नई दिल्ली। मंत्रिमंडल ने मध्यम एवं बड़ी कारों पर उपकर बढ़ाने का मार्ग प्रशस्त करने वाले माल एवं सेवा कर (जीएसटी) अधिनियम को संशोधित करने हेतु अध्यादेश लाने के प्रस्ताव को बुधवार को मंजूरी दे दी। प्रस्तावित अध्यादेश के अनुसार अधिकतम उपकर को 15 प्रतिशत से बढ़ाकर 25 प्रतिशत किया जा सकता है। जीएसटी के क्रियान्वयन के बाद राज्यों को कर संग्रहण में हुए नुकसान की क्षतिपूर्ति के लिए जीएसटी के तहत उपकर का प्रावधान किया गया है।
वित्तमंत्री अरुण जेटली ने मंत्रिमंडल के निर्णय की जानकारी देते हुए कहा कि मध्यम एवं बड़ी कारों पर उपकर बढ़ाने का निर्णय जीएसटी परिषद लेगी। उन्होंने कहा कि सरकारी नीति आम उपभोग की चीजों को महंगा नहीं कर सकती है लेकिन सरकारी नीतियों का उद्देश्य ऐसा भी नहीं हो सकता है कि लग्जरी सामान सस्ता हो जाए।
उन्होंने आगे कहा कि चालक समेत 13 लोगों से कम को ढोने की क्षमता वाले वाहनों पर ही बढ़ा हुआ उपकर लागू होगा। उन्होंने कहा कि वाहनों पर उपकर बढ़ाने के मुद्दे का जीएसटी परिषद परीक्षण करेगी। उल्लेखनीय है कि जीएसटी परिषद ने जीएसटी व्यवस्था लागू होने के बाद वाहनों पर लगने वाले सभी करों की पुरानी व्यवस्था की तुलना में कम हो जाने की बात अगस्त की बैठक में महसूस की थी। जेटली की अध्यक्षता वाली परिषद ने इसके बाद उपकर बढ़ाने का सुझाव दिया था। (भाषा)