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इस बार कौन-सा विक्रम संवत शुरू है गुड़ी पड़वा से, जानिए नववर्ष का मंत्रिमंडल

इस बार कौन-सा विक्रम संवत शुरू है गुड़ी पड़वा से, जानिए नववर्ष का मंत्रिमंडल
, सोमवार, 20 मार्च 2023 (09:13 IST)
जिस प्रकार देश को संचालित करने के लिए सरकार की आवश्यकता होती है जो मंत्रिमंडल बनाकर देश को संचालित करती है ठीक उसी प्रकार शास्त्रों में ग्रहों के मंत्रिमंडल की भी व्यवस्था है। ग्रहों का यह मंत्रिमंडल समूचे विश्व को संचालित करता है। यह मंत्रिमंडल नवसंवत्सर के साथ ही प्रतिवर्ष बदलता रहता है। हिन्दू नववर्ष दिनांक 22 मार्च 2023, चैत्र शुक्ल प्रतिपदा, दिन बुधवार से प्रारम्भ होगा।
 
आईए जानते हैं हिन्दू नववर्ष 2023 में ग्रहों का मंत्रिमंडल कैसा होगा। पिंगल नामक संवत्सर 2080 के प्रारम्भ होते ही निम्न मंत्रिमंडल अपना कार्यभार लेकर विश्व का संचालन प्रारम्भ करेगा जो निम्न प्रकार से होगा-
 
1. राजा (प्रधानमंत्री)- नवीन संवत्सर 2080 में राजा (प्रधानमन्त्री) बुध होंगे। जो मंत्रिमंडल के प्रमुख होंगे। बुध के राजा होने से विश्व में उथलपुथल व अनिश्चितता का वातावरण होगा। जनता में सरकारों के प्रति विद्रोह होगा। धन-धान्य की कीमतों में बढ़ोतरी होगी। वर्षा अधिक होने के कारण बाढ़ की संभावना होगी। विप्र वर्ग सुखी व प्रसन्न रहेगा।
 
2. मंत्री (गृहमंत्री)- देश की सरकार में जिस प्रकार गृहमंत्री को सरकार में द्वितीय स्थान दिया जाता है उसी प्रकार ग्रहों के मंत्रिमंडल में यह भूमिका मंत्री की होती है। नवीन संवत्सर 2080 में मंत्री शुक्र होंगे। शुक्र के मंत्री होने से विश्व में वैभव एवं विलासिता की वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि होगी। गाय एवं पशुधन की हानि होगी। रोग एवं महामारी के कारण प्रजा पीड़ित रहेगी।
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3. धनेश (वित्त मंत्री)- देश के संचालन हेतु वित्त की व्यवस्था करना वित्त मंत्री की ज़िम्मेवारी होती है, ग्रहों के मं‍त्रिमण्डल में यह कार्य धनेश करते हैं। नवीन संवत्सर 2080 में धनेश का यह पद सूर्य के पास है। नए वर्ष में सूर्य धनेश होंगे। सूर्य के धनेश होने से विश्व में रोजगार बढ़ेगा, व्यापारियों को लाभ होगा। जनता को धन-धान्य का लाभ होगा। अनाज एवं खाद्य वस्तुओं की दाम बढ़ेंगे।
 
4. दुर्गेश (रक्षामंत्री)- जिस प्रकार देश की सरकार में कभी-कभी एक मंत्री दो मंत्रालय संभालता है उसी प्रकार ग्रहों के मंत्र‍िमण्डल में भी ऐसा होता है। नवीन वर्ष में दुर्गेश भी गुरू होंगे जो इस वर्ष फलेश भी हैं। गुरु के दुर्गेश होने से विश्व में अर्थव्यवस्था कमजोर होगी। भय व पीड़ा का वातावरण बनेगा। सोना-चांदी की कीमतों में वृद्धि होगी। देशों में परस्पर वैमनस्य की भावना बलवती होगी। युद्ध का वातावरण बनेगा। सरकारों के प्रति जनाक्रोश की भावना पनपेगी एवं विश्व में सत्ता के विरूद्ध विद्रोह होगा।
 
5. रसेश (कृषि /खाद्य मंत्री)- नवीन वर्ष में रसेश बुध होंगे। बुध के रसेश होने से खाद्य पदार्थों के दाम बढ़ेंगे। वैश्विक पैदावार विशेषकर फ़लों की उपज में वृद्धि होगी। जनता को रसयुक्त पदार्थों की पर्याप्त उपलब्धता रहेगी। दूध, दही, फ़लों के रसों के दाम बढ़ेंगे। व्यापारी वर्ग सुखी रहेगा। व्यापार में वृद्धि होगी किन्तु किसानों की आय में कमी आएगी।
 
(निवेदन-उपर्युक्त विवेचन पंचांग आधारित होकर समूचे विश्व के संबंध में है। अत: इसे व्यक्तिगत फलित एवं केवल भारत के सन्दर्भ में ना देखें।)
 
-ज्योतिर्विद् पं. हेमन्त रिछारिया
प्रारब्ध ज्योतिष परामर्श केन्द्र
सम्पर्क: astropoint_hbd@yahoo.com

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