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श्रद्धा वालकर केस: टॉक्सिक रिलेशनशिप क्या है, इससे कैसे बाहर निकल सकते हैं?

BBC Hindi
गुरुवार, 24 नवंबर 2022 (08:45 IST)
तुषार कुलकर्णी, बीबीसी मराठी
महाराष्ट्र की एक युवती श्रद्धा वालकर की दिल्ली में उसके लिव-इन पार्टनर ने 'हत्या की' और पुलिस के दावे के मुताबिक़ 35 टुकड़े कर कई जगहों पर फेंक दिया। इस घटना ने पूरे देश को हिला कर रख दिया है।
 
यह हत्या कैसे हुई, इस बारे में पुलिस की अब तक की पूछताछ पर बीबीसी हिंदी की टीम रिपोर्ट कर चुकी है। इस पर युवाओं से भी हमने बात की है।
 
समाज में जिस तरह की चर्चा हो रही है, उसमें एक चर्चा दोनों के आपसी रिश्ते पर हो रही है। कई लोग कह रहे हैं कि श्रद्धा उस रिश्ते में खुश नहीं थी, उस पर शक़ किया जा रहा था, पाटर्नर शारीरिक उत्पीड़न कर रहा था, तो भी वह उस रिश्ते से बाहर क्यों नहीं निकली, उसे इसका एहसास कैसे नहीं हुआ?
 
पुलिस ने भी बताया है कि दोनों का रिश्ता कई बार टूटने की कगार पर पहुंच चुका था। श्रद्धा ने अपने दोस्तों से भी कहा था कि 'मैं आफ़ताब के साथ सुरक्षित महसूस नहीं करती', लेकिन श्रद्धा ने कोई क़दम क्यों नहीं उठाया। यह सवाल बहुत से लोगों के मन में है।
 
श्रद्धा टॉक्सिक रिलेशनशिप में थीं, लेकिन वह इससे बाहर नहीं निकल पाईं। आगे क्या हुआ ये हमारे सामने है।
 
रिश्तों में घुटन का ज़िंदगी पर असर
कहते हैं कि आदमी जब प्रेम या फिर किसी रिश्ते में होता है तो वह एक-दूसरे के लिए कुछ भी सहने या करने को तैयार होता है। कहते भी हैं कि 'ये इश्क नहीं आसां, एक आग का दरिया है और डूब के जाना है।'
 
यह अतिशयोक्ति भले हो, लेकिन कई मामलों में सच भी है। जब आप किसी व्यक्ति से प्यार करते हैं तो उस रिश्ते में समस्याएं होना एक बात है, लेकिन ऐसी भी स्थिति होती है कि व्यक्ति ही समस्या का रूप ले लेता है। ऐसे में आपको इसका ध्यान रखना होता है कि कहीं रिश्ते में घुटन तो नहीं हो रही है।
 
इस आलेख में हमने ये जानने की कोशिश कि है कि टॉक्सिक रिलेशनशिप क्या है, इसे कैसे पहचाना जाए और कैसे सुरक्षित तरीके से इससे छुटकारा पाया जाए और जीवन को सही तरीके से पटरी पर लाया जाए। साथ ही यदि आप मनोवैज्ञानिक उत्पीड़न या शारीरिक हिंसा के शिकार हैं तो कहां संपर्क करें।
 
टॉक्सिक रिलेशनशिप क्या होता है?
ऑक्सफ़ोर्ड डिक्शनरी टॉक्सिक रिलेशनशिप को दर्दनाक और हानिकारक रिश्ते के रूप में परिभाषित करती है जहां एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति को नियंत्रित करना चाहता है और उस रिश्ते में दूसरे व्यक्ति को नकारात्मक रूप से प्रभावित करने की कोशिश करता है।
 
यानी दूसरे व्यक्ति पर नियंत्रण पाने के लिए अनैतिक और ग़लत बर्ताव भी करने लगता है। इसे एक उदाहरण से समझते हैं।
 
बीबीसी न्यूज़ ने इसी मुद्दे पर एक स्टोरी प्रकाशित की। इंग्लैंड में अन्ना नाम की एक अभिनेत्री (बदला हुआ नाम) की मुलाकात अपने से ज्यादा मशहूर अभिनेता थॉम (बदला हुआ नाम) से होती है। दोनों की जान-पहचान बढ़ी।
 
