Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia

जब हेमा मालिनी को तमिल निर्देशक ने कर दिया था काम देने से मना, कही थी यह बात

जब हेमा मालिनी को तमिल निर्देशक ने कर दिया था काम देने से मना, कही थी यह बात

WD Entertainment Desk

, बुधवार, 16 अक्टूबर 2024 (10:25 IST)
16 अक्टूबर 1948 को तमिलनाडु के आमानकुंडी में जन्मीं हेमा मालिनी की मां जया चक्रवर्ती फिल्म निर्माता थीं। हेमा ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा चेन्नई से पूरी की। साल 1961 में हेमा मालिनी को एक लघु नाटक 'पांडव वनवासम' में बतौर नर्तकी काम करने का अवसर मिला। 
 
साल 1968 में हेमा मालिनी को सर्वप्रथम राजकपूर के साथ 'सपनों का सौदागर' में काम करने का मौका मिला। फिल्म के प्रमोशन के दौरान हेमा मालिनी को ड्रीम गर्ल के रूप में प्रचारित किया गया। बदकिस्मती से फिल्म बॉक्स ऑफिस पर असफल साबित हुई लेकिन अभिनेत्री के रूप में हेमा मालिनी को दर्शकों ने पसंद किया गया।
 
हेमा मालिनी को पहली सफलता साल 1970 में रिलीज फिल्म 'जॉनी मेरा नाम' से हासिल हुई। इसमें उनके साथ अभिनेता देवानंद मुख्य भूमिका में थे। फिल्म में हेमा और देवानंद की जोड़ी को दर्शकों ने सिर आंखों पर लिया और फिल्म सुपरहिट रही। इसके बाद रमेश सिप्पी की साल 1971 में रिलीज फिल्म अंदाज में भी हेमा मालिनी ने अपने अभिनय से दर्शको को मंत्रमुग्ध कर दिया।
 
webdunia
साल 1972 में हेमा मालिनी को रमेश सिप्पी की ही फिल्म 'सीता और गीता' में काम करने का अवसर मिला जो उनके सिने करियर के लिये मील का पत्थर साबित हुई। इस फिल्म की सफलता के बाद वह शोहरत की बुलंदियों पर जा पहुंचीं। उन्हें इस फिल्म में दमदार अभिनय के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के फिल्म फेयर पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया।
 
हेमा मालिनी ने जब फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखा ही था तब एक तमिल निर्देशक श्रीधर ने उन्हें अपनी फिल्म में काम देने से यह कहते हुए इंकार कर दिया कि उनमें स्टार अपील नहीं है। बाद में सत्तर के दशक में इसी निर्माता-निर्देशक ने उनकी लोकप्रियता को भुनाने के लिए उन्हें लेकर 1973 में 'गहरी चाल' फिल्म का निर्माण किया।
 
सिल्वर स्क्रीन पर हेमा मालिनी की जोडी धर्मेंद्र के साथ खूब जमी। यह फिल्मी जोंडी सबसे पहले फिल्म शराफत से चर्चा में आई। साल 1975 में रिलीज फिल्म शोले में धर्मेन्द्र ने वीरू और हेमा मालिनी ने बसंती की भूमिका में दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया। हेमा और धर्मेंद्र की यह जोड़ी इतनी अधिक पसंद की गई कि धर्मेंद्र की रील लाइफ की ड्रीम गर्ल, हेमा मालिनी उनके रीयल लाइफ की ड्रीम गर्ल बन गईं।
 
webdunia
सत्तर के दशक में हेमा मालिनी पर आरोप लगने लगे कि वह केवल ग्लैमर वाले किरदार ही निभा सकती हैं लेकिन उन्होंने खुशबू, किनारा और मीरा जैसी फिल्मों में संजीदा किरदार निभाकर अपने आलोचकों का मुंह हमेशा के लिये बंद कर दिया। इस दौरान हेमा मालिनी के सौंदर्य और अभिनय का जलवा छाया हुआ था। इसी को देखते हुए निर्माता प्रमोद चक्रवर्ती ने उन्हें लेकर फिल्म ड्रीम गर्ल का निर्माण तक कर दिया।
 
साल 1990 में हेमा मालिनी ने छोटे पर्दे की ओर भी रूख किया और धारावाहिक नुपूर का निर्देशन भी किया। इसके बाद साल 1992 में फिल्म अभिनेता शाहरूख खान को लेकर उन्होंने फिल्म दिल आशना है का निर्माण और निर्देशन किया। साल 1995 में उन्होंने छोटे पर्दे के लिए मोहिनी का निर्माण और निर्देशन किया। 
 
फिल्मों में कई भूमिकाएं निभाने के बाद हेमा मालिनी ने समाज सेवा के लिए राजनीति में प्रवेश किया। साल 2000 में हेमा मालिनी पद्मश्री सम्मान से भी सम्मानित की गईं। हेमा मालिनी ने अपने चार दशक के सिने करियर में लगभग 150 फिल्मों में काम किया। हेमा मालिनी मथुरा संसदीय सीट से भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव जीतकर संसद पहुंची है।

Share this Story:

Follow Webdunia gujarati

આગળનો લેખ

करवा चौथ जोक्स: जब पड़ोसन के चक्कर में पड़ोसी भूला बाजार में बाइक और बीवी