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पैग़ंबर मोहम्मद पर बयान को लेकर यूपी में हिंसा, अब तक क्या हुआ और कितने लोग गिरफ़्तार

पैग़ंबर मोहम्मद पर बयान को लेकर यूपी में हिंसा, अब तक क्या हुआ और कितने लोग गिरफ़्तार

BBC Hindi

, रविवार, 12 जून 2022 (08:06 IST)
अनंत झणाणे, बीबीसी संवाददाता

उत्तर प्रदेश में शुक्रवार को जुमे की नमाज़ के बाद हुए हिंसक प्रदर्शनों के बाद गिरफ्तारियों का सिलसिला जारी है।
समस्त उत्तर प्रदेश में कुल मिलाकर 255 संदिग्ध दंगाइयों को गिरफ्तारी किया गया है जिसमें फ़िरोज़ाबाद में 13, अलीगढ़ में 3, हाथरस में 50, मुरादाबाद में 27, आंबेडकर नगर में 28, सहारनपुर में 64, जालौन में 2 और प्रयागराज में 68 लोगों की गिरफ्तारियां की हैं। लखीमपुर खीरी में भी प्रदर्शन के बाद मुकदमा दर्ज हुआ है लेकिन किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है।
 
जिन ज़िलों में शुक्रवार को हिंसा भड़की वहां पर शनिवार को भी कड़े सुरक्षा के इन्तेज़ाम दिखे और पुलिस और प्रशसन के अधिकारियों ने सड़कों पर निकल कर सुरक्षा इन्तेज़ाम का जायज़ा लिया।
 
प्रयागराज में मास्टरमाइंड की गिरफ्तारी का दावा
प्रयागराज में पुलिस का कहना है कि 29 गंभीर धाराओं में मुक़दमा दर्ज किया गया है और उनका दावा है कि उन्होंने घटना की मास्टरमाइंड को गिरफ्तार किया है जिसका नाम वो मोहम्मद जावेद उर्फ़ जावेद पंप बता रही है। पुलिस का कहना है कि जावेद के मोबाइल फ़ोन से मिली जानकारी के मुताबिक़- उन्होंने भारत बंद का आह्वान किया और टाला, जहाँ हिंसा भड़की वहां पहुँचने का भी आह्वान किया गया था।
 
प्रयागराज के एसएसपी अजय कुमार का कहना है, "पूछताछ में इन्होंने बताया कि इनकी एक लड़की है जो जेएनयू में पड़ती है। उसके द्वारा भी इसको राय मश्वरा दिया जाता है। पुलिस इस पहलू पर जांच कर रही है कि क्या राय मश्वरा दिया जाता है। उसके मोबाइल से कई नंबर डिलीटेड भी हैं, व्हाट्सऐप से डिलीटेड हैं। उन्हें रिकवर करने के लिए मोबाइल्स को एफएसएल भेजा जायेगा।"
 
क्या अभियुक्त मोहम्मद जावेद की बेटी से भी पूछताछ की जाएगी? मीडिया के इस सवाल के बारे में एसएसपी अजय कुमार ने कहा, "शुरुआती पूछताछ में बात सामने आयी है। अगर ठोस सबूत मिलता है तो गिरफ्तारी करने में रत्ती भर गुरेज़ नहीं किया जायेगा। तत्काल गिरफ्तारी करने के लिए टीमें दिल्ली जाएँगी, और दिल्ली पुलिस से रिक्वेस्ट किया जायेगा।"
 
प्रयागराज पुलिस का दावा है कि शुरुआती छानबीन में ऐसा सामने आ रहा है कि एक बड़े पैमाने पर साज़िश रची गयी है। एक आदमी को हिरासत में लिया ही जा चुका है और एसएसपी का कहना है कि तीन चार और लोगों की चर्चा है, उनके बारे में पुलिस का कहना है कि वो पड़ताल कर रही है।
 
एसएसपी ने कहा, "प्रयागराज डिवेलपमेंट अथॉरिटी द्वार अभियुक्तों के अवैध निर्माण के ध्वस्तीकरण की कार्रवाई भी अमल में लाई जाएगी और गैंगस्टर एक्ट के तहत अभियुक्तों की काली कमाई को भी ज़ब्त किया जायेगा और किसी भी तरह से इन्हे बख़्शा नहीं जायेगा।" प्रयागराज डिवेलपमेंट अथॉरिटी के जॉइंट सेक्रेटरी अजय कुमार भी इलाके में ग़ैर-क़ानूनी इमारतों को चिन्हित करने के लिए पहुंचे।
 
