Webdunia - Bharat's app for daily news and videos

Install App

शनि जयंती विशेष : शनिपूजा में ध्यान रखें इन बातों का...

श्री रामानुज
* शनि जयंती पर विशेष : शनिदेव को प्रसन्न करने के अचूक उपाय
 
शनिदेव को क्रूर ग्रह माना जाता है और अधिकांश लोग उनसे डरते हैं, परंतु शास्त्रों में इन्हें न्याय का देवता भी माना जाता है। इन्हें कर्म प्रधानदेव भी कहा जाता है इसलिए जब शनि की दृष्टि जब किसी जातक पर पड़ती है तो उसे उसके कर्मों के आधार पर ही फल मिलता है।

यदि जातक अच्छे कार्य करता है तो साढ़ेसाती और ढय्या में भी शनि उसे पीड़ित नहीं करते हैं। वर्तमान में मेष, सिंह राशि के अलावा तुला, वृश्चिक और धनु पर ढय्या-साढ़ेसाती चल रही है। 26 अक्टूबर के बाद में वृषभ और कन्या के ऊपर ढय्या और मकर राशि पर शनि की साढ़ेसाती शुरू होगी और तुला पर उतर जाएगी। 
 
शनि की अनुकूलता से व्यक्ति से साढ़ेसाती, ढय्या और कुंडली में मौजूद कमजोर शनि का प्रभाव समाप्त होता है, कार्यों में आ रही बाधाएं खत्म होती हैं, व्यापारियों को तरक्की, नौकरीपेशा को पदोन्नति मिलती है। दांपत्य जीवन में आ रही परेशानियां समाप्त होती हैं। जो लोग रोगों से ग्रस्त रहते हैं या जिन लोगों की बार-बार वाहन दुर्घटना हो रही हो, उन्हें शनि की शांति के लिए पूजा करनी चाहिए। इससे राहत मिलती है। इस समय 6 अप्रैल 2017 को शनि धनु राशि में वक्री हैं, जो 25 अगस्त 2017 तक इसी स्थिति में रहेंगे। 

ALSO READ: 25 मई, शनि जयंती पर बन रहे हैं यह विलक्षण महासंयोग
 
इस शनि जयंती पर जानते हैं शनि को प्रसन्न करने के आसान और अचूक उपाय... 
 
* जिन जातकों को कड़ी मेहनत के बाद भी मनोवांछित फल नहीं मिल रहे हैं, उन्हें हर शनिवार को तेल की मालिश करनी चाहिए। इससे स्वास्थ्य लाभ भी होता है और रुके हुए काम भी बनते हैं।
 
* हनुमानजी का बजरंग बाण, हनुमान चालीसा और संकटमोचन के नित्य पाठ से भी शनि प्रसन्न होते हैं। माना जाता है कि हनुमान भक्तों को शनि परेशान नहीं करते हैं। प्राचीन कथाओं के अनुसार रावण ने शनि को अपने दरबार में उल्टा लटकाकर रखा था। लंकादहन के दौरान हनुमानजी ने ही शनि के बंधन तोड़े और उन्हें रावण की कैद से आजाद कराया था। तब शनिदेव ने वरदान दिया था कि वे हनुमान भक्तों को कभी कष्ट नहीं देंगे। उन्हें साढ़ेसाती के समय में भी कष्ट नहीं देंगे। 
 
*  ध्यान रखने योग्य बातें : शनि पूजा के लिए विशेष समय रात्रि या गोधूलि अर्थात शाम का समय होता है। दान में लोहा, उड़द की दाल, तेल, पुराने वस्त्रों का दान निर्धनों को और तली हुई वस्तुओं का दान जैसे समोसा, कचौड़ी का दान निर्धनों को करना चाहिए।

ज़रूर पढ़ें

दिवाली से पहले घर से हटा दें ये पांच चीजें, तभी होगा मां लक्ष्मी का आगमन

Diwali 2024: धनतेरस और दिवाली पर वाहन खरीदनें के सर्वश्रेष्ठ शुभ मुहूर्त | Date-time

धनतेरस पर कैसे पाएं ट्रेडिशनल और स्टाइलिश लुक? जानें महिलाओं के लिए खास फैशन टिप्स

हर साल दिवाली पर क्यों खरीदते हैं लक्ष्मी-गणेश की नई मूर्ति?

दिवाली, दीपावली, दीपोत्सव या दीप पर्व क्या है सही नाम इस महा त्योहार का, जानिए यहाँ

सभी देखें

नवीनतम

26 अक्टूबर 2024 : आपका जन्मदिन

26 अक्टूबर 2024, शनिवार के शुभ मुहूर्त

Aaj Ka Rashifal: क्या कहती है आज आपकी राशि, पढ़ें 25 अक्टूबर 2024 का दैनिक राशिफल

25 अक्टूबर 2024 : आपका जन्मदिन

25 अक्टूबर 2024, शुक्रवार के शुभ मुहूर्त

આગળનો લેખ
Show comments