Webdunia - Bharat's app for daily news and videos

Install App

ग़ज़नी में तालिबान : 'उनके आते ही मैंने राष्ट्रीय ध्वज उतार दिया, किताबें और टीवी छिपा दिए'

BBC Hindi
शुक्रवार, 13 अगस्त 2021 (19:26 IST)
- ख़ुदा-ए-नूर नासिर
रातभर जारी रही भीषण लड़ाई के बाद, सुबह- सवेरे जब यह ख़बर मिली कि तालिबान ने ग़ज़नी शहर पर क़ब्ज़ा कर लिया है, तो मैंने तुरंत अपने घर की छत से डिश एंटीना उतारा और इसके बाद घर में मौजूद बड़ा टीवी सेट, किताबें और लैपटॉप छिपा दिए। ग़ज़नी के रहने वाले सलाहुद्दीन ने पिछले 24 घंटे में शहर में जो कुछ हुआ उसके बारे में बीबीसी से बात की है।

तालिबान ने ग़ज़नी प्रांत की राजधानी ग़ज़नी पर नियंत्रण हासिल करने का दावा किया है, स्थानीय लोगों का कहना है कि पूरी रात अफ़ग़ान सेना के साथ भीषण लड़ाई के बाद तालिबान लड़ाके गुरुवार सुबह शहर में दाख़िल हो चुके हैं।

न्यूज़ एजेंसी एएफपी के अनुसार, अफ़ग़ान गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने ग़ज़नी पर तालिबान के क़ब्ज़े की पुष्टि करते हुए कहा है कि दुश्मनों ने (शहर का) नियंत्रण हासिल कर लिया है। अफ़ग़ानिस्तान में सोशल मीडिया पर वायरल हुई कुछ तस्वीरों में देखा जा सकता है कि शहर पर तालिबान का क़ब्ज़ा होने के बाद, ग़ज़नी के गवर्नर, पुलिस प्रमुख और अन्य अधिकारी गाड़ियों के एक क़ाफ़िले में ग़ज़नी से क़ाबुल की तरफ जा रहे हैं।

तालिबान की मीडिया विंग के अनुसार, आत्मसमर्पण करने वाले अफ़ग़ान अधिकारियों को क़ाफ़िले की शक्ल में सुरक्षित क़ाबुल के लिए रवाना किया गया है। लेकिन उनके अनुसार, कुछ तालिबान लड़ाकों ने ग़ज़नी शहर के बाहर यह देखने के लिए कि कहीं सरकारी अधिकारियों ने अपने वाहनों में हथियार या पैसे तो नहीं छिपाए हैं, इस क़ाफ़िले की तलाशी ली है।

सोशल मीडिया पर कुछ अफ़ग़ान नागरिक भी ग़ज़नी अधिकारियों की आलोचना कर रहे हैं, अधिकारीयों के शहर से जाने की तुलना 'भागने' से कर रहे हैं। सलाहुद्दीन के अनुसार, तालिबान लड़ाकों और अफ़ग़ान बलों के बीच कल रात भीषण लड़ाई हुई और सरकारी बलों ने तालिबान के ठिकानों पर हवाई हमले भी किए।

उन्होंने कहा कि रातभर की लड़ाई के बाद सुबह सन्नाटा पसरा रहा और बाद में पता चला कि तालिबान शहर के अंदर दाख़िल हो चुके हैं। तालिबान के दाख़िल होते ही घरों और दुकानों से अफ़ग़ानिस्तान के राष्ट्रीय झंडे उतार दिए गए।

सलाहुद्दीन के मुताबिक़, अफ़ग़ानिस्तान के अन्य शहरों की तरह ग़ज़नी में भी ज़्यादातर लोगों ने कुछ समय से अपने घरों और दुकानों पर अफ़ग़ानिस्तान का रष्ट्रीय झंडा लगा रखा था, लेकिन जैसे ही तालिबान के शहर में दाख़िल होने की ख़बर आई, सहमे हुए नागरिकों ने ये झंडे उतार दिए।

ग़ज़नी में तालिबान का सफ़ेद परचम
सलाहुद्दीन कहते हैं कि अब ग़ज़नी शहर में हर जगह तालिबान के सफेद झंडे दिखाई दे रहे हैं, जिन्हें ख़ुद तालिबान लड़ाके अलग-अलग जगहों पर लगा रहे हैं। उन्होंने बताया कि रातभर की लड़ाई के बाद, सुबह सब शांत हो चुका था, इसलिए लोग अपने घरों से निकले और अब डर के साथ-साथ शहर में सामान्य स्थिति लगभग बहाल हो गई है।

ग़ज़नी शहर में गवर्नर के कार्यालय और कई अन्य प्रमुख सरकारी स्थानों पर तालिबान का क़ब्ज़ा हो जाने के बाद, वीडियो भी जारी किए गए हैं, जिनमें तालिबान लड़ाके इन प्रमुख स्थानों पर पोज़िशन संभाले दिखाई दे रहे हैं।
हालांकि ग़ज़नी शहर कई महीनों से घेराबंदी में था और लगभग दो महीने पहले तालिबान लड़ाके शहर के बाहरी इलाक़े में पहुंच गए थे, लेकिन इन लड़ाकों ने शहर पर नियंत्रण हासिल करने के लिए बड़ा हमला कल रात में ही किया और सुबह तक वो शहर में दाख़िल होने और अहम इमारतों पर क़ब्ज़ा करने में सफल हो गए।

