यूं तो शनि दोष निवारण के लिए नित्य भगवान् शिव के पंचाक्षर मंत्र 'ॐ नमः शिवाय' का जप करना चाहिए तथा महामृत्युंजय मंत्र- 'ॐ त्र्यंबकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्द्धनं उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्' का जप भी शुभ होता है। यहां प्रस्तुत है शनिदेव के 5 चमत्कारी मंत्र जिन्हें शनिवार के दिन या शनि जयंती पर पढ़ने से हर कष्टों का अंत होता है।
ॐ शन्नोदेवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये शन्योरभिस्त्रवन्तु न:।
ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नम:
मंत्र- ॐ ऐं ह्लीं श्रीशनैश्चराय नम:।
कोणस्थ पिंगलो बभ्रु: कृष्णो रौद्रोन्तको यम:।
सौरि: शनैश्चरो मंद: पिप्पलादेन संस्तुत:।।
किसी भी विद्वान ब्राह्मण से या स्वयं शनि के तंत्रोक्त, वैदिक मंत्रों के 23,000 जाप करें या करवाएं।
शनि का तंत्रोक्त मंत्र- ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नम: