Webdunia - Bharat's app for daily news and videos

Install App

शनैश्चर जयंती 15 मई को, जानिए इस दिन कैसे प्रसन्न करें शनिदेव को

Webdunia
नीलांजनं समाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम्‌।
छायामार्तण्ड संभूतं तं नमामि शनैश्चरम्‌॥
 
शनि मकर और कुंभ राशि के स्वामी हैं। इनकी महादशा 19 वर्ष की होती है। शनि के अधिदेवता प्रजापिता ब्रह्मा और प्रत्यधिदेवता यम हैं। इनका वर्ण कृष्ण, वाहन गिद्ध तथा रथ लोहे का बना हुआ है। यह एक-एक राशि में तीस-तीस महीने रहते हैं। शनि भगवान सूर्य तथा छाया (संवर्णा) के पुत्र हैं। यह क्रूर ग्रह माने जाते हैं।

ALSO READ: शनि देव की दृष्टि क्यों नहीं है शुभ, किसने दिया उन्हें शाप..
 
शनैश्चर जयंती पर क्या करें-
 
* इस दिन प्रातः नित्यकर्म से निवृत्त होकर शुद्ध जल से स्नान करें।
 
* तत्पश्चात पीपल के वृक्ष पर जल अर्पण करें।
 
* मंदिर में जाकर लोहे से बनी शनि देवता की मूर्ति का मंत्रोपचार द्वारा महाभिषेक करें।
 
* फिर इस मूर्ति को चावलों से बनाए चौबीस दल के कमल पर स्थापित करें।
 
* इसके बाद काले तिल, काली उड़द, फूल, धूप व तेल आदि से पूजा करें।
 
  भगवान शनिदेव का जन्म वैशाख अमावस्या को दिन में बारह बजे माना गया। इसीलिए वैशाख अमावस्या का दिन शनैश्चर जयंती के रूप में मनाया जाता है। शनि मकर और कुंभ राशि के स्वामी हैं तथा इनकी महादशा 19 वर्ष की होती है।      
 
* शनिदेव को काला वस्त्र व लोहे की वस्तु अर्पित करें।
 
* पूजन के दौरान शनि के निम्न दस नामों का उच्चारण करें- कोंणस्थ, कृष्ण, पिप्पला, सौरि, यम, पिंगलो, रोद्रोतको, बभ्रु, मंद, शनैश्चर।
 
* दिन में 12 बजे महाआरती कर प्रसाद का वितरण करें।
 
* पूजन के बाद पीपल के वृक्ष के तने पर सूत के धागे से सात परिक्रमा करें।
 
* इस मंत्र से शनिदेव की प्रार्थना करें-
 
शनैश्चर नमस्तुभ्यं नमस्ते त्वथ राहवे।
केतवे अथ नमस्तुभ्यं सर्वशांतिप्रदो भव॥
 
फिर अपनी आर्थिक क्षमता के अनुसार उचित ब्राह्मणों को भोजन कराकर लौह वस्तु धन आदि का दान अवश्य करें।
 
अगर मंदिर जाना संभव न हो तो घर पर ही शनिदेव का स्मरण कर शनि चालीसा का पाठ करें। इसके बाद शनि की आरती करें।
 
शनिदेव की पूजा से पूर्व अगर हनुमानजी की आराधना की जाए तो शनिदेव प्रसन्न होते हैं।

ALSO READ: 15 मई को है शनि जयंती, पढ़ें कथा क्यों है शनिदेव के पैर में पीड़ा

सम्बंधित जानकारी

ज़रूर पढ़ें

इस धनतेरस अपनी राशि के अनुसार खरीदें ये वस्तुएं, लक्ष्मी माता की कृपा से हमेशा भरी रहेगी तिजोरी

गुरु पुष्य योग में क्यों की जाती है खरीदारी, जानें महत्व और खास बातें

दिवाली क्यों मनाई जाती है? जानें इतिहास, महत्व और कहानी

जानिए सोने में निवेश के क्या हैं फायदे, दिवाली पर अच्छे इन्वेस्टमेंट के साथ और भी हैं कारण

किसके लिए नया सप्ताह रहेगा लकी, पढ़ें 12 राशियों का साप्ताहिक राशिफल

सभी देखें

नवीनतम

Guru pushya nakshatra: पुष्य नक्षत्र इस बार 24 घंटे 44 मिनट तक का, कल भी कर सकते हैं खरीदारी

Guru pushya nakshatra: गुरु पुष्य नक्षत्र के इस वृक्ष पर अर्पित किया जल तो होगी लक्ष्मी की प्राप्ति

अखंड गुरु पुष्य नक्षत्र का शुभ संयोग आज, इस दिन क्या करें, जानें 20 काम की बातें

Aaj Ka Rashifal: 24 अक्टूबर, दीपावली पूर्व का गुरु-पुष्य नक्षत्र का संयोग आज, जानें किसके चमकेंगे सितारे

24 अक्टूबर 2024 : आपका जन्मदिन

આગળનો લેખ
Show comments