Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia

एक ‘मुस्लिम कैब ड्राइवर’ के 250 हत्याएं करने की हकीकत: फैक्ट चेक

एक ‘मुस्लिम कैब ड्राइवर’ के 250 हत्याएं करने की हकीकत: फैक्ट चेक
, बुधवार, 5 जून 2019 (14:27 IST)
- फैक्ट चेक टीम
  बीबीसी न्यूज


सोशल मीडिया पर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मेरठ से संबंधित एक भ्रामक खबर फैलाई जा रही है जिसके अनुसार शहर के एक टैक्सी चालक ने यह स्वीकार किया है कि उसने बीते 120 दिनों में 250 यात्रियों का कत्ल किया।

‘dainikbharat.xyz’ नाम की वेबसाइट के मुताबिक टैक्सी ड्राइवर का नाम मोहम्मद सलीम है और वो बीते चार महीने से रोजाना दो से ज्यादा लोगों का कत्ल कर रहा था।

‘indiarag.com’ ने यूपी पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी दीपेश जुनेजा के हवाले से लिखा है कि सलीम ने जिन लोगों का कत्ल किया, उनमें पुरुष, महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। सलीम कार में बैठी सवारी की हत्या कर उनके सामान को लूटता था और बाद में उनके शव को फेंक दिया करता था।

webdunia
इन दो वेबसाइट्स की तरह hinduexistence.org, hindujagruti.org, defence.pk और gellerreport.com ने भी इस स्टोरी को पब्लिश किया है और यही बातें लिखी हैं।

‘Gellerreport.com’ अमरीकी लेखिका पेमेला गैलर की वेबसाइट है और उनके आधिकारिक ट्विटर हैंडल के मुताबिक वो इस वेबसाइट की एडिटर हैं।

भारतीय जनता पार्टी की आईटी सेल के प्रमुख अमिल मालवीय पेमेला गैलर के आधिकारिक ट्विटर हैंडल को फॉलो करते हैं।

पेमेला ने सोमवार, 3 जून 2019 को अपनी वेबसाइट पर छपी मेरठ की इस खबर को ट्वीट करते हुए लिखा कि एक मुस्लिम टैक्सी ड्राइवर ने कुबूल किया कि उसने 250 गैर-मुस्लिम यात्रियों का कत्ल किया तो मीडिया में कोई खबर नहीं आई।

webdunia
दक्षिणपंथी रुझान वाले कई बड़े फेसबुक ग्रुप्स में इन वेबसाइट्स के लिंक पोस्ट किये जा रहे हैं और इन्हें सैकड़ों बार शेयर किया जा चुका है।

बीबीसी के सौ से ज्यादा पाठकों ने व्हाट्सएप्प के जरिए हमें इन वेबसाइट्स के लिंक भेजे हैं और इस कथित घटना की सच्चाई जाननी चाही है।

अपनी पड़ताल में हमने पाया कि यह 12 साल पुरानी ख़बर है जिसे अब तोड़-मरोड़ कर दोबारा इन वेबसाइट्स ने पब्लिश किया है और इसके आधार पर लोग सोशल मीडिया पर तरह-तरह की बातें लिख रहे हैं।

12 साल पुराना मामला

सोशल मीडिया पर फैलाए जा रहे इन वेबसाइट लिंक्स की सच्चाई जानने के लिए हमने यूपी की मेरठ पुलिस से बात की।

स्थानीय पुलिस ने बताया कि ऐसा कोई मामला हाल के दिनों में सामने नहीं आया है। साथ ही हमें बताया गया कि साल 2007 में जरूर एक मामला सामने आया था जिसमें एक टैक्सी गैंग पर दो सौ से ज्यादा लोगों की हत्या करने का आरोप लगा था।