किताबें, टीवी सेट और लैपटॉप छिपा दिए
सलाहुद्दीन के अनुसार, ग़ज़नी शहर में ज़्यादातर लोग डिश एंटीना के माध्यम से टीवी चैनल देखते हैं और शहर में तालिबान की मौजूदगी के बारे में सुनकर कई लोगों ने रातोंरात अपने घरों की छतों से डिश एंटीना भी उतार दिया है।

सलाहुद्दीन का कहना है कि सुबह उन्होंने भी अपने घर की छत से डिश एंटीना उतारने के बाद घर में मौजूद बड़े टीवी सेट, किताबें और लैपटॉप भी छिपा दिए हैं। उनसे पूछा गया कि तालिबान अपने समय में टीवी, डिश एंटीना और ऐसी चीज़ों को जला देते थे, लेकिन उन्होंने किताबें क्यों छिपाई?

वो कहते हैं कि, मेरी किताबों में कुछ किताबें अंग्रेज़ी में भी थीं, जिनमें नेल्सन मंडेला और कई अन्य मशहूर हस्तियों की किताबें शामिल थीं। और हमने उन किताबों को इसलिए छिपा दिया कि कहीं ऐसा न हो, तालिबान इन किताबों को देखकर बुरा मान जाए।

सलाहुद्दीन के अनुसार, उनके एक पड़ौसी के घर में तालिबान दाख़िल हुए और उनके घर की ऊपरी मंज़िल पर चढ़कर अफ़ग़ान बलों के ख़िलाफ़ मोर्चा संभाल लिया है। ज़्यादातर इलाक़ों में तालिबान लड़ाके लोगों के घरों में घुसकर वहां से अफ़ग़ान बलों से लड़ते हैं। उन्होंने आगे कहा कि तालिबान आम जनता के घरों में इसलिए शरण लेते हैं, क्योंकि सेना वहां हवाई हमले नहीं कर सकती है।

पैसे महिलाओं के हवाले कर दिए
सलाहुद्दीन के मुताबिक़ उनके घर में ख़र्चे के लिए कुछ पैसे थे, जो उन्होंने घर की महिलाओं को दे दिए और कहा कि अपने इन पैसों को संभालकर रखें। हमारे घर में दो महिलाएं हैं, एक मेरी पत्नी और दूसरी मेरी भाभी। दोनों को अलग-अलग पैसे दिए हैं और कहा है कि इन्हें अपने शरीर से लगा लो। अगर एक की हवाई हमले या गोली में मौत हो जाती है, तो दूसरी के पैसे से कफ़न दफ़न का इंतज़ाम किया जाएगा।

सलाहुद्दीन के मुताबिक़ उसके घर की महिलाएं और बच्चे हैरान और परेशान हैं और बार-बार उनसे पूछते हैं कि अब क्या होगा? उन्होंने अपने घर के अंदर के माहौल का ज़िक्र करते हुए कहा कि रातभर चली लड़ाई और हवाई हमले के डर के कारण पूरा परिवार रातभर सो नहीं पाया और अब सुबह भी कोई नहीं सोया है। हालांकि उनके मुताबिक़ अब घर में हालात सामान्य हो गए हैं, क्योंकि कम से कम अब गोलियों की आवाज तो नहीं सुनाई दे रही है।

सम्बंधित जानकारी

जरूर पढ़ें

Gold Prices : शादी सीजन में सोने ने फिर बढ़ाई टेंशन, 84000 के करीब पहुंचा, चांदी भी चमकी

Uttar Pradesh Assembly by-election Results : UP की 9 विधानसभा सीटों के उपचुनाव परिणाम, हेराफेरी के आरोपों के बीच योगी सरकार पर कितना असर

PM मोदी गुयाना क्यों गए? जानिए भारत को कैसे होगा फायदा

महाराष्ट्र में पवार परिवार की पावर से बनेगी नई सरकार?

पोस्‍टमार्टम और डीप फ्रीजर में ढाई घंटे रखने के बाद भी चिता पर जिंदा हो गया शख्‍स, राजस्‍थान में कैसे हुआ ये चमत्‍कार

सभी देखें

मोबाइल मेनिया

सस्ता Redmi A4 5G लॉन्च, 2 चिपसेट वाला दुनिया का पहला 5G स्मार्टफोन

Vivo Y19s में ऐसा क्या है खास, जो आपको आएगा पसंद

क्या 9,000 से कम कीमत में आएगा Redmi A4 5G, जानिए कब होगा लॉन्च

तगड़े फीचर्स के साथ आया Infinix का एक और सस्ता स्मार्टफोन

Infinix का सस्ता Flip स्मार्टफोन, जानिए फीचर्स और कीमत

આગળનો લેખ
Show comments