Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia

चंड भैरव कौन हैं, जानिए उनका सिद्ध मंत्र

चंड भैरव कौन हैं, जानिए उनका सिद्ध मंत्र

अनिरुद्ध जोशी

मुख्‍यत: काल भैरव और बटुक भैरव की पूजा का प्रचलन है। श्रीलिंगपुराण 52 भैरवों का जिक्र मिलता है। मुख्य रूप से आठ भैरव माने गए हैं- 1.असितांग भैरव, 2. रुद्र या रूरू भैरव, 3. चण्ड भैरव, 4. क्रोध भैरव, 5. उन्मत्त भैरव, 6. कपाली भैरव, 7. भीषण भैरव और 8. संहार भैरव। आदि शंकराचार्य ने भी 'प्रपञ्च-सार तंत्र' में अष्ट-भैरवों के नाम लिखे हैं। तंत्र शास्त्र में भी इनका उल्लेख मिलता है। इसके अलावा सप्तविंशति रहस्य में 7 भैरवों के नाम हैं। इसी ग्रंथ में दस वीर-भैरवों का उल्लेख भी मिलता है। इसी में तीन बटुक-भैरवों का उल्लेख है। रुद्रायमल तंत्र में 64 भैरवों के नामों का उल्लेख है। आओ जानते हैं भगवान चण्ड भैरव की संक्षिप्त जानकारी।
 
1. चण्ड भैरव सफेद रंग के हैं और उनकी तीन आंखें हैं। 
 
2. चण्ड भैरव मोर पर सवारी करते हैं।
 
3. उनके एक हाथ में तलवार, दूसरे में पात्र, तीसरे में तीर और चौथे में धनुष है।
 
4. दक्षिण दिशा के स्वामी, मृगशिरा नक्षत्र और रत्न मूंगा है। तमिलनाडु में वैठीश्‍वर नामक इनका मंदिर है।
 
5. भगवान भैरव के इस रूप को पूजने वाला व्यक्ति अपने शत्रुओं पर विजयी प्राप्त करता है तथा हर बुरी परिस्थिति से लड़ने की क्षमता आती है।
 
6. मंत्र : ॐ हूं हूं चंड चंड भैरवाय भ्रं भ्रं हूं हूं फट्। 
 
चण्डभैरव ध्यानम्
बिभ्राणं शुभ्रवर्णं द्विगुणदशभुजं पञ्चवक्त्रन्त्रिणेत्रं
दानञ्छत्रेन्दुहस्तं रजतहिममृतं शङ्खभेषस्यचापम् ।
शूलं खड्गञ्च बाणं डमरुकसिकतावञ्चिमालोक्य मालां सर्वाभीतिञ्च दोर्भीं भुजतगिरियुतं भैरवं सर्वसिद्धिम्॥
 

Share this Story:

Follow Webdunia gujarati

આગળનો લેખ

Sankashti Chaturthi 2021: 29 मई को एकदंत संकष्टी चतुर्थी, जानें महत्व, पूजा विधि एवं शुभ मुहूर्त