Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia

क्या आप जानते हैं कैसे करें दुर्गासप्तशती का पाठ, पढ़ें प्रामाणिक विधि

क्या आप जानते हैं कैसे करें दुर्गासप्तशती का पाठ, पढ़ें प्रामाणिक विधि
webdunia

पं. हेमन्त रिछारिया

नवरात्रि में दुर्गासप्तशती का पाठ करना अनन्त पुण्य फलदायक माना गया है। 'दुर्गासप्तशती' के पाठ के बिना  दुर्गा पूजा अधूरी मानी गई है। लेकिन दुर्गासप्तशती के पाठ को लेकर श्रद्धालुओं में बहुत संशय रहता है।


शास्त्रानुसार दुर्गाशप्तशती का पाठ करने का विधान स्पष्ट किया गया है। यदि एक दिन में पू्र्ण शास्त्रोक्त-विधि  से दुर्गासप्तशती का पाठ संपन्न करने की सामर्थ्य ना हो तो निम्नानुसार क्रम व विधि से भी दुर्गासप्तशती का पाठ करना श्रेयस्कर रहता है।

आइए जानते हैं, 'दुर्गासप्तशती' के पाठ की सही विधि क्या है। यदि एक दिन में दुर्गासप्तशती का पूर्ण पाठ करना हो तो निम्न विधि से किया जाना चाहिए-
 
1. प्रोक्षण (अपने ऊपर नर्मदा जल का सिंचन करना)
2. आचमन
3. संकल्प
4. उत्कीलन
5. शापोद्धार
6. कवच
7. अर्गलास्त्रोत
8. कीलक
9. सप्तशती के 13 अध्यायों का पाठ (इसे विशेष विधि से भी किया जा सकता है)
10. मूर्ति रहस्य
11. सिद्ध कुंजीका स्त्रोत
12. क्षमा प्रार्थना
विशेष विधि-
दुर्गासप्तशती के 1 अध्याय को प्रथम चरित्र, 2, 3, 4 अध्याय को मध्यम चरित्र एवं 5 से लेकर 13 अध्याय को उत्तम चरित्र कहते हैं। जो श्रद्धालुगण पूरा पाठ (13 अध्याय) एक दिन में संपन्न करने में सक्षम नहीं हैं, वे निम्न क्रम से भी दुर्गासप्तशती का पाठ कर सकते हैं-

 
1. प्रथम दिवस- 1 अध्याय
2. द्वितीय दिवस- 2 व 3 अध्याय
3. तृतीय दिवस- 4 अध्याय
4. चतुर्थ दिवस- 5, 6, 7, 8 अध्याय
5. पंचम् दिवस- 9 व 10 अध्याय
6. षष्ठ दिवस- 11 अध्याय
7. सप्तम् दिवस- 12 व 13 अध्याय
8. अष्टम् दिवस- मूर्ति रहस्य, हवन व क्षमा प्रार्थना
9. नवम् दिवस- कन्याभोज इत्यादि।
 
 
ज्योतिर्विद् पं. हेमन्त रिछारिया
प्रारब्ध ज्योतिष परामर्श केन्द्र
सम्पर्क: astropoint_hbd@yahoo.com
 

Share this Story:

Follow Webdunia gujarati

આગળનો લેખ

16 जुलाई से कर्क में सूर्य, जानिए किस राशि के लिए शुभ, किसके लिए अशुभ