Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia

‘वाल्मीकि रामायण’ और ‘स्कंद पुराण’ पर आधारित है राम जन्मस्थान में हिन्दुओं की आस्था

‘वाल्मीकि रामायण’ और ‘स्कंद पुराण’ पर आधारित है राम जन्मस्थान में हिन्दुओं की आस्था
, रविवार, 10 नवंबर 2019 (07:36 IST)
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को अयोध्या मामले में फैसला सुनाते हुए शनिवार को कहा कि हिन्दुओं का यह विश्वास की अयोध्या ही भगवान राम की जन्मभूमि है, वह ‘वाल्मीकि रामायण’ और ‘स्कंद पुराण’ जैसी पवित्र पुस्तकों से आयी है और उन्हें ‘आधारहीन’ नहीं मान सकते।
 
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने कहा कि धार्मिक पुस्तकों के ‘श्लोकों’ को गवाहों के रूप में पेश किया गया और हिन्दू पक्षों ने इसे उच्चतम न्यायालय में साक्ष्य के रूप में पेश किया। अपनी दलीलें इसी के आधार पर पेश कीं कि अयोध्या ही भगवान राम की जन्मभूमि है। यह श्लोक और धार्मिक पुस्तकें 1528 के बहुत पहले से मौजूद हैं। माना जाता है कि मस्जिद इसी दौरान बनी थी।
 
संविधान पीठ के अन्य सदस्यों में न्यायमूर्ति एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चन्द्रचूड, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर शामिल हैं। पीठ ने 1045 पन्नों के लंबे फैसले में कहा, 'धार्मिक पुस्तकें हिन्दुत्व का मुख्य स्रोत हैं और इन्हीं के आधार पर हिन्दू आस्था की नींव पड़ी है। वाल्मीकि रामायण भगवान राम और उनके कार्यों को जानने का मुख्य स्रोत है।'
 
पीठ ने कहा कि वाल्मीकि रामायण ईसा पूर्व से पहले की कृति है और भगवान राम तथा उनके कार्यों को जानने का मुख्य स्रोत है। वाल्मीकि रामायण के श्लोक ग्रहों की स्थिति के अनुसार भगवान राम के अयोध्या में जन्म लेने की बात करते हैं।
 
शीर्ष अदालत के अनुसार, वाल्मीकि रामायण का 10वां श्लोक कहता है कि कौशल्या ने एक पुत्र को जन्म दिया जो कि दुनिया का भगवान है और उनके आने से अयोध्या धन्य हो गई।
 
एक श्लोक के अनुसार, 'उनमें दैवीय लक्षण हैं। यह आम व्यक्ति का जन्म नहीं है। अयोध्या पूरी दुनिया के भगवान के आगमन से धन्य हो गई। इतिहासकार कहते हैं कि अयोध्या कभी भी भगवान राम के जन्म के कारण पुण्यभूमि नहीं था।'
 
जिरह के दौरान एक गवाह ने यह कहा है कि पांचवां श्लोक ‘राम जन्मभूमि’ शब्द से शुरू होता है, यहां शहर शब्द का अर्थ पूरे शहर से है किसी खास जगह से नहीं है। यही बात 7वें श्लोक और चौथे श्लोक में भी कही गयी है जहां अवधपुरी शब्द आता है।
 
शीर्ष अदालत ने कहा कि यह कहना गलत होगा कि सभी तीन श्लोकों में ‘पुरी’ शब्द का अर्थ जन्मभूमि से है। लेकिन, भगवान राम के जन्म से जुड़ी पुस्तकों और पुराणों में उनके जन्मस्थान की बहुत विस्तृत जानकारी नहीं दी गई है। हर जगह यही कहा गया है कि अयोध्या में महाराज दशरथ के महल में कौशल्या ने राम को जन्म दिया।
 
अदालत ने गवाहों की यह बात भी सुनी कि राम जन्म की कथा स्कंद पुराण से भी आई है और यह पुस्तक आठवीं सदी की है।

Share this Story:

Follow Webdunia gujarati

આગળનો લેખ

वेस्टइंडीज ने अफगानिस्तान को 47 रन से हराकर वनडे सीरीज में 2-0 से अजेय बढ़त हासिल की