वे कॉफी और डिनर पर साथ जाने लगे। अभिनेता काफी सफल था, लेकिन वह अभिनेत्री के साथ व्यतीत करने के लिए समय निकालता था। वह अभिनेत्री की हर तरह से देखभाल भी करता था। अभिनेत्री को भी लगा कि ये मेरे सपनों का राजकुमार है। अन्ना अब तक जिन पुरुषों से मिली थी, उससे यह एकदम अलग लगा।
 
थॉम ने अन्ना को अपने घर पर रहने के लिए कहा। दोनों लिव-इन में रहने लगे। उसके बाद दो महीने बड़े सुख से बीते। बाद में उनके बीच धीरे-धीरे बहस होने लगी।
 
थॉम, जो पहले समझदार था, अब धीरे-धीरे नाराज़गी जाहिर करने लगा। वह कहने लगा कि तुम्हारी वजह से मैं अपने परिवार के साथ समय नहीं बिता पा रहा हूं, दोस्तों, परिवार और रिश्तेदारों से नहीं मिल पा रहा हूं।
 
इन बातों से अन्ना खुद को दोषी मानने लगी। वह यह मानने लगी थी कि उसके चलते अभिनेता अपने लोगों से नहीं मिल पा रहा है।
 
उधर थॉम ने पहले तो अन्ना से उसके पिछले रिश्तों के बारे में पूछा। अन्ना ने सब कुछ ईमानदारी से बताया, लेकिन थॉम अब झगड़ों में इसका जिक्र करने लगा था। थॉम को अन्ना के पुराने रिलेशनशिप से जलन भी होने लगी थी।
 
इतना ही नहीं, वह सोचने लगा था कि अन्ना क्या पिछले संबंध में ज़्यादा ख़ुश थी या फिर उसने केवल ख़ुशी वाली बात ही शेयर की है। यह सब सोचकर थॉम दुखी रहने लगा था। वह यह सोचता था कि 'तब हमलोग क्यों साथ नहीं थे'।
 
थॉम ने अन्ना के करियर में भी दिलचस्पी कम कर दी थी। दोनों जब भी बात करते, झगड़ा होने लगता। अन्ना भी सोचने लगी थी कि अगर उसने तुरंत थॉम के सवालों का जवाब नहीं दिया या मैसेज का रिप्लाई नहीं किया तो झगड़ा शुरू हो जाएगा।
 
फिर एक दिन ऐसा आया जब थॉम ने अन्ना से कहा कि मैं तुम्हारी वजह से आत्महत्या करने के बारे में सोच रहा हूं। अन्ना डर गई और उन्होंने महसूस किया कि वो एक टॉक्सिक रिलेशनशिप में हैं। अन्ना इस रिलेशनशिप में लंबा समय बीता चुकी थी, लेकिन फिर भी उसने रिश्ता ख़त्म करने का फ़ैसला लिया।
 
'बड़ी क़ीमत चुकानी पड़ती है'
लेकिन अन्ना जो कर सकी, वह हर कोई नहीं कर पाता है हालांकि ऐसा नहीं कर पाना कई बार बहुत महंगा साबित होता है। स्वतंत्र पत्रकार भक्ति चपलगांवकर ने 2007-08 के दौरान एक रिपोर्ट लिखी थी।
 
उस अनुभव के बारे में बीबीसी मराठी से बात करते हुए भक्ति कहती हैं, "एक निर्माता ने एक नयी महत्वाकांक्षी अभिनेत्री को छह-सात महीने तक बंधक बना कर रखा। अभिनेत्री को अपने घर से संपर्क करने की भी अनुमति नहीं थी। पहले वे दोस्त थे और फिर उनके बीच रिलेशनशिप हुई। निर्माता ने उसे अभिनेत्री बनाने का झांसा दिया था। बाद में फ़िल्म की बात शुरू होने पर दोनों में झगड़ा होने लगा था।"
 
"इसके बाद निर्माता ने अभिनेत्री को मारना-पीटना शुरू कर दिया था। जब उसके माता-पिता ने मीडिया और पुलिस से संपर्क किया और हम सभी उनके फ्लैट पर पहुंचे, तो लड़की दहशत में थी और उसे लग रहा था कि उसने कोई अपराध किया है।"
 
