मणियों को सामान्य हीरे से कहीं ज्यादा मूल्यवान माना जाता है। वेद, रामायण, महाभारत और पुराणों में कई तरह की चमत्कारिक मणियों का जिक्र मिलता है। पौराणिक कथाओं में सर्प के सिर पर मणि के होने का उल्लेख मिलता है। जैसे निलमणि, पारसमणि, नागमणि आदि। इसी में से एक है चंद्रकांता मणि, जानिए इसके बारे में 7 रोचक तथ्य।
चंद्रकांता मणि :
1. कुबेरदेव के पास थी चंद्रकांता मणि और रावण ने कुबेर से चंद्रकांत नाम की मणि छीन ली थी।
2. कहते हैं कि झारखंड के बैजनाथ मंदिर में चंद्रकांता मणि है। धनकुबेर की राजधानी अलकापुरी से राक्षसराज रावण द्वारा यहां पर यह मणि जड़ित की गई थी।
3. भारत में चंद्रकांता मणि के नाम पर अब उसका उपरत्न ही मिलता है। चंद्रकांता मणि का उपरत्न पारदर्शी जल की तरह साफ-सुथरा होता है। यह चंद्रमा से संबंधित रत्न होता है। चंद्रकांता मंणि का मिलना अब दुर्लभ ही माना जाता है।
4. इस मणि को धारण करने से भाग्य में वृद्धि होती है। किसी भी प्रकार की गंभीर दुर्घटनाओं से बचा जा सकता है। इससे वैवाहिक जीवन भी सुखमय व्यतीत होता है।
5. माना जाता है कि असली चंद्रकांता मणि जिसके भी पास होती है उसका जीवन किसी चमत्कार की तरह पलट जाता है। कहने का मतलब उसका भाग्य अचानक बदल जाता है। इस मणि की तरह ही उसका जीवन में चमकने लगता है। उसकी हर तरह की इच्छाएं पूर्ण होने लगती हैं।
6. शुश्रुत संहिता में चन्द्र किरणों का उपचार के रूप में उल्लेख मिलता है जिनमें प्रमुख है अद्भुत चंद्रकांत मणि का उल्लेख। इस मणि की एक प्रमुख विशेषता होती है कि इसे चन्द्र किरणों की उपस्थति में रखने पर इससे जल टपकने लगता है। इस जल में कई अद्भुत औषधीय गुण होते हैं।
7. रक्षोघ्नं शीतलं हादि जारदाहबिषापहम्।
चन्द्रकान्तोद्भवम् वारि वित्तघ्नं विमलं स्मृतम्।। सुश्रुत 45/27।।
अर्थात चन्द्रकांता मणि से उत्पन्न जल कीटाणुओं का नाश करने वाला है। शीतल, आह्लाददायक, ज्वरनाशक, दाह और विष को शांत करने वाला है।