इंटरनेट रिवर्स सर्च से हमें पता चला कि मार्च 2007 में यूपी पुलिस ने 250 से ज्यादा लोगों का मर्डर करने वाले एक कथित टैक्सी गैंग को गिरफ्तार किया था। इससे संबंधित कुछ मीडिया रिपोर्ट्स भी हमें इंटरनेट पर मिलीं।

हमने पाया कि इस घटना से जुड़ी जो रिपोर्ट 30 मार्च 2007 को ‘न्यूज़-18’ ने पब्लिश की थी, उसी रिपोर्ट के अधिकांश हिस्से hinduexistence.org और gellerreport.com जैसी वेबसाइट्स ने अब इस्तेमाल किए हैं, लेकिन घटना की तारीख, जगह और कुछ बुनियादी तथ्य बदल दिए गए हैं।

webdunia
उसी दिन टाइम्स ऑफ इंडिया अखबार ने भी इस मामले पर एक रिपोर्ट पब्लिश की थी। इस रिपोर्ट के अनुसार मेरठ पुलिस ने 29 मार्च 2007 को करीब 35 लोगों के एक संदिग्ध गिरोह को गिरफ्तार किया था।

इन सभी लोगों को साल 2003 से 2007 के बीच 250 लोगों की हत्या करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार चार साल के अंतराल (2003-07) में इस गैंग ने उत्तर प्रदेश के लखनऊ, झांसी, कानपुर, फैजाबाद, बहराइच और मेरठ समेत कुछ अन्य शहरों में लोगों की हत्याएं की थीं।

इस गैंग की गिरफ़्तारी के बाद यूपी पुलिस ने मीडिया को बताया था कि ये लोग ख़ुद को टैक्सी ड्राइवर बताकर, लोगों को अपना शिकार बनाते थे और लूटपाट के बाद यात्रियों की हत्या कर उनके शव सुनसान इलाकों में फेंक देते थे।

पुलिस अफसर के नाम का गलत इस्तेमाल

इस पुरानी घटना को अब धार्मिक रंग देकर नए सिरे से सोशल मीडिया पर फैलाया जा रहा है।

जिन पुलिस अफसर का नाम इन वेबसाइट्स ने पब्लिश किया है, वो अब मेरठ के एसपी नहीं हैं।

दीपेश जुनेजा साल 2007 में मेरठ के एसएसपी थे, लेकिन फिलहाल वो यूपी पुलिस के रिक्रूटमेंट बोर्ड में एडीजी के पद पर हैं।

जुनेजा 2007 में इस गैंग के खिलाफ हुई पुलिसिया कार्रवाई में शामिल थे।

उनके अनुसार फरवरी 2007 में दो लोगों की हत्या के एक मामले में जाँच के दौरान उन्हें कुछ सुराग मिले थे जिसके बाद उन्होंने बहराइच के सलीम नामक शख्स को गिरफ्तार कर लिया था और उसकी कार भी जब्त कर ली गई थी।

पुलिस ने इस मामले की जाँच में पाया था कि 35 लोगों का ये गैंग 6-7 लोगों की एक टीम बनाकर हत्याओं को अंजाम देता था और एक ज़िले में आपराधिक घटना को अंजाम देने के बाद ये टीम दूसरे जिले में पहुँच जाती थी।

पर क्या इस घटना में कोई धार्मिक एंगल भी था? इसकी जानकारी लेने के लिए हमने यूपी पुलिस के एडीजी दीपेश जुनेजा से बात करने की कोशिश की।

उनके दफ्तर से हमें यह स्पष्टीकरण मिला कि 2007 में हुआ ये एक आपराधिक मामला था। इस घटना में कोई धार्मिक एंगल नहीं था। सोशल मीडिया पर दीपेश जुनेजा के हवाले से जो खबरें अब फैलाई जा रही हैं वो सभी फेक हैं।

Share this Story:

Follow Webdunia gujarati

આગળનો લેખ

इस स्कूल में प्लास्टिक देकर पढ़ते हैं बच्चे