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मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
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लेफ्ट हैंडर्स हैं तो क्या शुभ कार्य नहीं कर सकते? बाएं हाथ से लिखते हैं तो जानिए 15 जरूरी बातें

लेफ्ट हैंडर्स हैं तो क्या शुभ कार्य नहीं कर सकते? बाएं हाथ से लिखते हैं तो जानिए 15 जरूरी बातें
आज की दुनिया में भी कई लोग ऐसे हैं जो यह मानते हैं कि बाएं हाथ से काम करना या बाएं हाथ का प्रयोग करना गलत है। हिंदू धर्म के रीति-रिवाज जैसे तिलक लगाना, यज्ञ-हवन आदि में आहुति देने के लिए दाएं हाथ के प्रयोग को ही वरीयता दी जाती है। बाएं हाथ को अक्सर अशुद्ध और अशुभ माना जाता है। आइए जानें 15 खास बातें...
 
1. हमारे शरीर के बाएं हिस्से को शक्ति का स्वरूप माना जाता है जो भगवान शिव की अर्धांगिनी हैं और भगवान शिव हमारे शरीर के दाएं भाग के प्रतीक हैं।
 
2. मानव की उत्पत्ति ब्रह्मा के कंधे से हुई है, वाम भाग से स्त्री की और दाम भाग से पुरुष की। इसीलिए स्त्री को हर काम में बाएं होने का कहा जाता है।  
 
3. हस्तरेखा शास्त्र हमें बताता है कि किस हाथ का अध्ययन किया जाना चाहिए। एक सिद्धांत के अनुसार पुरुषों के दाएं और महिलाओं के बाएं हाथ का अध्ययन किया जाना चाहिए। 
 
4. वहीं एक सिद्धांत यह भी है कि जो हमारा सक्रिय हाथ है यानि जिस हाथ से हम कार्य करते हैं उसे देखकर ही जातक के संबंध में वर्तमान और भविष्य को लेकर गणनाएं करनी चाहिए, जबकि दूसरे हाथ से अतीत में हुई घटनाओं और हमारी पुरानी आदतों के बारे में आंकलन करना चाहिए।
 
5.वैदिक ज्योतिष के अनुसार महिलाओं के वाम भाग को शुभ और पवित्र माना जाता है और इसीलिए शादी के दौरान वधु को वर के बाईं तरफ बिठाया जाता है।
 
6. कुंडली के तीसरे भाव पर यदि बुध और शनि ग्रह का प्रभाव हो तो ऐसा इंसान वाम हस्त होता है।
 
7. कुंडली का तृतीय भाव हमारे हाथों के बारे में बताता है। इसके साथ ही बुध का इस पर प्रभाव भी जातक को वाम हस्त बनाता है।
 
8. यदि बुध की स्थिति कुंडली में अच्छी है तो बाएं हाथ के ऐसे लोग संचार से जुड़े क्षेत्रों में अच्छा प्रदर्शन करते हैं।
 
9. ऐसे जातकों के छोटे भाई-बहन, पड़ोसी और रिश्तेदार इनके बहुत सहायक होते हैं और इनका भाग्य कहीं न कहीं छोटे भाई-बहनों और रिश्तेदारों को भी फायदा पहुंचाता है।
 
10. नौवें भाव को भाग्य स्थान कहा जाता है जो कि बुध के स्वाभाविक घर यानि की कुंडली के तीसरे भाव से सातवां है। इन दोनों के बीच का संबंध बाएं हाथ से काम करने वालों के लिए लाभकारी होता है।
 
11. हमारा हृदय भी बाईं ओर होता है इसलिए यह स्त्रैण या नरम भाग समझा जाता है इसलिए इसका ध्यान रखा जाना चाहिए। स्त्रैण होने का अर्थ कमजोर होना नहीं है बल्कि यह अधिक संवेदनशील और ग्रहणशीलता को दर्शाता है।
 
12. हमारी अनुवांशिकता यह तय करती है कि हम बाएं हाथ का उपयोग ज्यादा करेंगे या दाएं।
 
13. हमारे मस्तिष्क का दायां भाग रचनात्मकता से जुड़ा हुआ है, और यह पक्ष बाएं हाथ से काम करने वालों में प्रमुख है, जबकि दाहिने हाथ से काम करने वालों में मस्तिष्क का बायां भाग प्रमुख है।
 
14. बाएं हाथ का प्रयोग करने वाले वास्तुकला, कला और रचनात्मक कार्यों में बाकी लोगों से काफी बेहतर होते हैं।
 
15. बाएं हाथ का प्रयोग करने वाले लोग कई खेलों में प्रबल होते हैं, जैसे टेनिस, क्रिकेट, वॉलीबॉल, आदि।

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