Webdunia - Bharat's app for daily news and videos

Install App

kharmas 2020 : 14 मार्च 2020 से खरमास आरंभ, बंद होंगे शुभ कार्य

आचार्य राजेश कुमार
शुक्रवार, 13 मार्च 2020 (11:47 IST)
kharmas 2020


खरमास को मलिन मास माना जाता है। इस महीने में हिन्दू धर्म के विशिष्ट व्यक्तिगत संस्कार जैसे नामकरण, यज्ञोपवीत, विवाह और कोई भी धार्मिक संस्कार नहीं होता है।
 
हिन्दू धर्म में खरमास के महीने में किसी भी तरह के शुभ काम नहीं किए जाते। पंचाग की मानें तो जब से सूर्य बृहस्पति राशि में प्रवेश करता है तभी से खरमास या मलमास या अधिकमास प्रारंभ हो जाता है। हिन्दू धर्म में इस महीनें को शुभ नहीं माना जाता है। इसलिए इस महीने में किसी भी तरह के नए काम या शुभ काम नहीं किए जाते हैं। 
 
शास्त्रोक्त मान्यता है कि सूर्यदेव की उपासना से यश,कीर्ति, वैभव और मान-सम्मान की प्राप्ति होती है। इसलिए सूर्य उपासना का बड़ा महत्व बताया गया है। खरमास या मलमास सूर्य से संबंधित है इसलिए इन दिनों में सूर्य उपासना के साथ दान, धर्म और उपासना का विशेष महत्व बतलाया गया है। 14 मार्च को सूर्यदेव मीन राशि में प्रवेश करेंगे इसलिए 14 मार्च से लेकर 13 अप्रैल तक खरमास रहेगा
 
कब से लग रहा है खरमास
 
ज्योतिषाचार्य की मानें तो दिसंबर 14 मार्च -2020 से खरमास शुरू हो जाएगा। इसी दिन से सूर्य बृहस्पति में प्रवेश करेगा और 13 अप्रैल 2020 को समाप्त होगा।
 
खरमास में ना करें ये काम
 
मलमास या खरमास में किसी भी तरह का कोई मांगलिक कार्य ना करें। जैसे शादी, सगाई, वधु प्रवेश, गृह प्रवेश, गृह निर्माण, नए व्यापार का आरंभ आदि ना करें। मांगलिक कार्यों के सिद्ध होने के लिए गुरु का प्रबल होना बहुत जरुरी है। बृहस्पति जीवन के वैवाहिक सुख और संतान देने वाला होता है। मलमास के दौरान, गंगा और गोदावरी के साथ-साथ उत्तर भारत के उत्तराखंड, उत्तरप्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, राजस्थान, राज्यों में सभी मांगलिक कार्य व यज्ञ करना निषेध होता है। 
 
खरमास पर क्या करें
 
खरमास के दिनों में दान पुण्य का विशेष महत्व है इसलिए इन दिनों में किया गया दान का विशेष फल प्राप्त होता है। इसलिए खरमास के दौरान जितना संभव हो सके गरीबों, असहायों और जरूरतमंदों को दान करें। खरमास में सूर्य आराधना का विशेष महत्व है। इसलिए इन दिनों सुबह जल्दी उठ जाएं और स्नान आदि से निवृत्त होकर सूर्य को अर्घ्य दें और सूर्य आराधना करें। आदित्य हृदय स्त्रोत और सूर्य मंत्रों का जाप करें। गर्मी का दौर प्रारंभ  हो गा  इसलिए गाय को हरा चारा खिलाएं, गौसेवा करे और पक्षियों के लिए दाना-पानी की व्यवस्था करें। अनाथ बच्चों को कुछ दान करें। इससे शुभ फल की प्राप्ति होती है।
 
 
आचार्य राजेश कुमार
(rajpra.infocom@gmail.com)

सम्बंधित जानकारी

ज़रूर पढ़ें

ज्योतिष की नजर में क्यों है 2025 सबसे खतरनाक वर्ष?

Indian Calendar 2025 : जानें 2025 का वार्षिक कैलेंडर

Vivah muhurat 2025: साल 2025 में कब हो सकती है शादियां? जानिए विवाह के शुभ मुहूर्त

रावण का भाई कुंभकरण क्या सच में एक इंजीनियर था?

शुक्र का धन राशि में गोचर, 4 राशियों को होगा धनलाभ

सभी देखें

नवीनतम

23 नवंबर 2024 : आपका जन्मदिन

23 नवंबर 2024, शनिवार के शुभ मुहूर्त

Vrishchik Rashi Varshik rashifal 2025 in hindi: वृश्चिक राशि 2025 राशिफल: कैसा रहेगा नया साल, जानिए भविष्‍यफल और अचूक उपाय

Kaal Bhairav Jayanti 2024: काल भैरव जयंती कब है? नोट कर लें डेट और पूजा विधि

Tula Rashi Varshik rashifal 2025 in hindi: तुला राशि 2025 राशिफल: कैसा रहेगा नया साल, जानिए भविष्‍यफल और अचूक उपाय

આગળનો લેખ
Show comments