Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia

योगी बोले, रामलला के विराजने से मन भावुक है, भाव विभोर है, भाव विह्वल है

भारत के सांस्कृतिक पुनर्जागरण का आध्यात्मिक अनुष्ठान

योगी बोले, रामलला के विराजने से मन भावुक है, भाव विभोर है, भाव विह्वल है

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

अयोध्या (यूपी) , सोमवार, 22 जनवरी 2024 (16:05 IST)
  • हम त्रेता युग में आ गए हैं
  • रामराज्य की स्थापना हुई
  • श्रीराम संकीर्तन से यहां की गलियां गुंजायमान होंगी
Ram Mandir Pran Pratishtha : उत्तरप्रदेश (Uttar Pradesh) के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने सोमवार को अयोध्या स्थित राम मंदिर में 'रामलला' (Ram Lalla) की प्राण-प्रतिष्ठा को राष्ट्रीय गौरव का ऐतिहासिक अवसर बताते हुए कहा कि अवधपुरी (Avadhpuri) में रामलला का विराजना रामराज्य की स्थापना की उद्घोषणा भी है। उन्होंने कहा कि रामलला के विराजने से मन भावुक है, भाव विभोर है, भाव विह्वल है।
 
भारत के सांस्कृतिक पुनर्जागरण का आध्यात्मिक अनुष्ठान : मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा राम मंदिर में प्राण-प्रतिष्ठा किए जाने के बाद उपस्थित जन समूह को संबोधित करते हुए कहा कि श्रीराम जन्मभूमि मंदिर की स्थापना भारत के सांस्कृतिक पुनर्जागरण का आध्यात्मिक अनुष्ठान है। यह राष्ट्र मंदिर है। नि:संदेह श्रीराम लला विग्रह की प्राण-प्रतिष्ठा राष्ट्रीय गौरव का एक ऐतिहासिक अवसर है।

 
हम त्रेता युग में आ गए हैं : आदित्यनाथ ने कहा कि आज के इस ऐतिहासिक और अत्यंत पावन अवसर पर भारत का हर नगर, हर गांव अयोध्या धाम है। हर मार्ग श्रीराम जन्मभूमि की ओर आ रहा है। हर मन में राम नाम है। हर आंख, हर स्वर संतोष के आंसुओं से भीगी है। हर जिह्वा राम-राम जप रही है। रोम-रोम में राम हैं। पूरा राष्ट्र राममय है। ऐसा लगता है हम त्रेता युग में आ गए हैं।
 
अवधपुरी में रामलला का विराजना रामराज्य की स्थापना की एक उद्घोषणा : उन्होंने कहा कि निश्चिंत रहिए। प्रभु राम की कृपा से अब कोई अयोध्या की परिक्रमा में बाधा नहीं बन पाएगा। अयोध्या की गलियों में अब गोलियों की गड़गड़ाहट नहीं होगी, कर्फ्यू नहीं लगेगा, अपितु दीपोत्सव रामोत्सव और श्रीराम संकीर्तन से यहां की गलियां गुंजायमान होंगी, क्योंकि अवधपुरी में रामलला का विराजना रामराज्य की स्थापना की एक उद्घोषणा भी है।

 
मन भावुक है, भाव विभोर है, भाव विह्वल है : आदित्यनाथ ने कहा कि रामराज्य भेदभावरहित समरस समाज का द्योतक है और हमारे प्रधानमंत्री की नीतियों, विचारों और योजनाओं का आधार है। प्रभु श्रीराम के भव्य, दिव्य और नव्य धाम में विराजने की आप सभी को कोटि-कोटि बधाई। 500 वर्षों के लंबे अंतराल के उपरांत आज के इस चिर प्रतीक्षित मौके पर अंतरमन में भावनाएं कुछ ऐसी हैं जिन्हें व्यक्त करने के लिए शब्द नहीं मिल रहे हैं। मन भावुक है, भाव विभोर है, भाव विह्वल है। निश्चित रूप से आप सब भी ऐसा महसूस कर रहे होंगे।(भाषा)
 
Edited by: Ravindra Gupta

Share this Story:

Follow Webdunia gujarati

આગળનો લેખ

प्राण प्रतिष्ठा के बाद बोले भागवत, आज अयोध्या में रामलला के साथ भारत का 'स्व' लौटकर आया है