वर्ष में चार नवरात्रि आती है। चैत्र माह में बड़ी नवरात्रि और आषाढ़ और आश्विन माह में शारदीय नवरात्रि, जिसे छोटी नवरात्रि कहते हैं। पहले साधना की और दूसरी साधना और उत्सव दोनों की होती है। यह दोनों ही नवरात्रि आम लोगों के लिए है जबकि आषाढ़ और माघ मास की नवरात्रि को गुप्त नवरात्रि कहते हैं। यह दोनों ही तंत्र साधना की नवरात्रि होती है।
1. शारदीय नवरात्रि आश्विन माह की प्रतिपदा से प्रारंभ होती है। इस वर्ष 2021 में 6 अक्टूबर को सर्व पितृ अमावस्या के बाद 7 अक्टूबर गुरुवार को नवरात्रि का पर्व प्रारंभ होगा जो 15 अक्टूबर तक चलेगा।
2. शारदीय नवरात्रि पर बाजारों में रोनक रहती है और चारों ओर उत्सव का माहौल रहता है। इस दिन हर कहीं गरबा नृत्य का आयोजन भी होता है।
3. घट स्थापना का समय या मुहूर्त 06:16:56 से 10:11:33 तक रहेगा।
4. नवरात्रि का पारण 15 अक्टूबर को समय 06:21:33 के बाद होगा।
5. नवरात्रि के पर्व में इस बार माताजी डोली पर सवार होकर आएंगी।
6. कहते हैं कि नवरात्रि की शुरुआत यदि सोमवार या रविवार को हो तो इसका अर्थ है कि माता हाथी पर सवार होकर आएंगी। शनिवार और मंगलवार को माता अश्व यानी घोड़े पर सवार होकर आती हैं। गुरुवार या शुक्रवार को नवरात्रि का पर्व प्रारंभ हो तो माता डोली पर सवार होकर आती है।