Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia

आषाढ़ अमावस्या की पूजन विधि और पूजा का शुभ मुहूर्त

amavasya 2024

WD Feature Desk

, गुरुवार, 4 जुलाई 2024 (13:53 IST)
Highlights 
 
* जानिए आषाढ़ अमावस्या का शुभ मुहूर्त।
* आषाढ़ अमावस्या पूजा विधि। 
2024 Ashadha amavasya: हिन्दू पंचांग के अनुसार इस बार आषाढ़ कृष्ण अमावस्या 05 जुलाई 2024, दिन शुक्रवार को मनाई जा रही हैं। धार्मिक ग्रंथों के लिए इस अमावस्या का बहुत महत्व बताया गया है। इस दिन किए जाने वाले धार्मिक कर्मों के लिए भी इसे विशेष फलदायी माना गया है। इस दिन पवित्र नदी और तीर्थ स्थलों पर स्नान का कई गुना फल मिलता है। आषाढ़ी अमावस्या को दान-पुण्य और पितरों की आत्मा की शांति के लिए महत्वपूर्ण माना गया है। 
 
आइए जानते हैं पूजा विधि और शुभ मुहूर्त।

पूजा विधि :
 
- आषाढ़ अमावस्या के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर घर की साफ-सफाई करें। 
- इस दिन स्नान के पूर्व जल को प्राणाम करें।
- स्नानादि से निवृत्त होकर व्रत का संकल्प लें। 
- अब किसी नदी या ताल के समक्ष सूर्यदेव को अर्घ्‍य अर्पित करें। 
- पुष्प, फल, धूप, दीप, अगरबत्ती आदि चीजों से भगवान विष्णु और शिव-पार्वती जी तथा तुलसी का पूजन करें। 
- इसके बाद पितरों के निमित्त तर्पण और पूजन करें।
- पूजन समाप्ति के बाद आरती करें।
- आरती के बाद सभी को प्रसाद वितरण करें।
- प्रसाद वितरण के बाद चीटियों को आटा मिश्रित शकर खिलाएं, गाय, कौए और कुत्ते को भोजन कराएं।
- इसके बाद जरूरतमंद, गरीबों या ब्राह्मणों को भोजन कराएं, तत्पश्चात स्वयं भोजन ग्रहण करें। 
 
आषाढ़ अमावस्या शुभ के मुहूर्त : Ashadhi Amavasya 2024 Muhurat 
 
05 जुलाई 2024, शुक्रवार आषाढ़ कृष्ण अमावस्या
 
आषाढ़ कृष्ण अमावस्या का प्रारम्भ -05 जुलाई 2024, दिन शुक्रवार को अलसुबह 04:57 मिनट से।  
अमावस्या का समापन- 06 जुलाई 2024, दिन शनिवार को सुबह 04:26 मिनट पर होगा।  
 
राहुकाल- सुबह 10:41 से दोपहर 12:26 तक। 
 
गुलिक काल- सुबह 07:13 से 08:57 तक।
 
अभिजित मुहूर्त- अपराह्न 11:58 से 12:54 तक। 
 
अमृत काल- सायंकाल 06:01 से 07:38 तक।  

अस्वीकरण (Disclaimer) : चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं, जो विभिन्न सोर्स से लिए जाते हैं। इनसे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। सेहत या ज्योतिष संबंधी किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। इस कंटेंट को जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है जिसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।

Share this Story:

Follow Webdunia gujarati

આગળનો લેખ

Tapti janmotsav: मां ताप्ती जयंती कब है, जानें पूजा का शुभ मुहूर्त