कुंडली के 12 भाव और 12 राशियों में शनि किसी ना किसी भाव या राशि में स्थित होता है। यहां जानते हैं कि किस राशि में शनि के स्थित होने से जातक का स्वभाव कैसा हो सकता है। हालांकि स्वभाव का निर्धारण सिर्फ शनि के किसी राशि में स्थित होने से ही तय नहीं होता। इसके साथ लग्न को भी देखा जाना चाहिए।
1. मेष राशि : यदि शनि मेष राशि में होता है तो जातक आत्मबलहीन, व्यसनी, निर्धन, दुराचारी, लंपट और कृतघ्न होता है।
2. वृषभ राशि : यदि शनि वृषभ राशि में होता है तो जातक असत्यभाषी, द्रव्यहीन, मूर्ख और वचनहीन होता है।
3. मिथुन : यदि शनि मिथुन राशि में हो तो जातक कपटी, दुराचारी, पाखंडी, निर्धन और कामी होता है।
4. कर्क राशि : यदि शनि कर्क राशि में हो तो जातक बाल्यावस्था में दुखी, मातृरहित, प्राज्ञ, उन्नतिशील और विद्वान होता है।
5. सिंह राशि : यदि शनि सिंह राशि में हो तो जातक लेखक, अध्यापक और कार्यकुशल होता है।
6. कन्या राशि : यदि शनि कन्या में हो तो जातक बलवान, मितभाषी, धनवान, संपादक, लेखक, परोपकारी और निश्चिय कार्यकर्ता होता है।
7. तुला राशि : यदि शनि तुला में हो तो जातक सुभाषी, नेता, यशस्वी स्वाभिमानी और उन्नतिशील होता है।
8. वृश्चिक राशि : यदि शनि वृश्चिक में हो तो जातक स्त्रीहीन, क्रोधी, कठोर, हिंसक और लोभी होता है।
9. धनु राशि : यदि शनि धनु में हो तो जातक व्यवहार कुशल, पुत्र की कीर्ति से प्रसिद्धि, सदाचारि, वृद्धावस्था में सुखी होता है।
10. मकर राशि : यदि शनि मकर में हो तो जातक मिथ्याभाषी, आस्तिक, परिश्रमी, भोगी, शिल्पकार और प्रवासी होता है।
11. कुंभ राशि : यदि शनि कुंभ में हो तो जातक व्यसनी, नास्तिक और परिश्रमी होता है।
12. मीन राशि : यदि शनि मीन में हो तो जातक हतोत्साही, अविचारी और शिल्पकार होता है।