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कुलभूषण जाधव मामला: अब तक जो पता है

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बुधवार, 17 जुलाई 2019 (12:57 IST)
भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान में एक सैन्य अदालत ने भारतीय खुफिया एजेंसी के लिए जासूसी और आतंकवाद का दोषी पाया है और उन्हें मौत की सजा सुनाई गई है। भारत अंतरराष्ट्रीय अदालत से इस मामले में राहत की उम्मीद कर रहा है।
 
इस मामले पर फैसला ऐसे समय में आने की उम्मीद है जब बीते रविवार को ही वाघा बॉर्डर पर भारत और पाकिस्तान के अधिकारियों के बीच करतारपुर कॉरिडोर पर बातचीत हुई है।
 
रेडियो पाकिस्तान ने ख़बर दी है कि फैसले के मद्देनजर पाकिस्तान के अटॉर्नी जनरल अनवर मंसूर ख़ान और विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद फ़ैसल हेग पहुंच गए हैं।
 
भारत की दलीलें
भारत पाकिस्तान के इस दावे को ख़ारिज करता रहा है कि जाधव को 3 मार्च 2016 को बलूचिस्तान प्रांत से गिरफ़्तार किया गया था। भारत का दावा है कि जाधव को ईरान से अग़वा किया गया था, जहां उनका निजी व्यापार था।
 
भारत ने इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ़ जस्टिस में यह दलील दी है कि जाधव को 'कॉन्सुलर एक्सेस' यानी भारतीय दूतावास के अधिकारियों से बात करने का हक न देकर पाकिस्तान ने विएना संधि का उल्लंघन किया है। पाकिस्तान का कहना है कि जासूसी के मामले में दोषी को 'कॉन्सुलर एक्सेस' नहीं दिया जा सकता।
 
भारत ने अंतरराष्ट्रीय अदालत में अपील की है कि जाधव की मौत की सजा रद्द की जाए और उन्हें तुरंत रिहा किया जाए। भारत का कहना है कि जाधव की सुनवाई में तय प्रक्रिया के न्यूनतम मानकों का भी पालन नहीं किया गया।
 
सुनवाई के दौरान भारतीय वकील हरीश साल्वे ने कहा कि पाकिस्तान से पास जाधव को दोषी ठहराने के लिए उनके 'जबरन इकबालिया बयान' के अलावा कोई और सबूत नहीं है।
 
साल्वे ने ये भी कहा कि पाकिस्तान अपनी अंतरराष्ट्रीय जांच से ध्यान भटकाने के लिए कुलभूषण जाधव को मोहरे की तरह इस्तेमाल कर रहा है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में सुनवाई को भी बेपटरी करने की नाकाम कोशिशें भी कर चुका है।
 
साल्वे ने पाकिस्तानी सैन्य अदालत का जिक्र करते हुए कहा कि कोई देश अपने यहां के क़ानून का हवाला देकर अंतरराष्ट्रीय क़ानून का उल्लंघन नहीं कर सकता।
 
दिसंबर 2017 में जाधव की मां और पत्नी उनसे मिलने पाकिस्तान गई थीं। इसके बाद भारत ने कहा था कि इस पूरी प्रक्रिया में 'कोई विश्वसनीयता नहीं थी' और इस मुलाकात का माहौल 'धमकी भरा' था। भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा था कि जाधव की मां और पत्नी से ज़बरदस्ती कपड़े बदलवाए गए, उन्हें मातृभाषा में बात करने की इजाज़त नहीं दी गई और उनकी पत्नी के जूते भी नहीं लौटाए गए।
 
कब क्या हुआ
- कुलभूषण जाधव का जन्म 1970 में महाराष्ट्र के सांगली में हुआ था।
- 3 मार्च 2016 को पाकिस्तान ने कहा कि रिटायर्ड भारतीय नौसेना अधिकारी पाकिस्तान के बलूचिस्तान से जासूसी के मामले में पकड़े गए हैं।
- भारत ने ये तो माना कि कुलभूषण भारतीय नागरिक हैं लेकिन उनके जासूस होने की बात से इनकार किया। भारत सरकार ने कहा कि कुलभूषण ईरान से 
कानूनी तरीके से अपना कारोबार चला रहे थे और उनके अपहरण की आशंका जताई।
- पाकिस्तान ने 25 मार्च 2016 को भारतीय प्रशासन को प्रेस रिलीज के जरिये जाधव की गिरफ़्तारी के बारे में सूचित किया। भारत ने ये तो माना कि कुलभूषण भारतीय नागरिक हैं लेकिन उनके जासूस होने की बात से इनकार किया।
- पाकिस्तान ने कुलभूषण जाधव के कथित इकबालिया बयान का एक वीडियो जारी किया।
- वीडियो में कुलभूषण को ये कहते हुए बताया गया कि वो 1991 में भारतीय नौसेना में शामिल हुए थे।
- जारी किए गए वीडियो में कुलभूषण ने कहा कि उन्होंने 1987 में नेशनल डिफेंस एकेडमी ज्वॉइन की थी।
- छह मिनट के इस वीडियो में कुलभूषण ने ये बताया कि उन्होंने साल 2013 में रॉ के लिए काम करना शुरू किया था।
- 7 दिसंबर 2016 को तत्कालीन पाकिस्तानी विदेश मंत्री सरताज अज़ीज़ ने देश की संसद में कहा कि जाधव के ख़िलाफ़ ठोस सबूत नहीं हैं। उन्होंने कहा कि जाधव से जुड़े डोज़ियर में कुछ बयान मात्र हैं और उसमें कोई निर्णायक सबूत नहीं हैं। विदेश मंत्रालय ने उसी दिन बयान जारी कर कहा कि यह बयान ग़लत है।
- 30 मार्च, 2016 को भारतीय विदेश मंत्रालय का जवाब आया कि कुलभूषण जाधव को प्रताड़ित किया जा रहा है।
- 26 अप्रैल 2017 को पाकिस्तान ने जाधव को कॉन्सुलर एक्सेस का भारत का निवेदन 16वीं बार ख़ारिज कर दिया।
- 10 अप्रैल 2017 को पाकिस्तानी सेना के जनसंपर्क विभाग (ISPR) ने एक प्रेस रिलीज़ के ज़रिये सूचित किया कि जाधव को एक सैन्य अदालत ने मौत की सजा सुनाई है।
- 6 जनवरी 2017 को पाकिस्तान ने कहा कि उसने संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेश को इस्लामाबाद में भारत के दख़ल और देश को अस्थिर करने की कोशिशों के संबंध में एक डोज़ियर सौंपा है।
- कॉन्सुलर एक्सेस के 16 बार निवेदन ठुकराए जाने के बाद 8 मई 2017 को भारत ने संयुक्त राष्ट्र में याचिका दाख़िल की। भारत ने इसे विएना संधि का उल्लंघन बताया।
- 9 मई 2017 को इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (आईसीजे) ने जाधव की मौत की सजा पर सुनवाई पूरी होने तक रोक लगा दी।
- 17 जुलाई 2018 को पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने 400 पन्नों का जवाब आईसीजे को सौंपा।
- 17 अप्रैल 2018 को भारत ने दूसरे दौर का जवाब आईसीजे को सौंपा।

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