"उसने फ़िल्म में काम करने के लिए अपने माता-पिता को छोड़ दिया था। बाद में यह सोच कर सब कुछ सहती रही कि फिल्म नहीं मिली तो यह सब बर्बाद हो जाएगा। लड़कियां कभी शादी के लिए रुक जाती हैं तो कभी और वजहों से। पार्टनर अगर दुर्व्यवहार भी करने लगे तो रिश्ते ख़त्म नहीं हो पाते हैं, जैसा कि हम सबने श्रद्धा और आफ़ताब मामले में भी देखा।"
 
कई बार कुछ लोगों को पता ही नहीं चलता कि वे एक टॉक्सिक रिलेशनशिप में हैं। इसलिए ऐसे रिश्ते के लक्षणों को समझना ज़रूरी है।
 
कैसे पहचानें कि आप टॉक्सिक रिलेशनशिप में हैं?
इंग्लैंड की वीमेंस कोऑपरेशन कमिटी की सह-प्रमुख एडिना क्लेयर ने इन संकेतों को पहचानने का तरीक़ा बताया है।
 
वह कहती हैं कि किसी को भावनात्मक रूप से प्रताड़ित करना भी घरेलू हिंसा है। इसलिए ज़रूरी है कि लक्षणों को तुरंत पहचान लिया जाए और दूसरे व्यक्ति के डर से बाहर निकला जाए। यह समझना महत्वपूर्ण है कि उस व्यक्ति के नियंत्रण में रहने की कोई आवश्यकता नहीं है।
 
ऐसे लक्षण निम्नांकित हो सकते हैं-
एडिना का यह भी कहना है कि अच्छे रिलेशनशिप में सम्मान और भरोसा दो सबसे ज़रूरी कुंजी हैं। आपसी रिलेशनशिप में दबाव बनाने और नियंत्रण करने की कोशिश की कोई जगह नहीं होनी चाहिए।
 
रिलेशनशिप में हो रहा हो अपमान
हार्वर्ड हेल्थ वेबसाइट द्वारा प्रकाशित एक लेख में ऐसे तनावपूर्ण संबंधों के कुछ लक्षणों की रूपरेखा दी गई है।
 
अगर आप अपने रिश्ते में इन बातों को देखते हैं तो आपको इस रिश्ते के बारे में सोचने की ज़रूरत है। गलतफहमियां होना, रिश्ते में कुछ तनाव का आ जाना - ये सब स्वाभाविक है, लेकिन इसे वयस्क के तौर पर सुलझाने में सक्षम होना चाहिए नहीं तो यह रिश्ते में और दरार पैदा कर सकता है। विशेषज्ञों ने बीबीसी फ़ोर के एक कार्यक्रम को बताया कि रिश्तों को सुधारने में समय और मेहनत दोनों लगती है।
 
जानकारों का कहना है कि अगर लगातार वाद विवाद हो रहा हो तो विवाद के सवालों के जवाब तलाशने के लिए बातचीत बहुत ज़रूरी है और इसके लिए दूसरे व्यक्ति को सुनने के लिए तैयार होना चाहिए, साथ ही अपनी बातों को उचित तरीक़े से प्रस्तुत करने में भी सक्षम होना चाहिए।
 
विशेषज्ञों का सुझाव है कि यदि आपके बच्चे हैं, तो आपको उस पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में सोचने में सक्षम होना चाहिए।
 
टॉक्सिक रिलेशनशिप से बाहर निकलना इतना मुश्किल क्यों है?
काउंसलर डॉक्टर तेजस्विनी कुलकर्णी के मुताबिक़, टॉक्सिक रिलेशनशिप हमेशा टॉक्सिक नहीं होता है। वह बताती हैं, "एक टॉक्सिक रिलेशनशिप में पूरा समय बुरा व्यवहार या यातना भर नहीं होता है, बीच में अच्छे पल होते हैं, प्यार के पल, भावनात्मक पल, प्रशंसा के पल। कभी-कभी उन अच्छे अनुभवों और भावनाओं के कारण, हमारे दिमाग़ को रिलेशनशिप की आदत हो जाती है।"
 
