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भारत की आपत्ति के बाद कोरोना वेरिएंट का नाम रखने के नियम बदले

भारत की आपत्ति के बाद कोरोना वेरिएंट का नाम रखने के नियम बदले
, मंगलवार, 1 जून 2021 (12:04 IST)
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) ने कोविड-19 के वेरिएंट के नामकरण के लिए एक नये सिस्टम का ऐलान किया है। इसके तहत अब डब्लूएचओ भारत, ब्रिटेन, दक्षिण अफ़्रीका समेत दूसरे देशों में पाये जाने वाले कोरोना वेरिएंट का नाम रखने के लिए ग्रीक भाषा के अक्षरों का इस्तेमाल करेगा।
 
इसी नियम के तहत पहली बार भारत में पाए गए B.1.617.1 को कप्पा और B.1.617.2 को डेल्टा कहा जाएगा। ब्रिटेन में पाए गए वेरिएंट को अल्फ़ा और दक्षिण अफ़्रीका में पाए गए वेरिएंट को बीटा नाम दिया गया है। डब्ल्यूएचओ ने कहा कि ये फ़ैसला बातचीत को आसान बनाने और किसी देश के साथ वेरिएंट के नाम को ना जोड़ा जाए, यह सुनिश्चित करने के लिए किया गया है।
 
इस महीने की शुरुआत में भारत सरकार ने B.1.617.2 को भारतीय वेरिएंट बुलाए जाने की आलोचना की थी। हालांकि डब्लूएचओ ने पहले भी आधिकारिक तौर पर किसी वेरिएंट के नाम को किसी देश के साथ नहीं जोड़ा था। डब्लूएचओ की कोविड-19 की टेक्नीकल प्रमुख मारिया वैन कर्खोव ने ट्‌वीट किया कि किसी भी देश को वेरिएंट खोजने और उसकी जानकारी देने के लिए बदनाम नहीं करना चाहिए।
 
उन्होंने वेरिएंट की खोज के लिए 'बेहतर निगरानी' और वैज्ञानिक आंकड़े शेयर करने पर ज़ोर दिया। डब्ल्यूएचओ ने अपनी वेबसाइट पर सभी वेरिएंट के नामों की लिस्ट जारी की है।
 
भारत सरकार ने की थी आलोचना : भारत ने B.1.617 वेरिएंट को 'भारतीय वेरिएंट' कहे जाने की कड़ी आलोचना की थी। 12 मई को स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा था कि 'बिना किसी आधार के' मीडिया में इस वेरिएंट को 'भारतीय वेरिएंट' कहा जा रहा है।
 
इसके बाद भारत सरकार ने सोशल मीडिया कंपनियों से कहा था कि वो अपने प्लेटफॉर्म पर पोस्ट की गईं उन सभी पोस्टों को हटाएं जिनमें कोविड-19 के 'भारतीय वेरिएंट' की बात की गई है।
 
भारत सरकार के सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने कहा था कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना वायरस के B.1.617 वेरिएंट को 'भारतीय वेरिएंट' नहीं कहा है, ऐसे में इसे 'भारतीय वेरिएंट' कहना ग़लत है। 22 मई को सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने एक सरकारी आदेश जारी कर सोशल मीडिया कंपनियों को निर्देश दिया था।
 
आदेश में कहा गया कि कंपनियां अपने प्लेटफॉर्म से वो सारा कंटेंट तुरंत हटाएं, जिनमें कोरोना वायरस के 'भारतीय वेरिएंट' के नाम का इस्तेमाल किया गया है या फिर इस तरफ इशारा किया गया है।
 
वेरिएंट की संख्या बढ़ी तो बदलेगा सिस्टम : ये ग्रीक नाम पहले से चले आ रहे साइंटिफ़िक नामों की जगह नहीं लेंगे। अगर आधिकारिक तौर पर 24 से अधिक वेरिएंट मिल जाते हैं, तो ग्रीक अक्षर नए नामों के लिए कम पड़ जाएंगे। कर्खोव ने एक इंटरव्यू में कहा कि ऐसी स्थिति में नामकरण के नए प्रोग्राम का ऐलान किया जाएगा।
 
उन्होंने एक अमेरिकी वेबसाइट से कहा कि हम B.1.1.7 की जगह कोई दूसरा नाम नहीं ला रहे हैं, सिर्फ़ आम लोगों के बीच चर्चा को आसान बनाने की कोशिश कर रहे हैं। लोगों के बीच की बातचीत में इन नामों से आसानी होगी।
 
सोमवार को ब्रिटेन सरकार की एक वैज्ञानिक समिति ने कहा कि देश में तीसरी लहर के आने की आशंका है जिसकी मुख्य वजह डेल्टा वेरिएंट यानी भारत से शुरू हुआ वेरिएंट हो सकता है। ये अल्फ़ा वेरिएंट यानी ब्रिटेन में शुरू हुए वेरिएंट की तुलना में तेज़ी से फ़ैलता है। पहले ब्रिटेन में मामलों के बढ़ने के पीछे अल्फ़ा वेरिएंट को ज़िम्मेदार माना गया था।
 
इसी बीच वियतनाम में एक नया वेरिएंट मिला है, जो इन दोनों वेरिएंट का मिलाजुला संस्करण प्रतीत होता है। शनिवार को देश के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि ये तेज़ी से फैल सकता है और ये 'बहुत ख़तरनाक' है।
 

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