्दू भी बोलनी थी जबकि मेरी मां घर में भी जब हिंदी बोलती हैं तो बड़ी फनी लगती हैं, लेकिन सेट पर उनकी हिंदी और उर्दू इतनी साफ थी कि मेरा सारा डर चला गया। वे मुझसे बेहतर हैं। 
 
और इसके बाद के दिन? 
दो-चार दिन बाद फिर सब नॉर्मल हो गया. फिर हम दोनों जब कैमरा के आगे होते थे तो हम सीरियसली काम करते, लेकिन कैमरा ऑफ होते ही हम अपने आपको सीरियसली नहीं लेते थे। हम फिर आपस में बातें करने लगते थे। कभी खाने पीने की बातों पर चर्चा होती थी। 

Share this Story:

Follow Webdunia gujarati

આગળનો લેખ

रेस 3 के ट्रेलर में देखने लायक होंगी ये तीन बातें