"टॉक्सिक रिलेशनशिप जुए के खेल जैसा भी हो जाता है जहां दस बार हारने के बाद अगर एक बार जीत हासिल होती है तो उससे उम्मीद पैदा होती है कि आगे भी जीत मिलेगी। इस लिहाज से देखें तो कुछ लोगों को उम्मीद रहती है कि उनका पार्टनर बदल जाएगा।
 
इसके अलावा एक और कारण होता है, लोगों में आत्मसम्मान की बहुत कमी होती है। वे समझ नहीं पाते हैं कि उनके साथ ऐसा व्यवहार नहीं होना चाहिए। महिलाओं के मामले में तो सामाजिक असमानता भी एक भूमिका अदा करती है। कई बार समाज में ऐसा सुनने में आता है कि - पति है तो ऐसा ही होगा, पत्नी को मारता-पीटता ही होगा।"
 
अकेलेपन का डर भी एक कारण है। तेजस्विनी कहती हैं, "बहुत सारे शोधों से यह स्पष्ट है कि कम आत्मसम्मान वाले लोगों के टॉक्सिक रिलेशनशिप में आने और उनमें अधिक समय तक रहने की संभावना अधिक होती है।
 
बहुत से लोग अकेलेपन के डर से ऐसे रिश्तों में रहना पसंद करते हैं। वे टूटने और अकेले रहने के बदले बुरे रिश्ते में रहना चुन लेते हैं। अकेले रहने का आर्थिक और सामाजिक पहलू भी इसमें शामिल है।"
 
टॉक्सिक रिलेशनशिप से बाहर निकलने के लिए क्या करें?
यह पूछे जाने पर कि इस रिश्ते से बाहर निकलने के लिए क्या किया जा सकता है, डॉक्टर तेजस्विनी कहती हैं, "एक सच्चाई जो स्वीकार की जानी चाहिए वह यह है कि कोई भी रातों-रात नहीं बदलेगा। वास्तव में, जब तक आपके पास दृढ़ इच्छाशक्ति नहीं है और आप खुद पर कड़ी मेहनत करने के लिए तैयार नहीं हैं, तब तक यह बहुत कम संभावना है कि कोई आपके लिए बदलेगा। इसे स्वीकार करना होगा और खुद को बदलना होगा।"
 
"किसी रिश्ते में मानसिक या शारीरिक शोषण झेलने की बजाय, किसी ऐसे व्यक्ति से बात करें जिन पर आप भरोसा करते हैं। अगर कोई नहीं है तो ऐसे कई संगठनों के हेल्पलाइन उपलब्ध हैं। उन्हें कॉल करें और उनके काउंसलर से बात करें। अगर आपको यह तय करने में मुश्किल हो रही है कि क्या करना है तो मनोवैज्ञानिक से सलाह लें।"
 
समय पर सहायता प्राप्त करें - महत्वपूर्ण हेल्प लाइन नंबर
जहां तक संभव हो रिश्ते को सुधारने की कोशिश करना ठीक है, लेकिन अगर पार्टनर की ओर से हिंसा होती है, तो केंद्रीय महिला आयोग के अलावा विभिन्न राज्य महिला आयोग के दिशा-निर्देशों के मुताबिक महिलाओं को तुरंत पुलिस या महिला आयोग की मदद लेनी चाहिए।
 
राष्ट्रीय महिला आयोग हेल्पलाइन - महिला आयोग ने पूरे देश के लिए यह हेल्पलाइन उपलब्ध कराई है। मुसीबत में फंसी महिलाएं इस नंबर पर मदद के लिए संपर्क कर सकती हैं- 7827170170। पूरे देश में अगर कोई महिला परेशानी में है तो वह इस नंबर पर कॉल कर सकती है। उन्हें मदद मिल सकती है। नंबर है - 1091।
 
(घरेलू हिंसा की हेल्पलाइन- यह हेल्पलाइन घरेलू हिंसा का सामना करने वाली महिलाओं के मुद्दों का समाधान करने के लिए है। पति, ससुराल या लिव-इन पार्टनर द्वारा दुर्व्यवहार या हिंसा के मामले में वे इस नंबर पर संपर्क कर सकती हैं - 181)

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