Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia

हर साल क्यों आता है खरमास? पढ़ें पौराणिक कथा...

हर साल क्यों आता है खरमास? पढ़ें पौराणिक कथा...
पौराणिक ग्रंथों के अनुसार खरमास की कहानी कुछ यूं है। भगवान सूर्य देव 7 घोड़ों के रथ पर सवार होकर लगातार ब्रह्मांड की परिक्रमा करते रहते हैं। उन्हें कहीं पर भी रुकने की इजाजत नहीं है। उनके रुकते ही जनजीवन भी जो ठहर जाएगा। लेकिन जो घोड़े उनके रथ में जुते होते हैं, वे लगातार चलने व विश्राम न मिलने के कारण भूख-प्यास से बहुत थक जाते हैं।
 
उनकी इस दयनीय दशा को देखकर सूर्य देव का मन भी द्रवित हो गया। भगवान सूर्य देव उन्हें एक तालाब किनारे ले गए लेकिन उन्हें तभी यह भी आभास हुआ कि अगर रथ रुका तो अनर्थ हो जाएगा। लेकिन घोड़ों का सौभाग्य कहिए कि तालाब के किनारे दो खर मौजूद थे। 
 
अब भगवान सूर्य देव घोड़ों को पानी पीने व विश्राम देने के लिए छोड़ देते हैं और खर यानी गधों को अपने रथ में जोड़ लेते हैं। अब घोड़ा, घोड़ा होता है और गधा, गधा। रथ की गति धीमी हो जाती है फिर भी जैसे-तैसे 1 मास का चक्र पूरा होता है, तब तक घोड़ों को भी विश्राम मिल चुका होता है। इस तरह यह क्रम चलता रहता है और हर सौरवर्ष में 1 सौरमास 'खरमास' कहलाता है।

 
खरमास अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार 16 दिसंबर के आसपास सूर्य देव के धनु राशि में संक्रमण से शुरू होता है व 14 जनवरी को मकर राशि में संक्रमण न होने तक रहता है। इसी तरह 14 मार्च के आसपास सूर्य, मीन राशि में संक्रमित होते हैं। इस दौरान लगभग सभी मांगलिक कार्य वर्जित माने जाते हैं।


Share this Story:

Follow Webdunia gujarati

આગળનો લેખ

आज भी प्रासंगिक हैं गुरु गोविंद सिंह के ये 11 उपदेश, आप भी पढ़ें...