पौष मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को संकष्टी चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है। पंचांग के अनुसार 2 जनवरी 2021 को संकष्टी चतुर्थी के दिन व्रत रखकर भगवान गणेश जी की पूजा की जाती है। इस दिन गणेश जी की पूजा करने से जीवन में आने वाले संकट दूर होते हैं।
संकष्टी चतुर्थी की पूजा सुबह और शाम दोनों समय में की जाती है। सुबह व्रत का संकल्प लिया जाता है, वहीं शाम को आरती की जाती है। 2 जनवरी को सुबह की पूजा का शुभ मुहूर्त प्रात: 5 बजकर 25 मिनट से 6 बजकर 20 मिनट तक रहेगा। इसके बाद शाम को पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 5 बजकर 36 मिनट से शाम 6 बजकर 58 मिनट तक है।
श्रीगणेश को दूर्वा अर्पण करने का मंत्र
'श्री गणेशाय नमः दूर्वांकुरान् समर्पयामि।'
चतुर्थी के व्रतों के पालन से संकट से मुक्ति मिलती है और आर्थिक लाभ प्राप्त होता है। संकष्टी के दिन गणपति की पूजा करने से घर से नकारात्मक प्रभाव दूर होते हैं और शांति बनी रहती है। ऐसा कहा जाता है कि गणेश जी घर में आ रही सारी विपदाओं को दूर करते हैं और व्यक्ति की मनोकामनाओं को पूरा करते हैं। यदि चतुर्थी गुरुवार को हो तो मृत्युदा होती है और शनिवार की चतुर्थी सिद्धिदा होती है और चतुर्थी के 'रिक्ता' होने का दोष उस विशेष स्थिति में लगभग समाप्त हो जाता है।