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निर्मला सीतारमण ने ओबामा को घेरते हुए मुस्लिम देशों का दिया हवाला

निर्मला सीतारमण ने ओबामा को घेरते हुए मुस्लिम देशों का दिया हवाला

BBC Hindi

, सोमवार, 26 जून 2023 (09:28 IST)
नरेन्द्र मोदी सरकार में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा पर सवाल उठाते हुए कहा है कि जिनके कार्यकाल में 7 मुस्लिम देशों पर बमबारी हुई, वो भारत पर टिप्पणी कर रहे हैं। भारत की वित्तमंत्री ने कहा कि ऐसे लोग भारत के ख़िलाफ़ जब आरोप लगाते हैं तो उन पर कौन भरोसा करेगा?
 
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जब 20 जून को पहले स्टेट विजिट पर अमेरिका पहुंचे थे तो बाइडन प्रशासन ने उनके स्वागत में कोई कसर नहीं छोड़ी थी। लेकिन इसी दौरान अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने मोदी सरकार पर बहुसंख्यकवाद की राजनीति करने के लग रहे आरोप को लेकर जो टिप्पणी की उसकी चर्चा गर्म हो गई थी।
 
पीएम मोदी के अमेरिका पहुंचने पर वहां के कई सांसद और मानवाधिकार समूह भारत में मानवाधिकारों के कथित उल्लंघन और प्रेस की आज़ादी पर हमले को लेकर पहले से ही सवाल उठा रहे थे। लेकिन ओबामा की टिप्पणी के बाद इन सवालों को और तवज्जो मिलने लगी थी।
 
इसके बाद जब पीएम मोदी पिछले हफ़्ते व्हाइट हाउस में राष्ट्रपति बाइडन के साथ बैठक के बाद संयुक्त प्रेस कॉन्फ़्रेंस में सामने आए तो अमेरिकी अख़बार वॉल स्ट्रीट जर्नल की एक पत्रकार ने भारत में मानवाधिकार और अल्पसंख्यकों से जुड़े मुद्दों पर सवाल पूछ दिया।
 
पीएम मोदी ने इस सवाल के जवाब में कहा था कि भारत के डीएनए में लोकतंत्र है।
 
अपनी टिप्पणी के कारण ओबामा और पीएम मोदी से सवाल पूछने वाली पत्रकार सबरीना सिद्दीक़ी भारत में बीजेपी समर्थकों के निशाने पर आ गए।
 
ओबामा को लेकर पहले बीजेपी शासित असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने एक ट्वीट किया। इस ट्वीट को इस्लामोफोबिया के रूप में देखा गया और अब भारत की वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने भी ओबामा को निशाने पर लिया है।
 
अमेरिका की प्रतिष्ठित पत्रकार क्रिस्टियान अमानपोर ने ओबामा से पूछा था, 'राष्ट्रपति बाइडन ने डिफेन्सिव डेमोक्रेसी को अपने प्रशासन का केंद्र बनाया हुआ है। और ये वो वक़्त है, जब दुनिया में लोकतंत्र ख़तरे में है, इसे तानाशाहों और तानाशाही से चुनौती मिल रही है, अनुदार लोकतंत्रों से भी इसे चुनौती मिल रही है। बाइडन चीनी राष्ट्रपति को तानाशाह कहते हैं।'
 
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पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा एक इंटरव्यू में कहा था, 'हिन्दू बहुसंख्यक भारत में मुस्लिम अल्पसंख्यकों की सुरक्षा की बात करना अहम है। अगर मेरी मोदी से बात होती तो मेरा तर्क होता कि अगर आप अल्पसंख्यकों के अधिकारों की सुरक्षा नहीं करते हैं तो मुमकिन है कि भविष्य में भारत में विभाजन बढ़े। ये भारत के हितों के उलट होगा।'
 
असम के मुख्यमंत्री ने बराक ओबामा पर निशाना साधते हुए शुक्रवार को लिखा था, 'भारत में भी कई हुसैन ओबामा हैं। वॉशिंगटन जाने से पहले से पहले हमें उन पर गौर करने की ज़रूरत है। असम पुलिस अपनी प्राथमिकता के हिसाब से काम करेगी।'
 
सरमा के इस बयान की चर्चा सोशल मीडिया से लेकर अमेरिकी मीडिया तक में है।
 
अब इसी क्रम में निर्मला सीतारमण ने भी रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बराक ओबामा पर सवाल उठाए हैं।
 
सीतारमण ने कहा, 'अमेरिका से हम अच्छी दोस्ती चाहते हैं। मगर उनकी तरफ़ से धार्मिक सहिष्णुता पर बयान आ जाते हैं। पूर्व राष्ट्रपति जी कुछ बातें बोल रहे हैं। जहां छह मुस्लिम बहुल आबादी देशों के ख़िलाफ़ उनके शासन में बमबारी हुई। सीरिया, यमन, सऊदी, इराक़।।। मेरा पास स्पष्ट आंकड़ा नहीं है पर 7 देशों के ख़िलाफ़ युद्ध जैसे हालात बने। 26 हज़ार से ज़्यादा बम गिराए गए। ऐसे देश भारत के ख़िलाफ़ जब आरोप लगाते हैं तो उन पर कौन भरोसा करे।'
 
ओबामा की आलोचना
 
वॉशिंगटन पोस्ट ने बराक ओबामा पर की जा रही टिप्पणियों पर ख़बर की है। इस ख़बर में कहा गया है कि बीजेपी में उभरते सितारे और अच्छी ख़ासी मुस्लिम आबादी वाले असम के सीएम हेमंत बिस्वा सरमा ने भारतीय पुलिस से भारत के 'कई हुसैन ओबामा' पर गौर करने की बात कही है।
 
