Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia

स्तन कर का विरोध करने के लिए काट दिए थे अपने स्तन

स्तन कर का विरोध करने के लिए काट दिए थे अपने स्तन
, गुरुवार, 8 मार्च 2018 (12:55 IST)
चेरथला, केरल। मुंबई में आज महिलाओं के लिए स्वाभिमान की लड़ाई लड़ने वाली केरल की उस महिला को याद किया जिसने स्तनों को ढंकने के विरोध में अपनी जान दे दी थी। इस महिला ने केरल में सैकड़ों वर्ष पहले लगाए जाने वाले स्तन कर के खिलाफ आवाज उठाते हुए अपनी जान ही कुर्बान कर दी थी। इस महिला को नांगेली के नाम से जाना जाता था। 
 
एक समय पर केवल में सार्वजनिक तौर पर अपने स्तनों को ढक कर रखने की इच्छा रखने वाली महिलाओं से मुलक्करम या स्तन कर वसूला जाता था। तब लोगों ने ऐसे कानून बनाए थे जो बर्बर और अमानवीय थे लेकिन उनका विरोध करने वाला कोई नहीं था। ऐसे में नांगेली ने अपना बलिदान देकर महिलाओं के सम्मान की रक्षा के लिए आगे आई।
 
पुराने जमाने में आदमियों ने ऐसे कई कानून बनाए थे जो मानवीयता के खिलाफ थे, लेकिन उनके खिलाफ बोलने की हिम्मत किसी में नहीं थी। केरल में वह समय ऐसा था जब गरीब महिलाओं को अपने स्तन ढकने के लिए राजा को कर चुकाना पड़ता था। नांगेली ने तय किया कि वह त्रावणकोर के राजा द्वारा लगाए जाए अमानवीय कर अदा नहीं करेगी। 
 
नांगेली का स्थानीय भाषा में मतलब होता है, 'खूबसूरत।' तकरीबन 30 के आस-पास की उम्र की नांगेली समाज के 'निचले' माने जाने वाले तबके से आती थी। जब स्थानीय कर अधिकारी (या परवथियार) बकाया ब्रेस्ट टैक्स वसूलने के लिए बार-बार नांगेली के घर आ रहा था तो उसने परवथियार को शांति से इंतजार करने के लिए कहा। नांगेली ने फिर केले का पत्ता सामने फर्श पर रखा, प्रार्थना की, दीप जलाया और फिर अपने दोनों स्तन काट डाले। 
 
चेरथला में नांगेली ने जिस जगह पर यह बलिदान दिया था, उसे मुलाचिपा राम्बु कहते हैं। मलयालम में इसका मतलब 'महिला के स्तन की भूमि' होता है। हालांकि स्थानीय लोग यह नाम लेने से हिचकते हैं। आजकल ज्यादातर लोग इसे 'मनोरमा कवला' कहते हैं। कवला का मतलब होता है जंक्शन। नांगेली के बलिदान के बाद ब्रेस्ट टैक्स का बर्बर कानून हटा लिया गया। 
 
केरल के चेरथला में हर कोई नांगेली की कहानी जानता है। नांगेली ने उस वक्त निचली जाति की महिलाओं के लगातार हो रहे उत्पीड़न के खिलाफ आवाज उठाने में अपना जीवन न्योछावर कर दिया था। उन्हें अपने स्तन ढकने के अधिकार के लिए टैक्स देना होता था। जितने बड़े स्तन होते थे, टैक्स की रकम उतनी ज्यादा होती थी। 

Share this Story:

Follow Webdunia gujarati

આગળનો લેખ

तब महिला का प्राइवेट पार्ट गायब होता है