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मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
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शुक्रवार को क्यों नहीं खाते हैं खटाई, जानें व्रत रखने के फायदे

शुक्रवार को क्यों नहीं खाते हैं खटाई, जानें व्रत रखने के फायदे
friday vrat : शुक्रवार मां लक्ष्मी और मां संतोषी का दिन माना गया है। इस दिन धन की देवी माता लक्ष्मी, वैभव लक्ष्म‍ी का पूजन करने और संतोषी माता का व्रत रखकर नियमपूर्वक इस उपवास को रखने से ये देवियां प्रसन्न होती है और अपने भक्तों को सुख-संपत्ति, धन-वैभव, ऐश्वर्य, स्वास्थ्य तथा स्थायी लक्ष्मी का वरदान देती है। 
 
धार्मिक मान्यता के अनुसार यदि आप स्थायी लक्ष्मी की प्राप्ति चा‍हते हैं तो आपको शुक्रवार के दिन खटाई बिलकुल भी नहीं खानी चाहिए। साथ ही परिवार के सभी सदस्यों को भी इस दिन खटाई या खट्‍टी चीजें सेवन नहीं करना चाहिए। क्योंकि शुक्रवार के दिन खट्‍टा खाने से माता लक्ष्मी और संतोषी मां नाराज हो जाती है। अत: सप्ताह का यह दिन देवी मां से जुड़ा होने के कारण इस दिन कुछ भी खट्टा खाने से बचना चाहिए। 
 
आइए जानते हैं इस व्रत के फायदे के बारे में-know the benefits of fasting 
 
• इस दिन माता लक्ष्मी श्री भगवान विष्णु की आराधना से बहुत खुश होती हैं। अतः यदि आप करोड़पतियों में अपना नाम शामिल करना चाहते हैं तो शुक्रवार के दिन दक्षिणावर्ती शंख में जल भरकर श्रीहरि विष्णु का अभिषेक करें। लेकिन ध्यान रखें कि खटाई न खाएं, इससे जल्दी ही धन-सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
 
• यदि कोई भी व्यक्ति धन-वैभव, ऐश्वर्य तथा सुख-संपत्ति की कामना से यह व्रत करें तो उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है। 
 
• शुक्रवार के दिन मां लक्ष्मी के 8 विविध स्वरूपों के दर्शन और पूजन से धन-धान्य की प्राप्ति होती हैं। तथा जीवन में वैभव, सुख, ऐश्वर्य, आरोग्य, विजय और सफलता मिलती है। 
 
• माता लक्ष्मी के 8 स्वरूप इस प्रकार हैं- श्री धनलक्ष्मी (वैभवलक्ष्मी स्वरूप), मां श्री गजलक्ष्मी, श्री अधीलक्ष्मी मां, श्री विजयालक्ष्मी मां, श्री ऐश्वर्यलक्ष्मी मां, श्री वीरलक्ष्मी मां, श्री धान्य लक्ष्मी मां, श्री संतान लक्ष्मी मां। 
 
• लक्ष्मी जी की कृपा जल्दी प्राप्त करने के इच्छुक व्यक्तियों को शुक्रवार को कम से कम 3 कुंवारी कन्याओं को घर बुलाकर खीर खिला कर कुछ पैसे दक्षिणास्वरूप देने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होकर उनकी इच्छा पूर्ण करती है। 
 
• शुक्रवार को शाम के समय घर के ईशान कोण में गाय के शुद्ध घी का दीया जलाते समय यदि इसमें रुई की बाती के स्थान पर लाल रंग के सूती धागा उपयोग किया जाएं और थोड़ी केसर डाल कर दीप प्रज्वलित करने से तुरंत प्रभाव दिखाई देता है।
 
अस्वीकरण (Disclaimer) : चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं। वेबदुनिया इसकी पुष्टि नहीं करता है। इनसे संबंधित किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।


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