अमेरिकी मीडिया में कवरेज में पीएम मोदी से जुड़ी एक बात का ख़ास ज़िक्र किया गया।
 
बीते 9 सालों में बतौर प्रधानमंत्री ये पहली बार था, जब पीएम मोदी लाइव प्रेस कॉन्फ्रेंस में सवालों का सामना कर रहे थे।
 
साथ ही इस बात की चर्चा भी हर बार होती है कि कैसे गुजरात सीएम रहने के दौरान नरेन्द्र मोदी के अमेरिका आने पर रोक लगाई गई थी। नरेन्द्र मोदी के मुख्यमंत्री रहते 2002 में गुजरात में भीषण सांप्रदायिक दंगा हुआ था।
 
अमेरिकी न्यूज़ चैनल सीएनएन ने भी मोदी के दौरे का व्यापक रूप से करवेज किया था। सीएनएन ने अपनी रिपोर्ट में लिखा था, 'मोदी की लोकप्रियता भारत में जबर्दस्त है लेकिन अधिनायकवाद की तरफ़ उनका झुकाव पश्चिम को चिंतित करता है। उन्होंन असहमति तो नकार दिया है, पत्रकारों को निशाने पर लिया है और जिन नीतियों को उन्होंने आगे बढ़ाया है, उसे मानवाधिकार समूह मुसलमानों के ख़िलाफ़ भेदभावपूर्ण बताते हैं।'
 
सीएनएन ने लिखा है, 'भारत को दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र कहा जाता है और एशिया में बाइडन की रणनीति में भारत अहम किरदार बनकर उभरा है। भारत ने हाल ही में आबादी के मामले में चीन को पीछे छोड़ दिया है। बाइडन का मानना है कि जलवायु परिवर्तन जैसी वैश्विक समस्या का निदान भारत को साथ लिए बिना संभव नहीं है।'
 
बीजेपी की तीखी प्रतिक्रिया
 
फ़रवरी में पीएम मोदी पर कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने एक टिप्पणी की थी।
 
इस टिप्पणी के बाद असम पुलिस ने दिल्ली एयरपोर्ट से पवन खेड़ा को हिरासत में ले लिया था। खेड़ा तब फ्लाइट से कांग्रेस अधिवेशन में हिस्सा लेने छत्तीसगढ़ जा रहे थे। इस बात का तब कांग्रेस ने जमकर विरोध किया था।
 
इसी वाकये पर तंज कसते हुए ट्विटर पर पत्रकार रोहिणी सिंह ने लिखा था, 'भावनाएं आहत करने के आरोप में क्या गुवाहाटी में बराक ओबामा के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज की गई? क्या असम पुलिस वॉशिंगटन के रास्ते पर है और ओबामा को किसी फ्लाइट से उतारकर गिरफ़्तार करने वाली है?'
 
इसी ट्वीट के जवाब में सरमा ने लिखा था, 'भारत में कई और हुसैन ओबामा हैं, असम पुलिस अपनी प्राथमिकता तय करेगी और उस हिसाब से काम करेगी।'
 
सरमा के इस ट्वीट के बाद देश विदेश से तीखी प्रतिक्रियाएं आईं।
 
आलोचकों ने ये भी कहा कि एक तरफ़ पीएम मोदी अमेरिका में लोकतांत्रिक मूल्यों और अल्पसंख्यकों के हितों की बात करते हैं, दूसरी तरफ़ उन्हीं की पार्टी के मुख्यमंत्री मुस्लिम पहचान पर निशाना साधते हुए ट्वीट करते हैं।
 
पीएम मोदी ने अमेरिका में कहा था, 'भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों में धर्म, जाति, उम्र या भू-भाग के आधार पर कोई भेदभाव नहीं है। हमारी सरकार लोकतंत्र के मूल्यों के आधार पर बने संविधान के आधार पर चलती है तो 'पक्षपात का कोई सवाल ही नहीं उठता है'।
 
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव की रेस में शामिल रहे अमेरिकी डेमोक्रेट नेता बर्नी सेंडर्स ने भी ट्वीट करके लिखा था कि पीएम मोदी के साथ बैठक के दौरान राष्ट्रपति बाइडन को धार्मिक अल्पसंख्यकों के बारे में बात करनी चाहिए।
 
उन्होंने कहा था, 'प्रधानमंत्री मोदी की सरकार ने प्रेस और सिविल सोसाइटी पर कड़ा प्रहार किया है, राजनीतिक विरोधियों को जेल में डाल दिया है और आक्रामक हिन्दू राष्ट्रवाद को बढ़ावा दिया है, जिसकी वजह से भारत के धार्मिक अल्पसंख्यकों के लिए काफ़ी कम स्पेस बचा है। राष्ट्रपति बाइडन को पीएम मोदी के साथ बैठक में ये तथ्य रखने चाहिए।'
 
एक्टर अक्षय कुमार को 2019 में दिए इंटरव्यू में पीएम मोदी ने कहा था, 'बराक ओबामा मेरे अच्छे दोस्त हैं। तू तड़ाक करके बुलाते हैं एक दूसरे को।'
 
हालांकि बराक ओबामा जब 2015 में बतौर राष्ट्रपति भारत आए थे, तब उन्होंने कहा था- भारत तब तक ही सफल बना रहेगा, तब तक वो धार्मिक आधार पर बंटा हुआ नहीं होगा।
 
तब बराक ओबामा भारत गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि के रूप में आए थे। तब उन्होंने कहा था, 'हर व्यक्ति के पास अपने धर्म का पालन करने का अधिकार है और किसी भी धर्म के साथ भेदभाव नहीं होना चाहिए। मेरी जो पृष्ठभूमि रही है, उसकी वजह से मुझे भी अमेरिका में कई चीज़ों का सामना करना पड़ा है।'

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