बॉलीवुड में यूं तो कई महिला फिल्म निर्देशक हैं, लेकिन कमर्शियल या मसाला फिल्म बनाने वालों में फराह खान का नाम ही सामने आता है। कोरियोग्राफर से निर्देशक बनीं फराह ने मैं हूं ना (2004), ओम शांति ओम (2007), तीस मार खां (2010) और हैप्पी न्यू ईयर (2014) बनाई है जिसमें से तीस मार खां को छोड़ सभी हिट रही हैं, इसके बावजूद फराह पिछले 6 वर्षों में कोई फिल्म नहीं बना पाई हैं और उनकी कोशिशें बेकार साबित हो रही हैं।
दरअसल फराह की तीस मार खां की तीखी आलोचना हुई थी। उसके बाद हैप्पी न्यू ईयर ने बॉक्स ऑफिस पर भले ही सफलता हासिल की हो, लेकिन इस फिल्म का भी दर्शकों और फिल्म समीक्षकों ने मजाक उड़ाया था। इसके बाद से फराह के प्रिय हीरो शाहरुख खान ने भी उनसे दूरी बना ली।
पिछले कुछ वर्षों से फराह अमिताभ बच्चन अभिनीत फिल्म सत्ते पे सत्ता (1982) का रीमेक बनाने की तैयारियों में लगी हुई थीं। इस फिल्म को राज एन. सिप्पी ने निर्देशित किया था। सत्ते पे सत्ता को फराह रितिक रोशन के साथ बनाने वाली थीं। रितिक ने फराह को महीनों तक जवाब नहीं दिया। न वे हां बोल पाए और न ही ना बोलने की हिम्मत जुटा पाए। रितिक जब लगातार टालते रहे तो फराह समझ गईं कि रितिक यह फिल्म नहीं करना चाहते हैं।
इसके बाद फराह ने अक्षय कुमार को यह फिल्म ऑफर की, लेकिन अक्षय ने भी मना कर दिया। जबकि वे फराह के साथ पहले काम कर चुके हैं। हारकर फराह, शाहरुख खान के पास गईं जहां से स्पष्ट ना तुरंत सुनने को मिला। शाहरुख खान करियर के ऐसे मोड़ पर खड़े हैं जहां पर उन्हें एक हिट फिल्म की सख्त जरूरत है और ऐसे में वे फराह जैसी निर्देशक के साथ फिल्म कर जोखिम लेने की हालत में नहीं हैं।
खबर है कि फराह ने सत्ते पे सत्ता का रीमेक बनाने का इरादा ही छोड़ दिया है। उनके साथ कोई बड़ा सितारा संभवत: अब काम नहीं करना चाहता। फराह जिस तरह की फिल्में बनाती हैं वैसी फिल्में अब दर्शक पसंद नहीं करते हैं। फराह इस हालत में नहीं हैं कि नए कलाकारों के साथ फिल्म बनाएं।
सत्ते पे सत्ता के बंद होने की एक दूसरी खबर ये भी है। सत्ते पे सत्ता 'सेवन ब्राइड्स फॉर सेवन ब्रदर्स' का अनऑफिशियल रीमेक है। तब कॉपीराइट के नियम इतने सख्त नहीं थे। एक देश को पता ही नहीं चलता था कि दूसरे देश में उनकी फिल्म का रीमेक बन गया है। यदि फराह सत्ते पे सत्ता का रीमेक बनाती हैं तो उन्हें विदेशी फिल्मकार से भी राइट्स खरीदना पड़ सकते हैं, इसलिए यह मामला उलझ गया है।