पुलिस के अनुसार दंगे में नाबालिग बच्चों को आगे करके पथराव किया गया। मुक़दमे में 5000 अज्ञात लोग भी रखे गए हैं।
 
प्रयागराज पुलिस यह भी दावा कर रही है कि ऐसा हो सकता है कि संदिग्ध दंगाइयों को पैसे भी मिले हों। एसएसपी अजय कुमार का कहना है कि, "ऐसा लग रहा था कि इनको कुछ करके ही जाना था, तभी इनको पैमेंट मिलेगा, ऐसा कमिटमेंट इनमें महसूस हुआ। यह गहरी साज़िश का हिस्सा है और पुलिस सभी को बुक करने का काम करेगी।"
 
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कानपुर में चला बुलडोज़र
3 जून की घटना के एक हफ्ते बाद शनिवार को कानपुर में कानपुर डिवेलपमेंट अथॉरिटी ने मोहम्मद इश्तिआक नाम के शख्स की इमारत पर बुलडोज़र चलवाया।
 
भारी सुरक्षा के बीच बुलडोज़र चलाया गया और कानपुर के जॉइंट सीपी आनंद प्रकाश तिवारी ने कहा कि, "मिले इनपुट के आधार पर दंगे के मुख्य अभियुक्त ज़फ़र हयात हाशमी और मोहम्मद इश्तिआक दोनों एक-दूसरे के काफी करीबी हैं और हमारे पास यह विश्वास करने के कारण हैं कि यह इन्वेस्टमेंट मामले के मुख्य आरोपी का इन्वेस्टमेंट हैं।"
 
जब स्थानीय मीडिया ने उनसे यह सवाल पूछा कि हिंसा के बाद ही यहाँ बुलडोज़र चलाया जा रहा है और क्या पहले केडीए ने इमारत बनाते ध्यान नहीं दिया तो उसके जवाब में जॉइंट सीपी ने कहा कि, "नियमों और साक्ष्यों के आधार पर कार्रवाई की जा रही है और हम शहर में किसी भी गैरकानूनी चीज़ की अनुमति नहीं देंगे। किसी भी घटना के 360 डिग्री आयाम होते हैं और उसमें फंडिंग मोटिव और मंशा होते हैं और इस जांच में भी सारी चीज़ों की जांच हो रही है।"
 
केडीए के सचिव त्रिभुवन वैश्य ने कहा कि भू-माफियाओं की अवैध संपत्तियों के खिलाफ प्रशासन लगातार सुनवाई करते हुए कार्रवाई कर रहा है।
 
सहारनपुर में भी चला बुलडोज़र
शुक्रवार को सहारनपुर में भी भड़की हिंसा में पुलिस ने कुल 64 लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस प्रशासन उनके ख़िलाफ़ रासुका कानून के तहत कार्रवाई करने की बात कर रही है।
 
घटना में दो अभियुक्तों मुज़म्मिल और अब्दुल वाक़र के घरों पर नगर निगम के बुलडोज़र चले और दोनों को पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है।
 
सहारनपुर की सड़कों पर जुमे की नमाज़ के बाद हुए प्रदर्शन में हुई हिंसा के बाद पुलिस ने बाज़ार सामान्य रूप से खुलवाने का प्रयास किया और व्यापारियों से बात उन्हें सुरक्षा के आश्वासन दिए।
 
भाजपा विधायक ने शेयर किया संदिग्ध दंगाइयों की पिटाई का वीडियो 
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पूर्व मीडिया सलाहकार और देवरिया से भाजपा विधायक शलभ मणि त्रिपाठी ने एक वीडियो ट्वीट किया जिसमें पुलिस एक बंद कमरे में हिरासत में कुछ लोगों पर लाठियां बरसा रही है। ट्वीट कर उन्होंने लिखा, बलवाइयों को "रिटर्न गिफ़्ट"
 
बीबीसी ने जानने की कोशिश की कि क्या यह वीडियो उत्तर प्रदेश के किसी ज़िले का है तो इस बारे में प्रदेश के एडीजी लॉ एंड आर्डर प्रशांत कुमार ने कहा कि, "यह वीडियो अभी पुलिस के संज्ञान में नहीं आया है।"
 

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