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धरती पर कब आएगा सौर तूफान, हो सकते हैं 10 बड़े भयानक नुकसान

सौर तूफान से धरती के पर्यावरण को होगा नुकसान, बड़े युद्ध की संभावना

धरती पर कब आएगा सौर तूफान, हो सकते हैं 10 बड़े भयानक नुकसान

WD Feature Desk

, शनिवार, 4 मई 2024 (15:32 IST)
sor tufan: हमारी धरती इस समय कई बड़े खतरों से गुजर रही है। एक ओर आकाश से किसी बड़ी उल्का पिंड गिरने की आशंका है तो दूसरी ओर सौर तूफान के धरती के पास से गुजरने का समय तय हो गया है। इस बीच मानव गतिविधियों के चलते ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन के चलते मौसम में भी बदलाव आ गया है और साथ ही परमाणु बम जैसे घातक हथियारों के उपयोग से भी धरती को बहुत नुकसान पहुंचा है। खनन, कटाई और प्रदूषण एक अलग ही समस्या है। हालांकि धरती पर जो सौर तूफान आएगा उसका क्या असर होगा?
 
  1. रेडियो सिग्नल बंद
  2. सैटेलाइट और यान पर असर
  3. जीपीएस एवं इंटरनेट पर प्रभाव पड़ेगा
  4. बड़े भूकंप की संभावना बढ़ जाएगी
  5. मौसम में भारी बदलाव होगा
  6. धरती की मैग्नेटिक शक्ति में बदलाव होने की संभावना
  7. मानसिक असंतुलन बढ़ सकता है। 
  8. युद्ध, महामारी और विनाशकारी घटनाएं हो सकती है।
  9. सुनामी का खतरा बढ़ सकता है।
  10. ग्लोबल वार्मिंग की गति तेज हो सकती है।
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क्या होते हैं सौर तूफान : सौर तूफान सूर्य से निकलने वाले प्लाज्मा होते हैं। खगोल वैज्ञानिकों के अनुसार इस साल 2 सौर तूफान आ सकते हैं जो सूर्य से निकलकर पृथ्वी के करीब पहुंच सकते हैं। ISRO के अनुसार सूरज की साइकिल 11 साल की होती है और हर 11 साल में एक बार ये रेडिएशन का तूफान यानी सोलर मैक्सिमम आता है। भारत में इसलिए हर 11 साल बाद 12वें साल में कुंभ का आयोजन होता है।
 
सौर तूफान कब आएगा : सूर्य और अन्य ग्रह नक्षत्रों की गति के चलते ही धरती पर अकाल, युद्ध, विस्फोट, भूचाल, महामारी जैसी कई आपदाएं आती हैं। वैज्ञानिकों ने पहले 2025 में सौर तूफान के चरम पर होने की भविष्यवाणी की थी। अब माना जा रहा है कि यह इसी साल के आखिर तक आ जाएगा। लंदन यूनिवर्सिटी में सौर भौतिक विज्ञानी एलेक्स जेम्स का कहना है कि सूर्य से पृथ्वी की ओर निकलने वाला यह विशाल बल समस्या पैदा कर सकता है। 
सौर तूफान का असर : सौर तूफान के रेडियेशन के कारण धरती की ऊपरी सतह ज्यादा प्रभावित होती है। उल्ट्रावॉयलेट रेज की वजह से धरती की ऊपरी सतह का तापमान तेजी से बढ़ता है और तब धरती के कुछ हिस्सो पर गर्मी काफी बढ़ जाती है। गर्मी काफी बढ़ने के कारण समुद्र का जल तेजी से वाष्प बनने लगता है और तब मौसम में भी तेजी से बदलाव होता है।
 
क्या होगा सौर तूफान से?
सौर तूफान का असर रेडियो सिग्नल पर हो सकता है। कुछ देर के लिए ये काम करना बंद कर सकते हैं। जीपीएस पर असर पड़ सकता है। यह बिजली के बुनियादी ढांचे के साथ अंतरिक्ष में सैटेलाइट और यान को भी नुकसान पहुंचा सकता है। इसी के साथ ही यह धरती के जलवायु या मौसम को भी बड़े पैमाने पर प्रभावित करेगा। इसी के साथ ही यह धरती के गुरुत्वाकर्षण और भूकंप को भी प्रभावित कर सकता है। 
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भूकंप : धरती पर 30 से 35 तक की संख्या में रोज 2.3 की तीव्रता वाले भूकंप आते रहते हैं। बीच में कोई 6.5 की तीव्रता वाला भूकंप आता है तब धरती के हिलने का आभास होता है परंतु यदि जब 9.5 की तीव्रता वाला भूकंप आता है तो तबाही मच जाती है। कई भविष्यवक्ता और वैज्ञानिक इस बात की आशंका व्यक्त कर रहे हैं कि धरती पर बहुत बड़ा भूकंप आने वाला है जो बहुत ही विनाशकारी साबित होगा। हालांकि यह भूकंप कब आएगा इसके संबंध में वैज्ञानिक कोई बात नहीं करते हैं लेकिन आशंका जरूर व्यक्त करते हैं। 
जग्गी वासुदेव : वर्तमान के प्रसिद्ध आध्यात्मिक गुरु और योग टीचर जग्गी वासुदेव कहते हैं कि धरती इस वक्त महत्वपूर्ण बदलाव से गुजर रही है। इस वक्त सूर्य पर गतिविधियां बढ़ गई है जिसका सभी ग्रहों के साथ ही धरती पर भी हो रहा है। इस सोर गतिविधि के कारण युद्ध हो सकते हैं, बीमारी हो सकती है मानसिक असंतुलन बढ़ सकता है। इन सौर ज्वालाओं के कारण इंसानों के जीवन में बहुत उथल-पुथल हो सकती है। 2023 के मध्य से 2024 के मध्य तक ये गतिविधि अपने चरम पर होगी। धरती पर इसका खासा प्रभाव होगा। जब भी सौर ज्वालाएं उठी तो उस संस्कृति में महान योग उभरकर आए। पर साथ ही साथ युद्ध हुए, विनाशकारी घटनाएं हुई। कभी भूकंप आए क्योंकि धरती की मैग्नेटिक शक्ति और धरती के एकदम भीतर की थर्मल शक्तियां, सब कुछ इन सौर ज्वालाओं से प्रभावित होता है।
 
अस्वीकरण (Disclaimer) : चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं, जो विभिन्न सोर्स से लिए जाते हैं। इससे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। सेहत या ज्योतिष संबंधी किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। इस कंटेंट को जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है जिसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।

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